दुनियाभर में हर साल 23 मार्च को ‘विश्व मौसम विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है। इसका आयोजन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा स्थापना दिवस के रूप में किया जाता है। ‘मौसम विज्ञान दिवस’ पृथ्वी के वायुमंडल और मानव व्यवहार के महत्व के एक-दूसरे से संबंध पर जोर देता है।
मौसम विज्ञान विभाग में भूविज्ञान पर आधारित कई विषयों पर शोध होता है। इस तरह के शोध से समय-समय पर आने वाली बाढ़, सूखा, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ वर्षा की स्थिति व चक्रवात की आशंकाओं आदि के बारे में जानकारी मिलती है। इसके अलावा मौसम विज्ञान विभाग हवाई यातायात और समुद्री यातायात के दौरान भी मौसम की सटीक जानकारी प्रदान करता है।
तकनीकी के विकास के साथ ही अब मौसम विज्ञान भी बेहद उन्नत हो गया है। आजकल आधुनिक रडारों, मौसम गुब्बारों तथा उच्च तकनीक से युक्त कृत्रिम उपग्रहों एवं कंप्यूटरों के माध्यम से हम मौसम की सटीक जानकारी पाने की और अग्रसर हुए हैं। मौसम विभाग के कृत्रिम उपग्रहों द्वारा भेजी जाने वाली उच्च स्तर की फोटो व उनके द्वारा फिल्टर की गई जानकारियों से अब हम फसलों का रकबा, फसलों का प्रकार आदि की जानकारी भी आसानी से प्राप्त सकते हैं। मौसम विभाग अब विभिन्न शहरों के उच्चतम व निम्नतम तापमान, आर्द्रता व प्रदूषण का स्तर भी आसानी से बता सकता है।
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विश्व मौसम विज्ञान दिवस का इतिहास
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना की याद में हर साल 23 मार्च को ‘विश्व मौसम विज्ञान दिवस’ मनाया जाता है। वर्तमान में 193 राष्ट्र इस संगठन के सदस्य हैं। अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (आईएमओ) की अवधारणा 1873 के वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कांग्रेस की देन है। इसके बाद 1950 में WMO सम्मेलन के प्रस्ताव पारित होने के बाद साल 1951 में संयुक्त राष्ट्र (UN) के एक विशेष अंग के रूप में इस संगठन की स्थापना की गई थी। विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है।
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विश्व मौसम विज्ञान संगठन क्या है ?
‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ 193 सदस्य देशों और क्षेत्रों वाली संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है। इस संगठन की उत्पत्ति ‘अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन’ से हुई थी। साल 1873 में राष्ट्रीय सीमाओं से परे मौसम के आंकड़ों के आदान-प्रदान की अनुमति देने के लिए ‘अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन’ की स्थापना की गई थी। इसके बाद साल 1950 में ‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ की स्थापना हुई और साल 1951 में यह संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी बन गया।
अपनी स्थापना के बाद से, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने मानवता की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने में एक अनूठी और मूल्यवान भूमिका निभाई है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) वायुमंडलीय विज्ञान, जलवायु विज्ञान, जल विज्ञान और भूभौतिकी पर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और जल विज्ञान सेवाओं के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों में मौसम संबंधी अनुप्रयोगों के लिए सहयोग की सुविधा प्रदान की है। साथ ही इस तथ्य को भी नजर अंदाज नहीं कर सकते कि यह संगठन, अपने कार्यक्रमों के माध्यम से पर्यावरण के प्रबंधन और सुरक्षा के वैश्विक प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है।
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