प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा भारतीय संविधान के सुलेखक ( calligrapher) थे । मूल संविधान को उन्होंने ही इटैलिक शैली में अपने हाथों से लिखा था । संविधान के मूल संस्करण को नंद लाल बोस और राम मनोहर सिन्हा सहित “शांति निकेतन” के कलाकारों द्वारा सुशोभित और सुसज्जित किया गया था । मूल संविधान के हिंदी संस्करण का सुलेखन वसंत कृष्णन वैद्य द्वारा किया गया था और नंद लाल बोस द्वारा सुरुचिपूर्ण ढंग से सजाया गया था ।
हमारा संविधान विश्व के सबसे विस्तृत संविधानों में से एक है । इसके निर्माण में कई लोगों का योगदान था । उपरोक्त जानकारियों के अलावा कुछ और तथ्य हैं जिनके बारे में आपको जानना चाहिए । संविधान सभा ने संविधान के निर्माण के लिए जिन समितियों का गठन किया था उनमें सबसे महत्वपूर्ण समिति थी ‘प्रारूप समिति’ (drafting committee) । इसका गठन 29 अगस्त, 1947 को हुआ था । इसी समिति को नए संविधान का प्रारूप तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी । बी. आर. अंबेडकर इस समिति के अध्यक्ष थे । उनके अलावा इस समिति में 6 सदस्य थे, जिनके नाम इस प्रकार हैं:
- एन. गोपालस्वामी आयंगार
- अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
- डॉक्टर के. एम. मुंशी
- सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला
- एन. माधव राव तथा
- टी. टी. कृष्णामाचारी
विभिन्न समितियों के प्रस्तावों पर विचार करने के बाद प्रारूप समिति ने भारत के संविधान का पहला प्रारूप तैयार किया और इसे फरवरी 1948 में प्रकाशित किया । भारत के लोगों को इस प्रारूप पर चर्चा करने और संशोधनों का प्रस्ताव देने के लिए 8 माह का समय दिया गया । लोगों की शिकायतों, आलोचनाओं और सुझावों के परिप्रेक्ष्य में प्रारूप समिति ने दूसरा प्रारूप तैयार किया, जिसे अक्टूबर 1948 में प्रकाशित किया गया ।
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