28 अक्टूबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: शासन:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
तुर्की का नवीनतम ‘दुष्प्रचार’ कानून क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
मुख्य परीक्षा: तुर्की के दुष्प्रचार कानून का समालोचनात्मक मूल्यांकन।
संदर्भ:
- तुर्की की संसद ने हाल ही में विवादास्पद “दुष्प्रचार कानून” (disinformation law) बनाया है।
तुर्की का दुष्प्रचार कानून:
- इस नए कानून के तहत सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं और पत्रकारों को “दुष्प्रचार” फैलाने पर तीन साल तक की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।
- नए कानून में कुल मिलाकर 40 से अधिक अनुच्छेद हैं और यह लगभग 23 विभिन्न मौजूदा कानूनों में बदलाव लाएगा।
- इस कानून का अनुच्छेद 29 सभी अनुच्छेदों में सबसे अधिक विवादास्पद अनुच्छेद रहा है।
- इस कानून के अनुच्छेद 29 में “सार्वजनिक चिंता, भय और दहशत पैदा करने के उद्देश्य से” देश की घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था और स्वास्थ्य से संबंधित “सच्चाई के विपरीत” सूचना प्रसारित करने पर तीन साल तक के कारावास का प्रावधान है।”
- इस नए कानून को लागू करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से देश की अदालतों में यूजर डेटा हस्तांतरित करने की मांग की जा सकती है।
कानून से सम्बंधित चिंताएं:
- वेनिस आयोग, जो संवैधानिक मामलों पर यूरोपीय परिषद की एक सलाहकार संस्था है, ने दुष्प्रचार जैसे कुछ महत्वपूर्ण शब्दों की अस्पष्ट व्याख्या के सम्बन्ध में चिंता जताई है।
- आयोग ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि “सार्वजनिक शांति” में गड़बड़ी पैदा करने का पैमाना क्या है।
- साथ ही, अभियोजकों को कानून में पदों की व्याख्या करने की जिम्मेदारी सौंपने के लिए भी कानून के खिलाफ चिंताएं जाहिर की गई है।
- आलोचकों के अनुसार, चूँकि तुर्की एक अत्यधिक ध्रुवीकृत देश है और अतीत में पत्रकारों तथा अन्य सामाजिक-कार्यकर्ताओं के खिलाफ अदालतों द्वारा निर्णय पारित किये गए हैं। ऐसे में वे नए कानून को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।
- आलोचकों का यह भी तर्क है कि सरकारी आख्यानों को चुनौती देने वाले और सच्चाई को उजागर करने वाले कानूनों और सामग्रियों को भी “दुष्प्रचार” घोषित किया जा सकता है।
पत्रकारों की चिंताएं:
- यह नया कानून अब समाचार वेबसाइटों को मुख्यधारा की मीडिया के रूप में मान्यता देगा और इसलिए अब उन्हें समाचार पत्रों के समान नियमों का पालन करना आवश्यक होगा।
- कानून के तहत नियामक प्राधिकरण द्वारा आपत्ति जताए जाने पर समाचार वेबसाइटों को रिपोर्ट हटाने और उसी हाइपरलिंक पर रिपोर्ट का खंडन करने वाली एक पोस्ट करना अनिवार्य किया जा सकता है।
- विशेषज्ञों और आलोचकों के अनुसार, प्रेस स्वतंत्रता के संबंध में तुर्की का रिकॉर्ड पहले से ही ख़राब रहा है और यह वर्ष 2022 के प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में 180 में से 149 वें स्थान पर है।
- इसके अलावा जर्नलिस्ट्स यूनियन ऑफ़ टर्की की रिपोर्टों के अनुसार, 2021 में 270 से अधिक पत्रकारों पर मुकदमा चलाया गया था, जबकि 57 अन्य पर शारीरिक हमला किया गया था और 54 से अधिक समाचार वेबसाइटों और 1,355 लेखों को ब्लॉक कर दिया गया था।
सरकार का रुख:
- तुर्की सरकार का तर्क है कि यह नया कानून झूठे नामों के जरिये अवैध सामग्री साझा करने, गुमनाम खातों द्वारा किसी को बदनाम करने और सोशल मीडिया तथा इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग राजनीतिक विचारों, धर्म या जातीयता के व्यक्तियों को बदनाम करने की घटनाओं से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।
- तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि बढ़ते “डिजिटल फासीवाद” (digital fascism) और राष्ट्रीय तथा वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन रही झूठी खबरों के प्रसार के कारण इस तरह का कानून आवश्यक हो गया था।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
योजनाओं और फंड में कटौती का निराशाजनक मामला:
शासन:
विषय: विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप।
मुख्य परीक्षा: केंद्र प्रायोजित योजनाओं का युक्तिकरण।
संदर्भ:
- केंद्र सरकार ने पिछले तीन वर्षों में केंद्र प्रायोजित 50% से अधिक योजनाओं को बंद, सम्मिलित (किसी नियम के अंतर्गत करना), संशोधित या युक्तिसंगत बनाया है।
भूमिका:
- केंद्रीय बजट 2022-2023 में केंद्र प्रायोजित योजनाओं (CSS) के संशोधन/युक्तिकरण की घोषणा की गई थी। पिछले तीन वर्षों में ऐसी योजनाओं की संख्या आधी रह गई है।
- केंद्र प्रायोजित योजनाएं सभी नागरिकों के लिए न्यूनतम कल्याण मानक सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार की सार्वजनिक नीति का एक महत्वपूर्ण घटक हैं।
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं को पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाता है लेकिन इन्हे राज्यों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। सरकार ने 2022-2023 के बजट में ऐसी योजनाओं के लिए 4,42,781.19 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
- बजट दस्तावेज़ के अनुसार, सभी मंत्रालयों में वितरित 130 केंद्र प्रायोजित योजनाओं को 65 योजनाओं में ‘तर्कसंगत या पुनर्निर्मित’ किया गया है।
विभिन्न मंत्रालयों पर प्रभाव:
- केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, जिसके अंतर्गत 19 केंद्र प्रायोजित योजनाएं संचालित की जा रही थीं, के पास अब केवल तीन योजनाएं हैं। ये हैं-
- मिशन शक्ति- इसमें 14 योजनाओं को सम्मिलित किया है जिसमें ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना भी शामिल है।
- मिशन वात्सल्य
- सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0
चित्र स्रोत: Accountability India
- पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत, 12 केंद्र प्रायोजित योजनाओं को दो योजनाओं में बदल दिया गया है, जबकि 3 को बंद कर दिया गया है।
- ये दो नई योजनाएं हैं: बुनियादी ढांचा विकास कोष और विकास कार्यक्रम (पशुपालन)।
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत बीस केंद्र प्रायोजित योजनाओं को तीन योजनाओं (कृषोन्नति योजना, कृषि सहकारिता पर एकीकृत योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना) में युक्तिसंगत बनाया गया है
- इसी तरह, बजट 2022-2023 से पता चलता है कि जैविक खेती पर राष्ट्रीय परियोजना को ‘स्थापना व्यय में स्थानांतरित’ कर दिया गया है।
युक्तिसंगत बनाने के कारण:
- 15वें वित्त आयोग सहित विभिन्न वित्त आयोगों ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिश की थी।
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं का युक्तिकरण क्षेत्र विशिष्ट हस्तक्षेपों के माध्यम से बेहतर परिणामों के साथ संसाधनों का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करेगा।
- इससे लक्षित समूहों तक लाभों की व्यापक पहुंच सुनिश्चित होगी।
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने से राज्यों को अधिक स्वायत्तता और राजकोषीय गुंजाइश (fiscal space) उपलब्ध हो सकती है।
- वर्ष 2015 में प्रधान मंत्री मोदी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के युक्तिकरण पर मुख्यमंत्रियों के एक उप-समूह का गठन किया था।
- इसके द्वारा केंद्र प्रायोजित योजनाओं को 28 अम्ब्रेला योजनाओं में ‘तर्कसंगत या पुनर्निर्मित’ किया गया है जिसमें से छह ‘कोर ऑफ द कोर’, 20 ‘कोर’ और दो ‘वैकल्पिक’ योजनाएं शामिल हैं। ऐसा केंद्र प्रायोजित योजनाओं के प्रभाव को बढ़ाने, उनके बजट आवंटन को बनाए रखने और राज्यों को योजना के क्रियान्वयन के संबंध में लचीलापन प्रदान करने के लिए किया गया था।
मौजूदा योजनाओं के लिए चुनौतियां:
- मौजूदा योजनाओं के समक्ष वित्त में कटौती, संवितरण और धन के उपयोग जैसी चुनौतियां हैं।
- जून 2022 तक, केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं के लिए निर्धारित 1.2 लाख करोड़ रुपये की धनराशि उन बैंकों के पास है जो केंद्र के लिए ब्याज आय अर्जित करते हैं।
- इस संदर्भ में निर्भया फंड (Nirbhaya fund) एक दिलचस्प मामला है। निर्भया फंड सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार और आर्थिक तथा सामाजिक गतिविधियों में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने हेतु एक योजना है। निर्भया फंड में सालाना (2013-16) आधार पर 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किया गया था, लेकिन यह काफी हद तक अव्ययित रहा है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा-Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act (MGNREGA)) के लिए आवंटन लगभग 25% कम हो गया है। वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इस योजना के लिए 73,000 करोड़ रुपये आवंटित किया था, जबकि वित्त वर्ष 2011-22 में यह 98,000 करोड़ रुपये था।
- यहां तक कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा- Accredited Social Health Activists (ASHA)), जो प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता हैं, को वेतन देने में छह महीने तक की देरी हुई है।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत वन्यजीव आवास विकास के लिए अनुदान में गिरावट आई है: वित्त वर्ष 2018-19 में अनुदान की राशि ₹165 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2019-20 में 124.5 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 20-21 में 87.6 करोड़ रुपये थी।
- प्रोजेक्ट टाइगर के लिए आवंटन घटा दिया गया है। इसे वित्त वर्ष 18-19 में 323 करोड़ रुपये से घटाकर वित्त वर्ष 20-21 में 194.5 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
- पिछले कुछ वर्षों में उर्वरक सब्सिडी में गिरावट आई है।
- वित्त वर्ष 20-21 में उर्वरकों पर वास्तविक सरकारी खर्च 1,27,921 करोड़ रुपये था।
- वित्त वर्ष 22-23 के बजट में, आवंटन1,05,222 करोड़ रुपये था।
- NPK उर्वरकों (नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम) के लिए आवंटन वित्त वर्ष 2011-22 में संशोधित अनुमानों की तुलना में 35% कम था।
बजट में कटौती और धन के कम उपयोग के मुद्दे:
- सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं द्वारा सामना किए जाने वाले महत्वपूर्ण जोखिमों के बावजूद धन के कम उपयोग के कारण राज्यों में विभिन्न प्रकार की महिला-केंद्रित विकास योजनाओं को बंद किया जा रहा है।
- आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि ग्रामीण संकट जारी रहने के कारण मनरेगा की मांग पूर्व-महामारी के स्तर से अधिक थी। उपाख्यानात्मक रिपोर्टों से पता चलता है कि मनरेगा के लिए वास्तविक धन वितरण में प्रायः देरी हुई है, जिससे योजना में विश्वास कम हुआ है।
- यूक्रेन युद्ध के कारण उर्वरक की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई और ऐसे समय में सब्सिडी में कमी के कारण किसानों को नुकसान उठाना पड़ा।
- जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों के तहत कई दायित्वों को पूरा करने हेतु पर्यावरण मंत्रालय के लिए वित्त पोषण में सुधार किये जाने की जरूरत है।
भावी कदम:
- राज्य सरकारों के पास यह सुनिश्चित करने के लिए लचीलापन होना चाहिए कि योजनाएं लक्षित समूहों को लाभान्वित करें क्योंकि राज्य सरकार ही योजनाओं को लागू करती हैं।
- केंद्र प्रायोजित योजनाओं के पुनर्गठन पर संबंधित हितधारकों के साथ उचित चर्चा और संवाद होना चाहिए, जिसमें सातवीं अनुसूची में संवैधानिक संशोधन को भी शामिल किया जाना चाहिए।
- योजनाओं की बजटीय प्रक्रियाओं में रुकावट, जैसे कि धन के प्रवाह में देरी, खर्च के लिए स्वीकृति आदेश जारी करने में देरी आदि का समाधान किया जाना चाहिए।
- जिला/उप-जिला स्तर के अधिकारियों को वित्तीय शक्तियों के अक्षम प्रत्यायोजन को दूर करने के लिए राज्यों में निर्णय लेने की प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया जाना चाहिए।
- हमें वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए एक कुशल नागरिक सेवा क्षमता (यानी भ्रष्टाचार मुक्त कल्याण प्रणाली सुनिश्चित करना, आधुनिक अर्थव्यवस्था का संचालन करना और बेहतर सार्वजनिक सामान उपलब्ध कराना) का निर्माण करने की आवश्यकता है।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1.C-295 विमान:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
सुरक्षा:
विषय: सुरक्षा चुनौतियां और उनका प्रबंधन।
प्रारंभिक परीक्षा: C-295MW विमान से सम्बंधित तथ्य।
संदर्भ:
- प्रधानमंत्री एयरबस के साथ साझेदारी में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा वडोदरा (गुजरात) में C-295 विमान के लिए एक निर्माण सुविधा की नींव रखेंगे।
पृष्ठभूमि:
- गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय (MoD) ने 56 C-295 MW विमानों की खरीद के लिए एयरबस के साथ 22,000 करोड़ रुपये के एक सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
- यह अपनी तरह का एक ऐसा समझौता था जिसमें निजी क्षेत्र द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में सैन्य विमान का निर्माण किया जाएगा।
- ऐसा कहा जा रहा है कि भारत द्वारा खरीदे जाने वाले 56 C-295 MW विमानों में से 40 विमानों का निर्माण वडोदरा में स्थापित नई सुविधा में किया जाएगा।
C-295MW विमान:
- C-295MW विमान 5-10 टन तक की वहन क्षमता का एक परिवहन विमान है जिसका उपयोग लगभग 71 यात्रियों या 50 पैराट्रूपर्स के सामरिक परिवहन के लिए और उन स्थानों पर रसद संचालन के लिए किया जा सकता है जहाँ भारी विमानों का संचालन संभव नहीं हैं।
- यह विमान हल्के और मध्यम श्रेणी में नई पीढ़ी का टैक्टिकल एयरलिफ्टर है। (एयरलिफ्टर-एक ऐसा विमान जो अक्सर सामान या यात्रियों को दुर्गम क्षेत्र से लाने/ले जाने के लिए उपयोग किया जाता है।)
- C-295 विमान को छोटी या बिना तैयार हवाई पट्टियों से संचालित किया जा सकता है और इसमें शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग (Short take-off and landing (STOL)) क्षमताएं निहित होती हैं।
- C-295 विमान ने दुनिया भर में सभी मौसम परिस्थितियों में विभिन्न प्रकार की भूमिकाओं का निर्वहन किया है जिसमें दिन और रात के युद्ध मिशन और सभी चरम मौसम की स्थिति जैसे कि रेगिस्तान और समुद्री वातावरण शामिल हैं।
- C-295 विमान भारतीय वायु सेना (IAF) के एवरो विमानों के पुराने बेड़े की जगह लेगा जो 1960 के दशक में खरीदे गए थे। इसके साथ, IAF दुनिया भर में इस विमान का 35वां C295 ऑपरेटर बन जाएगा।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. देवी-देवताओं की छवियों वाले सिक्के कुषाणों से संबंधित हैं:
- भारत में देवी-देवताओं की छवियों के साथ सिक्के बनाने की एक प्राचीन परंपरा रही है।
- मध्य एशियाई क्षेत्र से आने वाले और तीसरी शताब्दी ईस्वी तक शासन करने वाले कुषाण अपने सोने के सिक्कों के लिए जाने जाते थे। यह सिक्कों पर धन की ईरानी देवी अर्दोक्षो (Ardochsho) के साथ देवी लक्ष्मी की छवि को अंकित करने वाला पहला राजवंश था।
- कुषाण (Kushans) अपने सिक्के पर ओशो (Oesho) (शिव), मिरो (चंद्र देव) और बुद्ध (Buddha) को भी चित्रित करते थे।
- विजयनगर (Vijayanagara) के राजाओं के पास भी हिंदू देवताओं वाले सिक्के थे।
- हरिहर-द्वितीय (1377-1404) ने ब्रह्मा-सरस्वती, विष्णु-लक्ष्मी और शिव-पार्वती की छवियों वाले सिक्कों की शुरुआत की थी।
- इसके अलावा, मुहम्मद गोरी ने भी 1192 ईस्वी में तराइन के युद्ध में पृथ्वीराज चौहान को हराकर अपने सोने के सिक्कों पर देवी लक्ष्मी की आकृति की मुहर अंकित करवाई थी।
- भारत के सिक्के के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए;Coinage of India
2. कानून-व्यवस्था पर राज्यों की एक समान नीति हो: शाह
- केंद्रीय गृह मंत्री ने आग्रह किया है कि सभी राज्यों को एक समान कानून और व्यवस्था नीति बनानी चाहिए क्योंकि सीमा पार आतंकवाद और साइबर अपराध जैसे कुछ अपराध क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से परे हैं।
- गृह मंत्री ने आतंकवाद और अन्य अपराधों के आंकड़ों के केंद्रीकरण का भी आह्वान किया और कहा कि प्रत्येक राज्य में 2024 तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency (NIA)) का एक कार्यालय स्थापित किया जाएगा क्योंकि एजेंसी को आतंकवादी गतिविधियों से निपटने के लिए आतंकवाद से संबंधित मामलों में संपत्ति को जब्त करने के लिए अतिरिक्त क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र और अतिरिक्त शक्तियां प्रदान की गई हैं।
- गृह मंत्री ने राज्यों से राष्ट्रीय खुफिया ग्रिड (National Intelligence Grid (NATGRID)) का उपयोग करने का भी आग्रह किया, जो 11 एजेंसियों के डेटासेट को एक साझा मंच पर लाता है।
- उन्होंने सीमावर्ती और तटीय राज्यों के महत्व पर भी प्रकाश डाला ताकि सीमा और तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और सुरक्षा बलों के साथ अधिक ठोस प्रयास किए जा सकें। साथ ही, सरकार “एक डेटा, एक प्रविष्टि” के सिद्धांत पर काम कर रही है।
3. मौत की सजा पाए दोषियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण जरूरी: सर्वोच्च न्यायालय
- भारत के मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में स्पष्ट किया है कि मौत की सजा पाए कैदियों की अपील पर सुनवाई शुरू होने से पहले विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा कैदियों का मनोवैज्ञानिक परीक्षण और जांचकर्ताओं द्वारा उनका मूल्यांकन किया जाना महत्वपूर्ण है।
- सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि ये परीक्षण अदालतों को उन दोषियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति और पृष्ठभूमि की एक स्वतंत्र और समग्र तस्वीर बनाने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगे, जिनका जीवन अधर में लटका हुआ है।
- इसके अलावा, अदालत ने माना कि शमन विशेषज्ञों को किसी भी परिस्थिति का पता लगाने के लिए कैदियों तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए जो अदालत के लिए मददगार साबित हो सकती है, क्योंकि मृत्युदंड के मामलों में महत्वपूर्ण विवरणों की अनदेखी के अपूरणीय परिणाम हो सकते हैं।
- भारत में मृत्युदंड के सम्बन्ध में अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Capital Punishment or death penalty in India
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. निम्नलिखित पर्वतों/पहाड़ियों को पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर व्यवस्थित कीजिए: (स्तर – कठिन)
- कैंटब्रियन पर्वत (Cantabrian Mountains)
- आवर्न पर्वत (Auvergne Mountains)
- मैटरहॉर्न पहाड़ियाँ (Matterhorn Hills)
- टाट्रा पर्वत (Tatra Mountains)
विकल्प:
(a) 1-2-3-4
(b) 2-4-1-2
(c) 4-1-3-2
(d) 4-2-1-3
उत्तर: a
व्याख्या:
प्रश्न 2. सैयद इब्राहिम खान के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)
- वे 16वीं सदी के सूफी कवि थे जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के या तो अमरोहा या हरदोई में हुआ था।
- वे कृष्ण के अनुयायी बन गए और अपना संपूर्ण जीवन वृंदावन में व्यतीत किया।
विकल्प:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: सैयद इब्राहिम खान 16वीं सदी के सूफी कवि थे जिनका जन्म या तो अमरोहा या उत्तर प्रदेश के हरदोई में हुआ था।
- कथन 2 सही है: वह हिंदू देवता कृष्ण के भक्त बन गए और उसके बाद उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन वृंदावन में बिताया।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन अमेरिकी मूल के रक्षा उपकरण हैं? (स्तर – कठिन)
- हॉक इंटरसेप्टर मिसाइल
- जेवलिन एंटी टैंक मिसाइल प्रणाली
- MIM-104 पेट्रियट
- SAMP/T
- स्टिंगर मिसाइल प्रणाली
विकल्प:
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 1, 2, 3 और 5
(d) केवल 2, 3, 4 और 5
उत्तर: c
व्याख्या:
- हॉक (HAWK) इंटरसेप्टर मिसाइल अमेरिका में निर्मित एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
- FGM-148 जेवलिन या उन्नत एंटी-टैंक वेपन सिस्टम-मीडियम एक अमेरिका द्वारा निर्मित पोर्टेबल एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम है।
- MIM-104 पेट्रियट सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलों का मुकाबला करने के लिए एक अमेरिका द्वारा निर्मित लंबी दूरी की, सभी ऊंचाई, हर मौसम में कारगर वायु रक्षा प्रणाली है।
- SAMP/T फ्रांस और इटली द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है।
- स्टिंगर मिसाइल प्रणाली अमेरिका द्वारा निर्मित मानव-पोर्टेबल वायु-रक्षा प्रणाली है जो एक इंफ्रारेड होमिंग सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
प्रश्न 4. हाल ही में चर्चा में रहा नक़ौरा (Naqoura) किस देश का एक शहर है? (स्तर – मध्यम)
(a) यूक्रेन
(b) लेबनान
(c) ईरान
(d) अज़रबैजान
उत्तर: b
व्याख्या:
- नक़ौरा इज़राइली सीमा के पास स्थित दक्षिणी लेबनान का एक शहर है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)
वन्यजीव अभ्यारण्य राज्य/संघ राज्य क्षेत्र
- असोला भट्टी वन्यजीव अभयारण्य दिल्ली
- चक्रशिला वन्यजीव अभयारण्य असम
- गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश
- गोविंद वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड
उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक युग्म
(b) केवल दो युग्म
(c) केवल तीन युग्म
(d) सभी चारों युग्म
उत्तर: d
व्याख्या:
- युग्म 1 सुमेलित है: असोला-भाटी वन्यजीव अभयारण्य दिल्ली-हरियाणा सीमा पर अरावली पर्वत श्रृंखला के दक्षिणी दिल्ली कटक पर स्थित है।
- युग्म 2 सुमेलित है: चक्रशिला वन्यजीव अभयारण्य असम के धुबरी और कोकराझार जिलों के अंतर्गत स्थित है।
- युग्म 3 सुमेलित है: गांधी सागर अभयारण्य मध्य प्रदेश के मंदसौर और नीमच जिलों में स्थित है।
- युग्म 4 सुमेलित है: गोविंद पशु विहार राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित पर विचार कीजिए: PYQ (2022) (स्तर – सरल)
- एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक
- प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था
- शंघाई सहयोग संगठन
भारत उपर्युक्त में से किसका सदस्य है?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
उत्तर: d
व्याख्या:
- भारत एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (Asian Infrastructure Investment Bank (AIIB)) का संस्थापक सदस्य और दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है।
- भारत आधिकारिक तौर पर वर्ष 2016 में एक पूर्ण सदस्य के रूप में मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (Missile Technology Control Regime (MTCR)) में शामिल हुआ था।
- जून 2017 में, भारत शंघाई सहयोग संगठन (Shanghai Cooperation Organisation (SCO)) का पूर्ण सदस्य बना था।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. “तुर्की के दुष्प्रचार कानून ने दुनिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असहमति के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम की है”। व्याख्या कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक) (जीएस II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध)
प्रश्न 2. “आतंकवाद के संदर्भ में एक समान कानून और व्यवस्था प्रणाली समय की आवश्यकता है” समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक) (जीएस III – सुरक्षा)