विश्व की विभिन्न संस्थाओं द्वारा प्रतिवर्ष अनेक सूचकांक प्रकाशित किए जाते हैं। उनमें विश्व के विभिन्न देशों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है। इस आलेख में हम ऐसे ही कुछ सूचकांकों की चर्चा करेंगे और उन सूचकांकों में भारत की स्थिति का आकलन करेंगे।
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विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट 2022
- स्विट्जरलैंड की एक प्रदूषण तकनीकी कंपनी ‘आई क्यू एअर’ (I Q Air) ने 22 मार्च 2022 को यह रिपोर्ट जारी की थी। इस कंपनी ने वर्ष 2021 में विश्व के विभिन्न देशों से वायु गुणवत्ता से संबंधित आंकड़े एकत्रित किए थे। उन्हीं एकत्रित आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की गई है।
- स्विट्जरलैंड की इस प्रदूषण तकनीकी कंपनी ने विश्व के 6,475 शहरों का सर्वेक्षण किया था और यह डाटा एकत्रित किया था।
- इस रिपोर्ट में यह पाया गया कि विश्व के 93 शहरों में पी एम 2.5 का स्तर निर्धारित किए गए स्तर से 10 गुना अधिक है।
- इस रिपोर्ट के अनुसार, विश्व का सबसे प्रदूषित बांग्लादेश देश है, जबकि विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानी भारत की राजधानी ‘नई दिल्ली’ है। इस रिपोर्ट में ‘भिवाड़ी’ को विश्व का सबसे प्रदूषित शहर बताया गया है। उल्लेखनीय है कि ‘भिवाड़ी’ भारत के राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित एक औद्योगिक शहर है।
- ‘वायु गुणवत्ता रिपोर्ट, 2021’ के अनुसार, विश्व के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देश हैं- बांग्लादेश, चाड, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, भारत, ओमान, किर्गिस्तान, बहरीन, इराक और नेपाल। उल्लेखनीय है कि विश्व के शीर्ष 10 सबसे प्रदूषित देशों में से 9 देश एशिया महाद्वीप के हैं, जबकि एक देश ‘चाड’ अफ्रीका महाद्वीप का है।
विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट 2022
- ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट’ संयुक्त राष्ट्र संघ की एक संस्था ‘संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क’ (UNSDSN) द्वारा जारी की जाती है। इस रिपोर्ट के अंतर्गत विश्व के विभिन्न देशों में सर्वेक्षण करके यह पता लगाया जाता है कि वहां की जनसंख्या की प्रसन्नता का स्तर क्या है।
- ‘संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास समाधान नेटवर्क’ द्वारा जारी की गई वर्ष 2022 की यह रिपोर्ट अब तक का इसका 10 वाँ संस्करण है। इस रिपोर्ट के 2022 के 10 वें संस्करण में कुल 146 देशों को शामिल किया गया है।
- ‘विश्व प्रसन्नता रिपोर्ट, 2022’ में यूरोपीय देश फिनलैंड को पहले स्थान पर रखा गया है, जबकि इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान को अंतिम स्थान दिया गया है। इसका अर्थ यह है कि विश्व में फिनलैंड के लोग सबसे खुश हैं, जबकि जबकि अफगानिस्तान के लोग सबसे दुखी हैं। इस रिपोर्ट में भारत को 146 देशों में से 136 वें स्थान पर रखा गया है।
अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक 2022
- यह सूचकांक संयुक्त राज्य अमेरिका के यूएस चेंबर ऑफ कॉमर्स के ग्लोबल इन्नोवेशन पॉलिसी सेंटर द्वारा जारी किया जाता है। वर्ष 2022 में अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक का 10 वाँ संस्करण जारी किया गया है।
- इस सूचकांक को निर्मित करते समय विश्व के कुल 55 देशों में बौद्धिक संपदा अधिकारों का सर्वेक्षण किया गया था। इन 55 देशों में से संयुक्त राज्य अमेरिका को प्रथम स्थान प्रदान किया गया है, जबकि वेनेजुएला को अंतिम स्थान पर रखा गया है। इस सूचकांक में वर्ष 2022 में भारत को 43 वाँ स्थान प्रदान किया गया है।
हेनले पासपोर्ट सूचकांक 2022
- हेनले पासपोर्ट सूचकांक ‘हेनले एंड पार्टनर्स’ नामक संस्था द्वारा जारी किया जाता है। यह सूचकांक किस बात की पड़ताल करता है कि कौन से देश का पासपोर्ट कितने सुविधाजनक तरीके से किसी अन्य देश में स्वीकार किया जाता है।
- इस सूचकांक में जापान और सिंगापुर को संयुक्त रूप से प्रथम स्थान पर रखा गया है जबकि अफगानिस्तान को इस सूचकांक में अंतिम स्थान प्रदान किया गया है। वर्ष 2022 में जारी किए गए इस सूचकांक में भारत को 83 वें स्थान पर रखा गया है।
- इस सूचकांक में विभिन्न देशों की रैंकिंग निर्धारित करते समय ‘इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन’ (IATA) द्वारा एकत्रित किए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।
भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक, 2021
- जनवरी 2022 में भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2021 जारी किया गया था। यह सूचकांक जर्मनी के बर्लिन स्थित ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा जारी किया जाता है। पहली बार यह सूचकांक वर्ष 1995 में जारी किया गया था।
- इस सूचकांक के अंतर्गत विभिन्न देशों के सार्वजनिक क्षेत्र में मौजूद भ्रष्टाचार का आकलन किया जाता है। इस सूचकांक के नवीनतम जारी संस्करण में विश्व के कुल 180 देशों का आग्रह किया गया था।
- वर्ष 2022 में जारी किए गए भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक, 2021 में डेनमार्क, न्यूजीलैंड और फिनलैंड को संयुक्त रूप से पहला स्थान दिया गया है। इसका आशय है कि इन देशों में वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार की मात्रा सबसे कम है।
- इस सूचकांक में दक्षिण सूडान को अंतिम स्थान प्रदान किया गया है। इसका अर्थ है कि दक्षिण सूडान विश्व का सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश है। इस सूचकांक में भारत को 180 देशों में से 85 वाँ स्थान प्रदान किया गया है।
पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक 2022
- पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक एक द्विवार्षिक सूचकांक है। इसे वर्ष 2002 से ‘विश्व आर्थिक मंच’ (WEF) द्वारा ‘येल सेंटर फॉर एन्वायरमेंटल लॉ एंड पॉलिसी’ और ‘कोलंबिया यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर इंटरनेशनल अर्थ साइंस इंफॉर्मेशन नेटवर्क’ के सहयोग से जारी किया जा रहा है।
- इसके अंतर्गत कुल 3 संकेतक शामिल किए जाते हैं। ये संकेतक हैं- पर्यावरण स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र जीवन शक्ति।
- सूचकांक के अंतर्गत विश्व के कुल 180 देशों का आकलन किया गया था। इनमें से प्रथम स्थान पर डेनमार्क रखा गया है, जबकि आश्चर्यजनक रूप से भारत को इस सूचकांक में अंतिम 180 वाँ स्थान प्रदान किया गया है।
- भारत सरकार ने इस सूचकांक को तथा इसकी मापन प्रणाली को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत सरकार का मत है कि भारत द्वारा पर्यावरण की दिशा में अनेक सराहनीय कदम उठाए गए हैं, लेकिन इस सूचकांक में भारत के उन तमाम प्रयासों को नजरअंदाज कर दिया गया है।
इस प्रकार, हमने वर्ष 2022 में जारी किए गए कुछ प्रमुख वैश्विक सूचकांकों को तथा उन्हें जारी करने वाली संस्थाओं के बारे में जाना और उनमें भारत की स्थिति को भी समझा।
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