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15 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण

विषयसूची:

  1. प्रधानमंत्री का बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में संबोधन;सत्र I: खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा:
  2. भारत-अमेरिका “युद्धाभ्यास 2022” का उत्तराखंड में आयोजन:
  3. पशुपालन और डेयरी विभाग ने अपनी आधारभूत संरचना को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की:
  4. अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (अनुमति या परमिट) नियम, 2021 का स्थान लेने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी:
  5. बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री की संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ बैठक:
  6. जनजाति गौरव दिवस:
  7. युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक (WPS) कॉन्क्लेव:
  1. प्रधानमंत्री का बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन में संबोधन; सत्र I: खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा:

    सामान्य अध्ययन: 2

    अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध: 

    विषय:महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

    प्रारंभिक परीक्षा: जी-20 शिखर सम्मेलन से संबंधित तथ्य।

    मुख्य परीक्षा:वर्तमान सन्दर्भ में G20 शिखर सम्मेलन के महत्व पर प्रकाश डालिये।

    प्रसंग: 

    • भारत के प्रधानमंत्री ने बाली में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में संबोधन के सत्र/अधिवेशन I: खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा में अपने विचार रखे।

    उद्देश्य:

    • भारत 2023 में अगले जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है और भारत ही इसका एजेंडा भी तय करेगा।

    • भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान सभी मुद्दों पर वैश्विक सहमति के लिए मिलकर काम करेगा।

    विवरण: 

    • प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों के नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि वर्तमान का उर्वरक संकट (fertilizer crisis) कल खाद्य संकट में तब्दील हो सकता है, इसलिए विश्व को इसका समाधान एक साथ मिलकर खोजना होगा।

    • उन्होंने खाद व अनाज दोनों की आपूर्ति श्रृंखला को स्थिर एवं सुनिश्चित रखने के लिए साझा समझौते करने पर जोर देने के साथ साथ वार्षिक तौर पर होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन में कहा की वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भारत ने अपने 1.3 अरब नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किये हैं।

    • इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि भारत प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहा है और टिकाऊ खाद्य सुरक्षा के लिए बाजरे जैसे पौष्टिक व पारंपरिक खाद्यान्नों को फिर से लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है।

      • हमें खाद और खाद्यान्न दोनों की आपूर्ति चैनल को निरंतर बनाए रखने के लिए आपसी सहमति बनानी चाहिए।

      • भारत मे,सतत भोजन की सुरक्षा हेतु हम प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, और मोठे अनाज जैसे पौष्टिक और पारंपरिक अनाज को फिर से लोकप्रिय बना रहे हैं।

      • मोटे अनाज  से वैश्विक मालनूट्रिशन और भुखमरी का भी समाधान हो सकता है।

      • हम सभी को अगले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष जोर-शोर से मनाना चाहिए।

    • विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत की ऊर्जा सुरक्षा वैश्विक ग्रोथ के लिए भी महत्वपूर्ण है।

    • हमें ऊर्जा की आपूर्ति पर किसी भी तरह के प्रतिबंधों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए तथा ऊर्जा बाजार मे स्थिरता सुनिश्चित करनी चाहिए।

      • भारत स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के प्रति कमिटेड है। वर्ष 2030 तक हमारी आधी बिजली नवीकरणीय स्रोतों से पैदा होगी।

      • समावेशी ऊर्जा रूपांतरण के लिए विकासशील देशों को समय-बद्ध और किफायती वित्तीय और तकनीकी की स्थायी आपूर्ति अनिवार्य है।

    • यह भी कहा कि वैश्विक वृद्धि के लिए भारत की ऊर्जा-सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

      • जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (EU) शामिल हैं।

      • भारत वर्तमान में जी20 तिकड़ी (वर्तमान, पिछली और आने वाली जी20 की अध्यक्षता) का हिस्सा है जिसमें इंडोनेशिया, इटली और भारत शामिल हैं।

    • हमें यूक्रेन मे युद्ध-विराम और डिप्लोमसी की राह पर लौटने का रास्ता खोजना होगा। पिछली शताब्दी मे, दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व में कहर ढाया था।

      • उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति की राह पकड़ने का गंभीर प्रयत्न किया। अब हमारी बारी है।

      • पोस्ट-कोविड काल के लिए एक नए वर्ल्ड क्रम की रचना करने का जिम्मा हमारे कंधों पर है। वर्तमान समय की मांग है कि हम विश्व में शांति, सद्भाव और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस और सामूहिक संकल्प दिखाएं।

      • मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष जब जी-20 बुद्ध और गाँधी की पवित्र भूमि पर होगा, तो हम सभी सहमत हो कर, विश्व को शांति का संदेश देंगे।

    • हमें इस बात को स्वीकार करने से भी संकोच नहीं करना चाहिए कि UN जैसी मल्टीलेटरल संस्थाएं इन मुद्दों पर निष्फल रही हैं।

      • हम सभी इनमे उपयुक्त सुधार करने मे भी असफल रहे हैं। इसलिए वर्तमान में जी-20 से विश्व को अधिक अपेक्षाएं हैं, इस समूह की प्रासंगिकता और बढ़ी है।

    • जलवायु परिवर्तन, कोविड महामारी, यूक्रेन का घटनाक्रम,और उससे जुड़ी वैश्विक समस्याएं। इन सब ने मिल कर विश्व में अराजकता उत्पन्न कर दी है।

    • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला भी प्रभावित हो गई है।

      • पूरी दुनिया में जीवन के लिए जरूरी चीजें, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का संकट बना हुआ है। हर देश के गरीब नागरिकों के लिए चुनौती और गंभीर है।

      • वे पहले से ही रोजमर्रा के जीवन से जूझ रहे थे। उनके पास दोहरी मार से जूझने की आर्थिक क्षमता नहीं है।

    पृष्ठभूमि:

    • भारत 2023 में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के आदर्श वाक्य के साथ जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण कर रहा है।

    • मानवता के लिए सुरक्षित ग्रह की ओर हमारी यात्रा, एक ऐसी यात्रा है जिसे कोई भी राष्ट्र अकेले नहीं कर सकता।

    • यह एक सामूहिक यात्रा है, जिसे समानता और जलवायु न्याय को अपने मार्गदर्शक सिद्धांत मानते हुए हमें प्रारंभ करना होगा।

  2. भारत-अमेरिका “युद्धाभ्यास 2022” का उत्तराखंड में आयोजन:

    सामान्य अध्ययन: 2,3

    अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध एवं सुरक्षा:

    विषय:द्विपक्षीय, क्षेत्रीय या वैश्विक समूह एवं भारत से जुड़े समझौते या भारत के हितों को प्रभावित करना।

    प्रारंभिक परीक्षा: “युद्धाभ्यास-22” से सम्बंधित तथ्य।

    प्रसंग: 

    • भारत-अमेरिका संयुक्त प्रशिक्षण “युद्धाभ्यास-22” के 18वें संस्करण का आयोजन उत्तराखंड में किया जाएगा।

    उद्देश्य:

    • यह युद्धाभ्यास भारत और अमेरिका की सेनाओं की उत्कृष्ट पद्धतियों, कौशलों, तकनीकों और प्रक्रियाओं का आदान-प्रदान करने के लिए वार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है।

    • यह युद्धाभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को अपने व्यापक अनुभवों, कौशलों को साझा करने तथा सूचना के आदान-प्रदान से अपनी तकनीकों को संवर्धित करने का अवसर प्रदान करेगा।

    विवरण:  

    • इस अभ्यास में अमेरिकी सेना की 11वीं एयरबॉर्न डिवीजन की सेकेंड बिग्रेड के जवान और भारतीय सेना की असम रेजीमेंट के जवान भाग लेंगे।

    • यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के चैप्टर-7 के अंतर्गत एकीकृत युद्धक समूह में नियोजन पर केंद्रित है।

      • इसके अंतर्गत शांति रक्षण और शांति लागू करने से संबंधित सभी प्रकार की कार्रवाइयां शामिल होंगी।

      • दोनों देशों के सैनिक साझा उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर कार्य करेंगे।

      • संयुक्त अभ्यास के दौरान मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) कार्रवाइयों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

      • दोनों देशों की सेनाओं के जवान किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा में त्वरित और समन्वित रूप से राहत कार्य प्रारंभ करने का भी अभ्यास करेंगे।

    • दोनों सेनाओं के व्यावसायिक कौशलों और अनुभवों का पूरी तरह लाभ प्राप्त करने के लिए कमांड पोस्ट एक्सरसाइज और सावधानीपूर्वक चयन किए गए विषयों पर एक्सपर्ट एकेडमिक डिसक्शन (EAD) किए जाएंगे।

      • फील्ड में प्रशिक्षण अभ्यास के अंतर्गत एकीकृत युद्ध समूहों का सत्यापन, फोर्स मल्टीप्लायर्स, निगरानी ग्रिड की स्थापना और कामकाज, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स का सत्यापन, पर्वतीय युद्ध कौशल, दुर्गम इलाके और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों से घिरने पर आकस्मिक निकासी और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना शामिल है।

      • इस प्रशिक्षण के दौरान युद्धक इंजीनियरिंग, यूएएस/काउंटर यूएएस तकनीकों का नियोजन और सूचना संचालन सहित युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर आदान-प्रदान और अभ्यास शामिल होंगे।

    पृष्ठभूमि:

    • युद्धाभ्यास के पिछले संस्करण का आयोजन अक्टूबर 2021 में अमेरिका के अलास्का में जॉइंट बेस एलमेन्ड्राफ रिचर्डसन में किया गया था।

  3. पशुपालन और डेयरी विभाग ने अपनी आधारभूत संरचना को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की:

    सामान्य अध्ययन: 3

    अर्थव्यवस्था: 

    विषय: पशुपालन सम्बन्धी अर्थशास्त्र; कृषि व उससे सम्बंधित क्षेत्र में नवाचार बढ़ाना।

    प्रारंभिक परीक्षा: पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान से संबंधित तथ्य।

    मुख्य परीक्षा:पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा आधारभूत संरचना को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया के महत्व एवं प्रभाव का वर्णन कीजिए।

    प्रसंग:

    • DAHD द्वारा देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित 12 नस्ल सुधार संस्थानों (7 केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म, 4 केंद्रीय झुंड पंजीकरण योजना और केंद्रीय हिमीकृत वीर्य उत्पादन और प्रशिक्षण संस्थान) को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ एकीकृत करने की प्रक्रिया शुरू की हैं।

    उद्देश्य:

    • यह मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी लोगों, वस्तुओं और सेवाओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए एकीकृत और निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी।

    • यह आधारभूत संरचना के अंतिम छोर तक संपर्क की सुविधा प्रदान करेगा और यात्रा के समय में भी कमी लाएगा।

    विवरण:

    • पहले कदम के रूप में, पशुपालन और डेयरी विभाग ने देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित 12 नस्ल सुधार संस्थानों (7 केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म, 4 केंद्रीय झुंड पंजीकरण योजना और केंद्रीय हिमीकृत वीर्य उत्पादन और प्रशिक्षण संस्थान) को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ एकीकृत किया है, जो आधारभूत संरचना संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना और समन्वित कार्यान्वयन के लिए रेलवे और रोडवेज सहित 16 मंत्रालयों को एक साथ लाने वाला एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है।

    • पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ अन्य संस्थानों जैसे क्षेत्रीय चारा केंद्रों (आरएफएस), केंद्रीय कुक्कुट विकास संगठनों (CPDO) के एकीकरण का कार्य प्रगति पर है।

    • यह विभाग भविष्य में अपनी विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत आने वाले पशु औषधालयों, दूध प्रसंस्करण संयंत्रों, चिलिंग केंद्रों और आधारभूत संरचना वाली परियोजनाओं को पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (डिजिटल प्लेटफॉर्म) के साथ एकीकृत करने की योजना बना रहा है।

    • यह देश में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में उपलब्ध आधारभूत संरचना का प्रभावी प्रबंधन की सुविधा प्रदान करेगा।

    • भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पशुधन क्षेत्र आज बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिसमें कृषि और उससे संबद्ध क्षेत्र GVA का एक तिहाई हिस्सा शामिल है और इसका CAGR 8 प्रतिशत से ज्यादा है।

    • साथ ही, पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से लाखों लोगों को किफायती और पौष्टिक भोजन मिलता है।

    • इसके अलावा, विशेष रूप से भूमिहीन, छोटे और सीमांत किसान और महिलाओं किसानों के लिए रोजगार उत्पन्न करने और आय को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  4. अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (अनुमति या परमिट) नियम, 2021 का स्थान लेने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी:

    सामान्य अध्ययन: 3

    बुनियादी ढांचा:

    विषय: बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।

    मुख्य परीक्षा: अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (अनुमति या परमिट) नियम, 2021 से संबंधित नियमों पर चर्चा कीजिए।

    प्रसंग: 

    • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (अनुमति या परमिट) नियम, 2021 का स्थान लेने के लिए 11 नवंबर 2022 को एक मसौदा अधिसूचना जारी की है।

    उद्देश्य:

    • प्रस्तावित अखिल भारतीय पर्यटक वाहन (परमिट) नियम, 2022 के साथ, पर्यटक परमिट व्यवस्था को और अधिक सुव्यवस्थित और मजबूत बनाए जाने का प्रस्ताव है।

    विवरण:  

    • 2021 में अधिसूचित नियमों ने पर्यटक वाहनों के लिए परमिट व्यवस्था को सुव्यवस्थित और सरल बनाकर भारत में पर्यटन क्षेत्र को पर्याप्त बढ़ावा दिया है।

    प्रस्तावित नियमों की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

    • अखिल भारतीय परमिट आवेदकों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाने और अनुपालन संबंधी बोझ को कम करने के लिए अनुमति और अखिल भारतीय पर्यटक परमिट के प्रावधान को एक दूसरे से स्वतंत्र कर दिया गया है।

    • कम क्षमता वाले वाहनों (दस से कम) के लिए कम परमिट शुल्क वाले पर्यटक वाहनों की और अधिक श्रेणियां प्रस्तावित की गई हैं।

      • इससे कम सीटों की क्षमता के छोटे वाहन रखने वाले छोटे पर्यटक ऑपरेटरों को काफी वित्तीय राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब उन्हें अपने वाहनों में बैठने की क्षमता के अनुरूप कम शुल्क का भुगतान करना होगा।

    • बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु ऑपरेटरों के लिए बिना किसी लागत के एक सुव्यवस्थित नियामक इकोसिस्टम का प्रस्ताव किया गया है।

    • सभी हितधारकों से तीस दिनों की अवधि के भीतर टिप्पणियां और सुझाव आमंत्रित किए जाते हैं।

प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा की दृष्टि से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. बाली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री की संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ बैठक:
    • प्रधानमंत्री ने 15 नवंबर को बाली में जी-20 राजनेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ बैठक की।

    • दोनों राजनेताओं ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, उन्नत कंप्यूटिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे भविष्य-उन्मुख क्षेत्रों में सहयोग समेत निरंतर प्रगाढ़ होती भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की।

    • दोनों नेताओं ने क्वाड, I2U2 जैसे नए समूहों में भारत और अमेरिका के बीच घनिष्ठ सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

    • दोनों राजनेताओं ने सामयिक वैश्विक और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की।

    • प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के सन्दर्भ में लगातार समर्थन देने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया।

    • प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों देश भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान घनिष्ठ समन्वय बनाए रखेंगे।

  2. जनजातीय गौरव दिवस:
    • 15 नवंबर, 2022 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के उलीहातू गांव का दौरा किया और भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

    • 15 नवंबर आदिवासी परंपरा को मनाने का दिन है क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे, बल्कि वह हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा के संवाहक थे।

    • इसके बाद, राष्ट्रपति मध्य प्रदेश के शहडोल पहुंचीं, जहां उन्होंने जनजातीय समागम को संबोधित किया।

    • सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में देश की सर्वाधिक जनजातीय आबादी रहती है। इसलिए प्रदेश में इस समागम का आयोजन करना उचित है।

    • राष्ट्रपति ने कहा कि न्याय के हित में सब कुछ बलिदान करने की भावना जनजातीय समाज की विशेषता रही है।

    • हमारे स्वतंत्रता संग्राम में विभिन्न विचारधाराओं और गतिविधियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में जनजातीय समुदायों के संघर्षों की कई धाराएं भी शामिल हैं।

    • झारखंड के भगवान बिरसा मुंडा और सिद्धू-कान्हू, मध्य प्रदेश के तांतिया भील तथा भीमा नायक, आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू, मणिपुर की रानी गाइदिन्ल्यू और ओडिशा के शहीद लक्ष्मण नायक जैसे महान व्यक्तित्वों ने जनजातीय गौरव के साथ-साथ देश के गौरव को भी बढ़ाया है।

    • मध्य प्रदेश के क्रांतिकारी योद्धाओं में किशोर सिंह, खाज्या नाईक, रानी फूल कंवर, सीताराम कंवर, महुआ कोल, शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम शामिल हैं।

    • ‘छिंदवाड़ा के गांधी’ के रूप में सम्मानित, श्री बादल भोई ने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अहिंसा का मार्ग चुना था। राष्ट्रपति ने ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी।

    • मध्य प्रदेश के चंबल, मालवा, बुंदेलखंड, बघेलखंड और महाकौशल क्षेत्रों की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध बनाने में जनजातीय समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

    • जनजातीय राजाओं के शासनकाल में कभी समृद्धि से भरा यह क्षेत्र एक बार फिर आधुनिक विकास की प्रभावशाली गाथाएं लिखेगा।

    • राष्ट्रपति ने कहा कि अधिकांश जनजातीय क्षेत्र वन और खनिज संपदा से समृद्ध रहे हैं।

    • हमारे जनजातीय भाई-बहन प्रकृति पर आधारित जीवन यापन करते हैं और सम्मान पूर्वक प्रकृति की रक्षा करते हैं।

    • इस प्राकृतिक सम्पदा को शोषण से बचाने के लिए उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ बहादुरी से संघर्ष किया था।

    • वन संपदा का संरक्षण काफी हद तक उनके बलिदान से ही संभव हो सका।

    • आज के जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के दौर में सभी को जनजातीय समाज की जीवन शैली और वन संरक्षण के प्रति उनके संकल्प से सीख लेने की जरूरत है।

    • राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदाय मानवता और प्रकृति को समान महत्व देता है।

    • वे व्यक्ति की अपेक्षा समुदाय को, प्रतिस्पर्धा की अपेक्षा सहयोग को और विशिष्टता की अपेक्षा समानता को प्राथमिकता देते हैं।

    • पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता जनजातीय समाज की विशेषता रही है। सामान्य जनसंख्या की तुलना में, जनजातीय समाज में लिंगानुपात बेहतर है।

    • जनजातीय समाज की ये विशेषताएं सभी के लिए अनुकरणीय हैं।

    • राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि केंद्र और राज्य सरकारों ने पिछले कुछ वर्षों में जनजातीय समुदायों के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं।

    • उन्होंने कहा कि समग्र राष्ट्रीय विकास और जनजातीय समुदाय का विकास आपस में जुड़े हुए हैं। इसलिए जनजातीय समुदायों की अस्मिता को बनाए रखने, उनमें आत्मगौरव की भावना जगाने और साथ ही उन्हें विकास का लाभ देने के प्रयास किये जा रहे हैं। समरसता की भावना से जनजातीय क्षेत्रों का विकास, सभी के लिए हितकर है।

    • इसके अलावा प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समुदाय के योगदान को नमन करते हुए प्रमुख आदिवासी आंदोलनों और स्वतंत्रता के लिए लड़े गए युद्धों का स्मरण किया।

    • उन्होंने तिलक मांझी के नेतृत्व में दामिन संग्राम, बुद्ध भगत के नेतृत्व में लरका आंदोलन, सिद्धू-कान्हू क्रांति, ताना भगत आंदोलन, वेगड़ा भील आंदोलन, नायकड़ा आंदोलन, संत जोरिया परमेश्वर और रूप सिंह नायक, लिम्दी दाहोद युद्ध, अल्लूरी सीताराम राजू के नेतृत्व में मानगढ़ और रंपा आंदोलन के गोविंद गुरु जी को भी याद किया।

    • प्रधानमंत्री ने जनजातीय योगदान को स्वीकार करने और उत्सव मनाने के कदमों को सूचीबद्ध किया।

    • उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों में जनजातीय संग्रहालयों और जन धन, गोवर्धन, वन धन, स्वयं सहायता समूहों, स्वच्छ भारत, पीएम आवास योजना, मातृत्व वंदना योजना, ग्रामीण सड़क योजना, मोबाइल कनेक्टिविटी, एकलव्य स्कूल, वन उत्पादों के लिए 90 प्रतिशत तक एमएसपी, सिकल सेल एनीमिया, जनजातीय अनुसंधान संस्थान, निःशुल्क कोरोना वैक्सीन और मिशन इंद्रधनुष जैसी योजनाओं के संदर्भ में भी अपने विचार व्यक्त किए जिनसे जनजातीय समुदाय को बहुत लाभ मिला है।

  3. युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक (डब्ल्यूपीएस) कॉन्क्लेव:
    • 15 नवंबर 2022 को वॉरशिप ओवरसीिंग टीम, कोलकाता द्वारा युद्धपोत उत्पादन अधीक्षक (WPS) कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।

    • WPS कॉन्क्लेव भारत में रक्षा पोत निर्माण प्रक्रिया में सुधार के लिए DPSU और निजी शिपयार्ड द्वारा अपनाए जा रहे विचारों और नवीनतम उत्पादन और परियोजना प्रबंधन तकनीकों के आदान-प्रदान के लिए एक कॉमन मंच था।

    • WOT द्वारा सामना की जाने वाली विभिन्न चुनौतियों, सीखे गए सबक और इन मुद्दों को हल करने के लिए उपयोग किए गए अभिनव तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया गया।

    • कॉन्क्लेव ने “आत्मनिर्भर भारत” के दृष्टिकोण के अनुरूप रक्षा जहाज निर्माण क्षेत्र में 100% स्वदेशीकरण प्राप्त करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने का एक अवसर प्रदान किया।

    • कॉन्क्लेव 2022 WOT (कोलकाता) की 60वीं वर्षगांठ के साथ मेल खाता है।

15 नवंबर 2022 : PIB विश्लेषण –Download PDF Here

लिंक किए गए लेख में 14 नवंबर 2022 का पीआईबी सारांश और विश्लेषण पढ़ें।

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