मतदाता सूचि किसी चुनावी क्षेत्र (जैसे विधानसभा, लोकसभा आदि) के पंजीकृत मतदाताओं की सूचि होती है । पंजीकृत का अर्थ है कि इन मतदाताओं के नाम संबंधित चुनाव आयोग (जैसे विधानसभा के सम्बन्ध में राज्य चुनाव आयोग तथा लोकसभा के सम्बन्ध में भारतीय चुनाव आयोग) के पास ‘रजिस्टर्ड’ हों । देश का कोई भी नागरिक, जो कम से कम 18 वर्ष का है, इस मतदाता सूचि में अपना नाम दर्ज करवा सकता है। इसके बाद उसे चुनाव आयोग की तरफ से एक पहचान पत्र दिया जाता है जिसे ‘वोटर कार्ड’ कहते हैं । इस पहचान पत्र के निर्गत होने के बाद वह मतदाता अपने क्षेत्र में होने वाले चुनाव में वोट डाल सकता है । यह जानना भी जरुरी है कि एक समय में किसी व्यक्ति का नाम किसी एक मतदाता सूचि में ही दर्ज होना चाहिए । एक से अधिक मतदाता पहचान पत्र (वोटर कार्ड) रखना गैर -क़ानूनी है ।
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