हमारे संविधान का अनुच्छेद 41 राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित है । इस अनुच्छेद के अनुसार राज्य “कुछ मामलों में काम, शिक्षा और सार्वजनिक सहायता का अधिकार सुनिश्चित करेगा । राज्य, अपनी आर्थिक क्षमता और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने, शिक्षा पाने और बेरोजगारी, बुढ़ापा, बीमारी और अक्षमता और अन्य अयोग्य अभाव के मामलों में सार्वजनिक सहायता के अधिकार को हासिल करने के लिए प्रभावी प्रावधान करेगा ।
राज्य के नीति निदेशक तत्वों से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण अनुच्छेद :
- अनुच्छेद 38- लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय द्वारा सामाजिक व्यवस्था सुनिश्चित करना और आय, प्रतिष्ठा, सुविधाओं और अवसरों की असमानता को समाप्त करना ।
- अनुच्छेद 39 -सभी नागरिकों को जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार सुरक्षित करना, सामूहित हित के लिए समुदाय के भौतिक संसाधनों का सम वितरण सुरक्षित करना, धन और उत्पादन के साधनों का संकेन्द्रण रोकना, पुरूषों और स्त्रियों को समान कार्य के लिए समान वेतन सुरक्षित करना, कर्मकारों के स्वास्थ्य और शक्ति तथा बालकों को अवस्था के दुरुपयोग से संरक्षण, बालकों को स्वास्थ्य विकास के अवसर, समान न्याय एवं गरीबों को निःशुल्क विधिक सहायता उपलब्ध कराना ।
- अनुच्छेद 40- ग्राम पंचायतों का गठन और उन्हें आवश्यक शक्तियां प्रदान कर स्थानीय स्व-शासन सरकार की इकाई के रूप में कार्य करने की शक्ति प्रदान करना।
- अनुच्छेद 41 -काम पाने के, शिक्षा पाने के और बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी, और निःशक्ततता की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को संरक्षित करना ।
- अनुच्छेद 42 – काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबंध करना ।
- अनुच्छेद 43 – सभी कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी, शिष्ट जीवन स्तर, तथा सामाजिक और सांस्कृतिक अवसर; ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों व्यक्तिगत या सहकारी के आधार पर कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन; उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों के भाग लेने के लिए कदम उठाना (अनुच्छेद 43- क); सहकारी समितियों के स्वैच्छिक गठन, स्वायत्त संचालन, लोकतांत्रिक निमंत्रण तथा व्यावसायिक प्रबंधन को बढ़ावा देना ( अनुच्छेद 43 ब) ।
- अनुच्छेद 44 – भारत के समस्त राज्य क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता ।
- अनुच्छेद 45 – सभी बालकों को चौदह वर्ष की आयु पूरी करने तक निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देना’ ।
- अनुच्छेद 46- अनुसूचित जाति एवं जनजाति और समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षणिक एवं आर्थिक हितों को प्रोत्साहन और सामाजिक अन्याय एवं शोषण से सुरक्षा
- अनुच्छेद 47- पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करना तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करना; स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक नशीली दवाओं, मदिरा, ड्रग के औषधीय प्रयोजनों से भिन्न उपभोग पर प्रतिबंध ।
- अनुच्छेद 48- गाय, बछड़ा व अन्य दुधारू पशुओं की बलि पर रोक और उनकी नस्लों में सुधार को प्रोत्साहन, कृषि और पशुपालन को आधुनिक और वैज्ञानिक प्रणालियों से करना, पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा ।
- अनुच्छेद 49- राष्ट्रीय महत्व वाले घोषित किए गए कलात्मक या ऐतिहासिक अभिरुचि वाले संस्मारक या स्थान या वस्तु का संरक्षण करना ।
- अनुच्छेद 50 -राज्य की लोक सेवाओं में, न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करना ।
- अनुच्छेद 51- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि करना तथा राष्ट्रों के बीच न्यायपूर्ण और सम्मानपूर्ण संबंधों को बनाए रखना, अंतर्राष्ट्रीय विधि और संधि बाध्यताओं के प्रति आदर बढ़ाना और अंतर्राष्ट्रीय विवादों को मध्यस्थ द्वारा निपटाने के लिए प्रोत्साहन देना ।
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