संविधान के अनुच्छेद 239A के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेशों (UT) के मुख्यमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाएगी और मंत्री राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करेंगे । यह व्यवस्था केवल ऐसे राज्यों के लिए है जहाँ विधानसभा हैं , जैसे दिल्ली एवं पुदुच्चेरी । पुडुचेरी (1963 से) और दिल्ली (1993 से) के केंद्र शासित प्रदेशों को एक विधान सभा और एक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद प्रदान की जाती है । अन्य सभी केंद्र शासित प्रदेशों में उप- राज्यपाल या प्रशासक होता है । उनकी नियुक्ति भी राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है । यह राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्ति के अंतर्गत आता है । राष्ट्रपति की अन्य कार्यकारी शक्तियां इस प्रकार हैं :-
(i) भारत सरकार के सभी शासन संबंधी कार्य राष्ट्रपति के नाम पर किए जाते हैं ।
(ii) वह नियम बना सकता है ताकि उसके नाम पर दिए जाने वाले आदेश और अन्य अनुदेश वैध हों ।
(iii) वह ऐसे नियम बना सकता है जिससे केंद्र सरकार सहज रूप से कार्य कर सके तथा मंत्रियों को उक्त कार्य सहजता से वितरत हो सकें ।
(iv) वह प्रधानमंत्री तथा अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है, तथा वे उसकी प्रसादपर्यंत कार्य करते हैं ।
(v) वह महान्यायवादी की नियुक्ति करता है तथा उसके वेतन आदि निर्धारित करता है । महान्यायवादी, राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत अपने पद पर कार्य करता है ।
(vi) वह भारत के महानियंत्रक व महालेखा परीक्षक, मुख्य चुनाव आयुक्त तथा अन्य चुनाव आयुक्तों, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों, राज्य के राज्यपालों, वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्यों आदि की नियुक्ति करता है ।
(vii) वह केंद्र के प्रशासनिक कार्यों और विधायिका के प्रस्तावों से संबंधित जानकारी की मांग प्रधानमंत्री से कर सकता है ।
(viii) राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री से किसी ऐसे निर्णय का प्रतिवेदन भेजने के लिये कह सकता है, जो किसी मंत्री द्वारा लिया गया हो, किंतु पूरी मंत्रिपरिषद ने इसका अनुमोदन नहीं किया हो ।
(ix) वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए एक आयोग की नियुक्ति कर सकता है ।
(x) वह केंद्र-राज्य तथा विभिन्न राज्यों के मध्य सहयोग के लिए एक अंतर्राज्यीय परिषद की नियुक्ति कर सकता है ।
(xi) वह स्वयं द्वारा नियुक्त प्रशासकों के द्वारा केंद्रशासित राज्यों का प्रशासन संभालता है ।
(xii) वह किसी भी क्षेत्र को अनुसूचित क्षेत्र घोषित कर सकता है । उसे अनुसूचित क्षेत्रों तथा जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन की शक्तियां प्राप्त हैं ।
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