भारतीय संविधान के सातवें भाग को “पहली अनुसूची के भाग बी के राज्य” के रूप में जाना जाता था । इसमें केवल एक अनुच्छेद था – अनुच्छेद 238 । हालाँकि इसे संविधान (सातवां संशोधन) अधिनियम, 1956 द्वारा निरस्त कर दिया गया था । यह संविधान का एक मात्र भाग है जिसे पूर्णतः निरस्त कर दिया गया है । अत: भाग 7 राज्यों के वर्गीकरण के पैरा B के तहत उल्लिखित राज्यों से संबंधित है।
पृष्ठभूमि
जैसा कि हम जानते हैं, 1947 में जब देश आजाद हुआ, भारत में 550 से अधिक रियासतें थीं । अस्थायी रूप से भारत की इन रियासतों को भाग A, B, C और D राज्यों में विभाजित किया गया था । भाग B के भारतीय क्षेत्र में पहले रियासतें शामिल थीं । ये राज्य थे जम्मू और कश्मीर, हैदराबाद, त्रावणकोर -कोचीन, मध्य भारत, सौराष्ट्र, मैसूर, राजस्थान, पूर्वी पंजाब संघ और पटियाला । इसलिए राज्यों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण के मामले को देखने के लिए 29 दिसंबर 1953 को भारत सरकार द्वारा राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया था । उस समय की सबसे लोकप्रिय मांगों में से एक, भाषा के आधार पर राज्यों का पुनर्गठन करना था । यह प्रशासन को आसान बनाने और विवादास्पद जाति और धर्म-आधारित पहचानों को भाषाई पहचानों से बदलने के लिए किया गया था ।
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