01 दिसंबर 2022 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: सुरक्षा:
D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: सामाजिक न्याय:
राजव्यवस्था:
F. प्रीलिम्स तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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क्या भारत में रैंसमवेयर के हमले बढ़ रहे हैं?
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
सुरक्षा:
विषय: संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती और साइबर सुरक्षा से सम्बंधित मूल जानकारी।
प्रारंभिक परीक्षा: रैंसमवेयर और अन्य प्रकार के साइबर हमलों और इंटेलिजेंस फ्यूज़न एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: रैंसमवेयर और अन्य प्रकार के साइबर हमलों और भारत में साइबर अपराधों से निपटने वाली एजेंसियों से सम्बंधित विवरण।
संदर्भ:
- हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की ई-सेवाएं एक संदिग्ध रैनसमवेयर हमले से प्रभावित हुई थीं।
विवरण:
- एम्स के पास एक लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) है,जिसमें 6,500 से अधिक कंप्यूटर हैं और यह इस संस्थान, अस्पताल, केंद्रों और अन्य विभागों को सहायता प्रदान करता है।
- इन साइबर हमलों के कारण, अधिकांश सर्वरों ने काम करना बंद कर दिया और ई-हॉस्पिटल नेटवर्क ने भी काम करना बंद कर दिया, जिसे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre (NIC)) द्वारा प्रबंधित किया जाता है।
- दिल्ली पुलिस के इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) ने जांच शुरू कर दी है तथा LAN और इसके नोड्स की रिपेयरिंग लंबित होने के कारण, वर्तमान में अस्पताल की सभी महत्वपूर्ण सेवाएं मैन्युअल रूप से (मानवीय तरीके से) निष्पादित की जा रही हैं।
- अनौपचारिक रिपोर्टों से पता चला है कि साइबर अपराधियों ने फिरौती के रूप में क्रिप्टोकरंसी में लगभग ₹200 करोड़ की मांग की है।
इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO):
- IFSO दिल्ली पुलिस की साइबर अपराधों से निपटने की एक इकाई है।
- IFSO एक विशेष इकाई है जो जटिल और संवेदनशील साइबर अपराध मामलों को देखती है, जिनमें पीड़ित महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं।
- IFSO साइबर फोरेंसिक क्षमताओं, डिलीट हो चुके डेटा को रिकवर करने की क्षमता, फोरेंसिक सर्वर और पोर्टेबल फोरेंसिक टूल के साथ अत्याधुनिक साइबर लैब से लैस है।
- पहले इसे साइबर प्रिवेंशन अवेयरनेस डिटेक्शन (CyPAD) के नाम से जाना जाता था लेकिन बाद में वर्ष 2021 में इसका नाम बदलकर IFSO कर दिया गया।
- IFSO कुछ सबसे संवेदनशील साइबर आपराधिक मामलों को सुलझाने में शामिल रहा है, जैसे बुल्ली बाई केस और सुल्ली डील ऐप केस।
रैंसमवेयर हमले:
- रैंसमवेयर दुर्भावनापूर्ण साइबर अटैक सॉफ़्टवेयर की एक श्रेणी है, जिसका उपयोग साइबर अपराधियों द्वारा किया जाता हैं।
- यह दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर पहले फाइलों को एन्क्रिप्ट करके संग्रहीत डेटा तक पहुंच को अवरुद्ध कर कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित करता है और बाद में डिक्रिप्शन कुंजी के बदले मालिक से फिरौती की मांग करता है।
- इस प्रकार के मैलवेयर आमतौर पर उपयोगकर्ता को ईमेल या अन्य माध्यमों से भेजे गए लिंक पर क्लिक करके डाउनलोड करने के लिए आकर्षित करके दूर से इंजेक्ट किए जाते हैं।
- रैंसमवेयर मैलवेयर मौजूदा नेटवर्क कमजोरियों का फायदा उठाकर पूरे नेटवर्क में फैलने की क्षमता रखता है।
- रैंसमवेयर हमले बुरे उद्देश्यों के लिए संवेदनशील और गोपनीय डेटा की चोरी की सुविधा भी प्रदान कर सकते हैं।
- अन्य प्रकार के साइबर हमलों से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए: Other Types of Cyber Attacks
रैंसमवेयर हमलों के उदाहरण और उनसे उत्पन्न खतरे:
- एम्स नेटवर्क पर साइबर हमलों के विश्लेषण से पता चलता है कि तीन करोड़ से अधिक रोगियों के डेटा को होस्ट करने वाले एम्स के लगभग पांच सर्वरों को हैक किया गया था।
- इसी तरह के हमले मई 2022 में स्पाइसजेट उड्डयन कम्पनी पर किए गए थे, जिसके कारण कई उड़ानें रद्द और विलंबित हुईं थी।
- अप्रैल 2022 में असम में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ऑयल इंडिया (OIL) को निशाना बनाया गया और हमलावरों ने फिरौती के रूप में ₹57 करोड़ की मांग की थी।
- वर्ष 2021 में IT फर्म टेक महिंद्रा भी रैंसमवेयर हमले से प्रभावित हुई थी, जिसने पिंपरी चिंचवाड़ स्मार्ट सिटी परियोजना के कई सर्वरों को निशाना बनाया इसकी वजह से लगभग 5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
- वर्ष 2019 में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में साइबर अपराधियों ने बिजली वितरण कंपनियों के सिस्टम पर हमला करने के लिए रॉबिनहुड रैंसमवेयर का इस्तेमाल किया। इस हमले ने 3.5 लाख से अधिक व्यक्तियों के डेटा को खतरे में डाल दिया था।
- साइबर सिक्योरिटी फर्म ट्रेलिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आज के समय में करीब 25 तरह के रैंसमवेयर सर्कुलेशन में हैं।
- हाल ही में दिल्ली में आयोजित इंटरपोल की 90वीं महासभा की बैठक (90th General Assembly meeting) में इंटरपोल की पहली ग्लोबल क्राइम ट्रेंड रिपोर्ट पेश की गई जिसके अनुसार 66% रैनसमवेयर को मनी लॉन्ड्रिंग के बाद दूसरा सबसे बड़ा खतरा बताया,जिसकी सबसे अधिक बढ़ने की भी संभावना है।
भारत में साइबर अपराधों से निपटने वाली एजेंसियां:
- इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) राष्ट्रीय स्तर की नोडल एजेंसी है जो साइबर हमलों पर इनपुट को एकत्र कर उनका विश्लेषण और प्रसारण करती है।
- CERT-In को आगे दिशा-निर्देश जारी करने, निवारक उपायों की सिफारिश करने, पूर्वानुमान लगाने, चेतावनी देने और प्रशिक्षण देने का काम सौंपा गया है।
- CERT-In किसी भी महत्वपूर्ण साइबर सुरक्षा घटना पर कार्रवाई करने के लिए उपाय करने के लिए भी जिम्मेदार है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Security Council ) सचिवालय के तहत राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (NCSC), साइबर सुरक्षा मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित करता है।
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (Information Technology Act, 2000) की धारा 70A के तहत स्थापित राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र [National Critical Information Infrastructure Protection Centre (NCIIPC)] को देश की महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना की सुरक्षा का कार्य सौंपा गया है।
- साइबर स्वच्छता केंद्र (Botnet Cleaning and Malware Analysis Centre) दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर प्रोग्रामों का पता लगाने और दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर के मुद्दों को हल करने के लिए मुफ़्त टूल प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है।
- राष्ट्रीय साइबर समन्वय केंद्र को मौजूदा और संभावित खतरों के बारे में जागरूकता सृजित करने का काम सौंपा गया है।
भावी कदम:
- साइबर हमलों के हाल के उदाहरणों को देखते हुए इसने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति (National Cyber Security Strategy) को लागू करना महत्वपूर्ण बना दिया है जिसकी परिकल्पना भारतीय डेटा सुरक्षा परिषद द्वारा की गई है।
- यह रणनीति इस बात को सुनिश्चित करेगी कि साइबर हमलों से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी हो।
- विभिन्न मंत्रालयों को उनकी साइबर सुरक्षा प्रणालियों को बढ़ाने के लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया जाना चाहिए।
- भारत में साइबर अपराधों से निपटने वाली सभी एजेंसियों की क्षमता में जल्द से जल्द वृद्धि की जानी चाहिए।
- इसके अलावा, भारत के लिए साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है।
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
सूक्ष्म पोषक तत्वों का कुपोषण:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
सामाजिक न्याय:
विषय: स्वास्थ्य से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
मुख्य परीक्षा: भारत में भुखमरी और कुपोषण की स्थिति।
संदर्भ:
- वैश्विक भूखमरी सूचकांक की 2022 रैंकिंग में भारत का स्थान (रैंकिंग) गिरने से देश में कुपोषण की समस्या पर एक बार फिर से ध्यान केन्द्रित हो गया है।
भारत में कुपोषण की स्थिति:
- देश के बड़े हिस्से में खराब आर्थिक स्थिति, कृषि की खराब स्थिति, असुरक्षित स्वच्छता प्रथाओं के लगातार उच्च स्तर आदि के कारण कुपोषण बना हुआ है।
- कुपोषण हमारे सामने आने वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की भयावहता को बढ़ा देता है, एवं यह भारत की सबसे गंभीर चुनौती और चिंता है।
- वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2022 में भारत की रैंकिंग 121 देशों में से 107 (2021 के सूचकांक में 101वीं रैंकिंग से फिसल गया) है।
- युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर, भारत ने वैश्विक भूखमरी सूचकांक 2022 में दक्षिण एशियाई क्षेत्र के सभी देशों की तुलना में खराब प्रदर्शन किया है।
- भूखमरी सूचकांक चार घटक संकेतकों – अल्पपोषण, चाइल्ड वेस्टिंग, चाइल्ड स्टंटिंग और बाल मृत्यु दर पर देशों के प्रदर्शन को मापता है।
- 2019-21 से भारत के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में, 35.5% छोटे कद (Stunted) के थे, 19.3% ने अविकसित (Wasted), और 32.1% कम वजन वाले थे और हर दूसरी भारतीय महिला में रक्ताल्पता पाई गई।
- 2021 की FAO की खाद्य सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15.3% आबादी कुपोषित है, इसमें छोटे कद के बच्चों (30%) और अविकसित बच्चों (17.3%) का अनुपात उच्चतम है।
- वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2021 की तस्वीर से पता चलता है कि भारत में बच्चों में स्टंटिंग की समस्या एशियाई औसत 21.8% से काफी अधिक है।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार 3.6% विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष या DALYs (असमय मृत्यु के कारण जीवन के वर्षों का नुकसान और अक्षमता के साथ जीवन यापन के वर्ष) के लिए आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया जिम्मेदार है — अर्थात, 47 मिलियन DALYs का नुकसान, या बीमारी, अक्षमता, या अकाल मृत्यु के कारण स्वस्थ जीवन के वर्षों का नुकसान।
कुपोषण से निपटने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन:
- 1920 के दशक से विकसित देशों और उच्च आय वाले देशों ने फूड फोर्टिफिकेशन के जरिए कुपोषण की समस्या का सफलतापूर्वक समाधान किया है।
- भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों ने सूक्ष्म पोषक तत्वों के कुपोषण से निपटने के लिए एक रणनीति के रूप में फ़ूड फोर्टिफिकेशन को देरी से अपनाया है।
- फूड फोर्टिफिकेशन भोजन में पोषक तत्वों को जोड़ने की प्रक्रिया है। उदाहरण के लिए, चावल और गेहूं को आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12से फोर्टिफाइड किया जाता है, और नमक को आयरन और आयोडीन से फोर्टिफाइड किया जाता है।
एनीमिया से निपटने के लिए फोर्टिफाइड चावल:
- भारत में 65% आबादी का प्रमुख/मुख्य आहार चावल है।
- फोर्टिफाइड चावल परियोजना पर विभिन्न राज्यों के अनुभव वैश्विक कार्यक्रमों के परिणामों के समान हैं जो एनीमिया से निपटने के लिए फोर्टिफाइड भोजन को लागत प्रभावी रणनीति के रूप में उपयोग करते हैं।
- फूड फोर्टिफिकेशन के कारण होने वाले स्वास्थ्य लाभों ने 80 देशों को अनाज के आटे के फोर्टिफिकेशन के लिए कानून बनाने के लिए मजबूर किया है, और 130 देशों में आयोडीनयुक्त नमक का प्रयोग किया जा रहा है, वहीं 13 देशों ने चावल के फोर्टिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है।
- जनता के लिए लक्षित सार्वजनिक वितरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में महाराष्ट्र सहित चुनिंदा राज्यों में फोर्टिफाइड चावल के वितरण पर पायलट परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
- दो साल की अवधि के भीतर एनीमिया के मामलों को 58.9% से 29.5% तक लाने के मामले में यह कार्यक्रम सफल रहा है।
- केंद्र सरकार ने पीडीएस, आईसीडीएस और पीएम-पोषण जैसे सामाजिक सुरक्षा जाल के मौजूदा प्लेटफॉर्म के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के वितरण को बढ़ाने की घोषणा की है।
- नीति आयोग के अनुसार, प्रति वर्ष लगभग ₹2,800 करोड़ का चावल फोर्टिफिकेशन बजट का कुल 35% या प्रति वर्ष 16.6 मिलियन DALY बचा सकता है, जिसमें विषाक्तता का कोई ज्ञात जोखिम नहीं है।
- चावल फोर्टिफिकेशन, जिसकी लागत खाद्य सब्सिडी बिल (2018-19) के 1% से भी कम है, में 94.1 मिलियन एनीमिया के मामलों को रोकने की क्षमता है, जिससे पांच साल की अवधि में 8,098 करोड़ रुपये की बचत होती है।
केस स्टडी-गुजरात में मध्याह्न भोजन योजना:
- गुजरात में, मध्याह्न भोजन योजना के हिस्से के रूप में, 2018-2019 में स्कूली बच्चों (06-12 वर्ष) के लिए मल्टीपल माइक्रोन्यूट्रिएंट फोर्टिफाइड राइस इंटरवेंशन पर आठ महीने के लंबे अध्ययन में हीमोग्लोबिन की मात्रा में वृद्धि, एनीमिया के प्रसार में 10% की कमी पाई गई, और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि औसत संज्ञानात्मक स्कोर में सुधार (11.3% तक) हुआ है।
भावी कदम:
- सिकल सेल एनीमिया और थैलेसीमिया से पीड़ित झारखंड की आदिवासी आबादी के लिए फोर्टीफाइड चावल के कारण आयरन की अधिक मात्रा खतरनाक हो गई।
- कई सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए फूड फोर्टिफिकेशन एक लागत प्रभावी पूरक रणनीति है।
- इसकी सिद्ध प्रभावकारिता और लागत-प्रभावशीलता को देखते हुए, खाद्य फोर्टिफिकेशन भारत को सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने और समग्र स्वास्थ्य लाभों को संबोधित करने में मदद कर सकता है।
सारांश:
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निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
राजव्यवस्था:
विषय: भारत का निर्वाचन आयोग।
मुख्य परीक्षा: भारत का निर्वाचन आयोग और उसके कार्य।
संदर्भ:
- निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के लिए एक तटस्थ तंत्र की आवश्यकता पर सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चल रही सुनवाई निकाय की कार्यात्मक स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है।
प्रस्तावना:
- सर्वोच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ निर्वाचन आयोग (Election Commission) के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार की सिफारिश करने वाली याचिकाओं का परीक्षण कर रही है।
- चार जनहित याचिकाओं (PILs) के एक समूह में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के रूप में नियुक्तियों के लिए राष्ट्रपति को नामों की सिफारिश करने हेतु एक तटस्थ और स्वतंत्र चयन पैनल स्थापित करने के लिए केंद्र को निर्देश जारी करने की माँग की गई है।
- यह भी उम्मीद की जा रही है कि सर्वोच्च न्यायालय की पीठ पिछले दो दशकों में उत्तरोत्तर निर्वाचन आयोगों द्वारा सरकारों को सुझाए गए निर्वाचनी सुधारों का परीक्षण भी करेगी।
- 2004 में 20 से अधिक सुधार प्रस्तावों की एक सूची संकलित की गई थी। समय के साथ सूची में और प्रस्ताव जोड़े गए और यह सरकार के पास लंबित हैं।
- इनमें निर्वाचन के दौरान बाहुबल और धन बल के दुरुपयोग, जिसके कारण आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है, से निपटने के लिए आयोग की अंतर्निहित संरचना को मजबूत करने के प्रस्ताव शामिल हैं।
नियुक्तियों से संबंधित वर्तमान मुद्दे:
- वर्तमान में, निर्वाचन आयोग एक तीन सदस्यीय निकाय है, जिसमें एक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और दो निर्वाचन आयुक्त होते हैं। संविधान के अनुच्छेद 324 (2) के तहत, राष्ट्रपति को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त नियुक्त करने का अधिकार है।
- यह प्रावधान आगे निर्धारित करता है कि राष्ट्रपति, जो प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करता है, द्वारा नियुक्तियाँ ‘संसद द्वारा इस संबंध में बनाए गए किसी भी कानून के प्रावधानों के अधीन’ की जाएंगी।
- हालाँकि, आज तक ऐसा कोई कानून नहीं बनाया गया है, जिसमे मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों को प्रधान मंत्री और मंत्रिपरिषद द्वारा राष्ट्रपति के आदेश के तहत नियुक्त किया जाता है। ऐसी नियुक्तियों के लिए बनाये गए नियम उम्मीदवार की योग्यता के संबंध में भी मौन हैं।
- इसके परिणामस्वरूप-
- नियुक्तियों में पक्षपात की संभावना होती है
- भविष्य में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों द्वारा पक्षपातपूर्ण आचरण की संभावना होती है
- निर्वाचन आयोग की नियुक्तियों में व्यक्तिगत पसंद की गुंजाइश होती है
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर निर्वाचन आयुक्त की पदोन्नति को लेकर अनिश्चितता उन्हें सरकारी दबाव के प्रति संवेदनशील बनाती है।
- निर्वाचन आयुक्तों को कार्यकाल की सुरक्षा भी प्रदान की जानी चाहिए क्योंकि अभी उन्हें मुख्य निर्वाचन आयुक्त की सिफारिश पर पद से हटाया जा सकता है।
- कार्यकाल की सुरक्षा के बिना, वे स्वतंत्र रूप से कार्य करने में संकोच कर सकते हैं, यदि उन्हें कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की जाती है तो हो सकता है कि वे स्वतंत्र एवं पक्षपात रहित होकर कार्य करें ।
निर्वाचन आयोग में नियुक्तियों के संबंध में विभिन्न सिफारिशें:
- 1990 में दिनेश गोस्वामी समिति ने सुझाव दिया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भारत के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता (और यदि विपक्ष का नेता उपलब्ध न हो तो लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी समूह के नेता से परामर्श किया जाए) के परामर्श से राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए। इसने कहा कि इस प्रक्रिया को वैधानिक समर्थन मिलना चाहिए।
- इसने मुख्य निर्वाचन आयुक्त के परामर्श के साथ निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्तियों के लिए भी यही मानदंड लागू किया।
- न्यायमूर्ति एम.एन. वेंकटचलैया की अध्यक्षता में संविधान के कामकाज की समीक्षा करने के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग ने कहा कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति एक निकाय की सिफारिश पर की जानी चाहिए जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, लोकसभा (Lok Sabha) के अध्यक्ष और राज्यसभा (Rajya Sabha) के उपसभापति शामिल हों।
- न्यायमूर्ति ए.पी. शाह की अध्यक्षता में गठित विधि आयोग की 255वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा तीन सदस्यीय कॉलेजियम के परामर्श से की जानी चाहिए, जिसमें प्रधानमंत्री, लोक सभा में विपक्ष के नेता (या लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता) और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल हों।
- इसने निर्वाचन आयुक्तों को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समान मनमाने ढंग से हटाने से बचाने के उपाय भी सुझाए, जिन्हें केवल महाभियोग द्वारा हटाया जा सकता है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने 1995 के टी.एन. शेषन मामले के अपने फैसले में निर्वाचन आयुक्तों को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के समान अधिकार प्रदान किए और यहां तक कि बहुमत की शक्ति भी प्रदान की, जिससे कोई भी दो आयुक्त मुख्य निर्वाचन आयुक्त के निर्णय को नामंजूर भी कर सकते हैं।
भावी कदम:
- पिछले आयोगों द्वारा की गई विभिन्न सिफारिशों को स्वीकार करने और लागू करने से निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता को मजबूत करने में काफी मदद मिलेगी।
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति एक कॉलेजियम द्वारा की जानी चाहिए।
- देश के शीर्ष संवैधानिक दिग्गजों द्वारा चयन के आधार पर कॉलेजियम व्यापक होना चाहिए।
- अन्य निर्वाचन आयुक्तों को मनमानी पदच्युति से संरक्षण प्रदान करने के लिए संवैधानिक संसोधन के माध्यम से वही संरक्षण प्रदान करने चाहिए जो वर्तमान केवल मुख्य निर्वाचन आयुक्त को प्रदान किए जाते हैं।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. सालाना 160-200 मिलियन भारतीय घातक हीट वेव्स के संपर्क में आ सकते हैं: विश्व बैंक रिपोर्ट
- विश्व बैंक (World Bank) की एक रिपोर्ट “भारत के कूलिंग (शीतलन) क्षेत्र में जलवायु निवेश के अवसर” (Climate investment opportunities in India’s cooling sector), के अनुसार वर्ष 2030 से भारत में लगभग 16 करोड़ से 20 करोड़ लोग हर साल घातक हीट वेव्स के संपर्क में आएंगे, और हीट स्ट्रेस से संबंधित उत्पादकता में गिरावट के कारण देश में करीब 3.4 करोड़ लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।
- इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2037 तक कूलिंग की मांग मौजूदा स्तर से आठ गुना अधिक होने की संभावना है।
- इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत के लिए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि वह स्थानों को ठंडा रखने के लिए वैकल्पिक और नवीन ऊर्जा-कुशल तकनीकों को लागु करे क्योंकि यह कदम वर्ष 2040 तक $1.6 ट्रिलियन के निवेश के अवसर को खोल सकता है, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम कर सकता है और 37 लाख से अधिक नौकरियां सृजित करने में मददगार साबित हो सकता है।
- हीटवेव में वृद्धि से एयर-कंडीशनर के माध्यम से कूलिंग की मांग बढ़ने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप अगले 20 वर्षों में वार्षिक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 435% से अधिक की वृद्धि होगी।
- इसलिए, अधिक ऊर्जा-कुशल उपायों की ओर जाने की आवश्यकता है जो अपेक्षित उत्सर्जन स्तरों में कमी ला सकते हैं।
- यह रिपोर्ट तीन प्रमुख क्षेत्रों जैसे भवन निर्माण, कोल्ड चेन और रेफ्रिजरेंट में निवेश के माध्यम से इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (India Cooling Action Plan (ICAP), 2019), 2019 का समर्थन करने के लिए एक रोड मैप की सिफारिश करती है।
- इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी तौर पर वित्तपोषित निर्माणों में एक मानक के रूप में जलवायु-उत्तरदायी शीतलन तकनीकों को अपनाने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि आर्थिक सोपान में हाशिए पर रहने वाले वर्ग बढ़ते तापमान से असमान रूप से प्रभावित न हों।
- भारत में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana (PMAY)) जैसी योजनाओं में ऐसी तकनीकों को अपनाया जा सकता है।
- रिपोर्ट में “डिस्ट्रिक्ट कूलिंग” के लिए एक नीति बनाने की भी सिफारिश की गई है, जो सबसे कुशल पारंपरिक कूलिंग समाधानों की तुलना में 20-30% तक बिजली बचा सकती है।
- “डिस्ट्रिक्ट कूलिंग” प्रौद्योगिकियां एक केंद्रीय संयंत्र में ठंडे पानी के उत्पादन को संदर्भित करती हैं जो भूमिगत इन्सुलेटेड पाइपों के माध्यम से इमारतों को वितरित की जाती हैं। यह अलग-अलग इमारतों को ठंडा रखने की लागत को कम करता है।
2. इस साल पाकिस्तान की सीमा पर 16 ड्रोन मार गिराए गए: BSF
- सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक ने कहा है कि बीएसएफ ने वर्ष 2022 में पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में करीब 16 ड्रोन मार गिराए हैं।
- बीएसएफ के महानिदेशक के अनुसार रक्षा बलों के लिए ड्रोन प्रमुख चुनौतियों में से एक के रूप में उभरा हैं क्योंकि आज भी देश में किसी भी प्रकार की अचूक एंटी-ड्रोन तकनीकों की कमी है।
- महानिदेशक ने आगे यह भी कहा कि ड्रोन का पता लगाने के लिए नई तकनीकों का परीक्षण किया जा रहा है और ड्रोन द्वारा गिराए जाने वाले ड्रग्स और हथियारों जैसी वस्तुओं को जब्त करने के लिए बीएसएफ गहन क्षेत्रों में गश्त हेतु राज्य पुलिस के साथ सहयोग कर रही है।
- इस तरह के ड्रोन में एक अनूठी चिप लगी होती है जिसमें उनके उड़ान पथ और अन्य विवरणों के बारे में जानकारी निहित होती है जिसके आधार पर ऐसे कृत्यों के पीछे व्यक्तियों की पहचान की जा सकती है और उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
- ज्ञातव्य है कि वर्तमान में सीमा पर अलग-अलग क्षमताओं वाले विभिन्न एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात हैं।
- इसके अलावा, एक वाहन-माउंटेड सिस्टम (वाहन पर लगे सिस्टम) की खरीद भी केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा विचाराधीन है और सीमाओं पर 5,500 निगरानी कैमरों को तैनात करने के लिए लगभग 30 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।
3.चीन ने अमेरिका को भारत के साथ उसके संबंधों में दखलअंदाजी न करने की चेतावनी दी है:
- चीन ने युद्ध अभ्यास (Yudh Abhyas) के आयोजन के मद्देनजर अपनी चिंता जाहिर की है, क्योंकि यह युद्ध अभ्यास भारत-यू.एस.का संयुक्त सैन्य अभ्यास है जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control (LAC)) से करीब 100 किलोमीटर दूर आयोजित किया जा रहा हैं।
- चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और अमेरिका के बीच एलएसी के करीब चल रहे संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और चीन के बीच वर्ष 1993 और 1996 में हुए समझौतों की भावना का उल्लंघन करता है और भारत और चीन के बीच आपसी विश्वास की भावना का अनुसरण नहीं करता है।
- अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि चीन LAC पर तनाव को “रोकना” चाहता है ताकि भारत को अमेरिका के साथ “अधिक निकटता से भागीदार” बनने से रोका जा सके साथ ही चीन ने अमेरिकी अधिकारियों को भारत व उसके साथ अपने संबंधों में “हस्तक्षेप न करने” की चेतावनी दी है।
- जून 2020 की गलवान घाटी झड़प का जिक्र करते हुए, रिपोर्ट में कहा गया है कि वेस्टर्न थिएटर कमांड ने बड़े पैमाने पर PLA बलों की तैनाती की है, और LAC पर निरंतर सैन्य घटनाक्रमों के कारण, वेस्टर्न थिएटर कमांड की तैनाती 2022 तक जारी रहने की संभावना है।
- इस रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि “पूरे गतिरोध के दौरान, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के अधिकारियों ने संकट की गंभीरता को कम करने की कोशिश की, तथा सीमा पर स्थिरता को बनाए रखने और भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के अन्य क्षेत्रों पर गतिरोध के प्रभावों को रोकने पर भी जोर दिया।”
4. केरल की मानव-पशु संघर्ष शमन टीम को भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट पुरस्कार के लिए चुना गया:
- मुन्नार वन प्रभाग के अंतर्गत चिन्नाक्कनल (Chinnakkanal) की आठ सदस्यीय टीम, जिसने इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष की घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, को अपने प्रयासों के लिए पहचान मिली है।
- वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने मानव-पशु संघर्ष को कम करने और जंगली हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में टीम के योगदान को देखते हुए चालू वर्ष के लिए अपने पुरस्कार के लिए टीम का चयन किया है।
- सिंकुकंडम (Sinkukandam) में एक 60 वर्षीय व्यक्ति को जंगली हाथी द्वारा कुचल कर मार डाले जाने के बाद गठित की गई टीम सुबह लगभग 5 बजे अपना काम शुरू करती है और व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से चिन्नक्कानल क्षेत्र में जंगली हाथियों की गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती है और इस जानकारी से लोगों को क्षेत्र में जंगली हाथियों की उपस्थिति के बारे में जागरूक होने में मदद मिली है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. ‘ग्रेट इंडियन बस्टर्ड’ (Great Indian Bustard) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड राजस्थान का राजकीय पक्षी है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को अति-संकटग्रस्त (Critically Endangered) प्रजाति के रूप में शामिल किया गया है।
- इसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के वन्यजीव आवासों के एकीकृत विकास के तहत प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है।
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) एक कथन सही है
(b) दो कथन सही हैं
(c) सभी कथन सही हैं
(d) इनमें से कोई भी नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड राजस्थान का राज्य पक्षी है।
- कथन 2 सही है: अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को अति-संकटग्रस्त (Critically Endangered) प्रजाति के रूप में शामिल किया गया है।
- कथन 3 सही है: GIB को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के वन्यजीव आवासों के एकीकृत विकास के तहत प्रजाति पुनर्प्राप्ति कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है।
प्रश्न 2. GVA (सकल मूल्य वर्धित) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- GVA उत्पादकों की ओर से या आपूर्ति पक्ष से आर्थिक गतिविधि की स्थिति की तस्वीर पेश करता है, जबकि GDP उपभोक्ताओं की तरफ या मांग के नजरिए से आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर पेश करता है।
- GVA को उत्पादन के मूल्य और मध्यवर्ती खपत के मूल्य के बीच के अंतर के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- GVA किसी भी अन्य माप की तरह ही अनुपयुक्त या त्रुटिपूर्ण पद्धतियों के उपयोग किए जाने से उत्पन्न सुभेद्याताओं के प्रति अतिसंवेदनशील है।
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1
(d) ऊपर के सभी
उत्तर: d
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: GVA उत्पादकों की ओर से या आपूर्ति पक्ष से आर्थिक गतिविधि की स्थिति की तस्वीर पेश करता है, जबकि GDP उपभोक्ताओं की तरफ या मांग के नजरिए से आर्थिक गतिविधियों की तस्वीर दिखाता है।
- कथन 2 सही है: GVA (सकल मूल्य वर्धित) को उत्पादन (आधार कीमतों पर) और मध्यवर्ती खपत (क्रेता कीमतों पर) के बीच अंतर के रूप में परिभाषित किया गया है।
- कथन 3 सही है: GVA किसी भी अन्य माप की तरह ही अनुपयुक्त या त्रुटिपूर्ण पद्धतियों के उपयोग किए जाने से उत्पन्न सुभेद्याताओं के प्रति अतिसंवेदनशील है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा खेल रत्न पुरस्कार के बारे में सत्य नहीं है? (स्तर – मध्यम)
- खेल रत्न पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1991-1992 में की गई थी और इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले प्रथम खिलाडी शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद थे।
- खेल रत्न पुरस्कार युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल पुरस्कार है, जो किसी खिलाड़ी को दस वर्षों की अवधि में उसके खेल के क्षेत्र में शानदार और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है।
- वर्ष 2001 में, निशानेबाजी खेल के खिलाड़ी अभिनव बिंद्रा, जिनकी आयु उस समय 18 वर्ष थी, इस पुरस्कार के सबसे कम उम्र के प्राप्तकर्ता बने।
- वर्ष 1991-2021 के पुरस्कार का नाम भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था।
उत्तर: b
व्याख्या:
- खेल रत्न पुरस्कार वर्ष 1991-1992 में शुरू किया गया था और विश्वनाथन आनंद इस पुरस्कार के पहले प्राप्तकर्ता थे।
- खेल रत्न पुरस्कार युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल पुरस्कार है, जो किसी खिलाड़ी को पिछले चार वर्षों की अवधि में उसके खेल के क्षेत्र में शानदार और सबसे उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किया जाता है।
- निशानेबाज अभिनव बिंद्रा खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं।
- ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता को 2001 में 18 साल की उम्र में पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- वर्ष 1991-2021 के पुरस्कार का नाम भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था और अब इसका नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया गया है।
प्रश्न 4. भारत में जीएम फसलों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- बीटी कपास, एकमात्र जीएम फसल है जिसे भारत में अनुमति दी गई है, इसमें मिट्टी के जीवाणु बैसिलस थुरिंजिएन्सिस (BT) से दो विदेशी जीन शामिल किए जाते हैं जो फसल को सामान्य कीट गुलाबी बॉलवर्म के लिए एक प्रोटीन विष विकसित करने की अनुमति देते हैं।
- भारत में, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) सर्वोच्च निकाय है जो जीएम फसलों के वाणिज्यिक विमोचन की अनुमति देती है।
- वर्ष 2002-03 में भारत में बीटी कपास की शुरुआत के बाद से इसके फसल क्षेत्र में कम ही वृद्धि हुई है।
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 1 सही है: बीटी कपास, एकमात्र जीएम फसल है जिसे भारत में अनुमति दी गई है, इसमें मिट्टी के जीवाणु बैसिलस थुरिंजिएन्सिस (BT) से दो विदेशी जीन शामिल किए जाते हैं जो फसल को सामान्य कीट गुलाबी बॉलवर्म के लिए एक प्रोटीन विष विकसित करने की अनुमति देते हैं।
- कथन 2 सही है: भारत में, जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (GEAC) सर्वोच्च निकाय है जो जीएम फसलों के वाणिज्यिक विमोचन की अनुमति देती है।
- कथन 3 गलत है: भारत में 2002-03 में बीटी कपास की शुरुआत के बाद से इसकी खेती, उत्पादन और उत्पादकता के क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई है।
- खेती का रकबा जो 2002-03 में बमुश्किल 86.24 लाख हेक्टेयर था, 2019-20 तक बढ़कर 125.84 लाख हेक्टेयर हो गया।
प्रश्न 5. बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र सर्वाधिक प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रकारी है, जो – PYQ (2017) (स्तर – कठिन)
(a) अजंता में है
(b) बादामी में है
(c) बाग में है
(d) एलोरा में है
उत्तर: a
व्याख्या:
- बोधिसत्व पद्मपाणि का चित्र अजंता में सबसे प्रसिद्ध और प्रायः चित्रित चित्रों में से एक है।
अजंता के महत्वपूर्ण चित्रों में निम्न शामिल हैं:
- गौतम बुद्ध के जीवन की जातक कथाओं के दृश्य, बुद्ध के बोधिसत्व के रूप में पूर्व जीवन आदि।
- गुफा 1 में त्रिभंग मुद्रा में विभिन्न बोधिसत्वों के चित्र: वज्रपाणि (संरक्षक और मार्गदर्शक, बुद्ध की शक्ति का प्रतीक), मंजुश्री (बुद्ध के ज्ञान का प्रकटीकरण) और पद्मपाणि (अवलोकितेश्वर) (बुद्ध की करुणा का प्रतीक)।
- गुफा 16 में मरणासन्न राजकुमारी।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. रैंसमवेयर क्या है? इससे होने वाले साइबर सुरक्षा खतरे का मूल्यांकन करते हुए, उनका मुकाबला करने के लिए किये जाने वाले उपायों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – आंतरिक सुरक्षा)
प्रश्न 2. हीट वेव्स का कमजोर वर्गों पर विनाशकारी प्रभाव पड़ता है साथ ही इसकी आवृत्ति और प्रभाव में वृद्धि देखी जा रही है। कथन का परीक्षण कीजिए । (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – आपदा प्रबंधन)