A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: नैतिकता:
E. संपादकीय: सामाजिक न्याय:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:
‘प्रो. स्वामीनाथन का योगदान हमें प्रेरित और मार्गदर्शन करता रहेगा’:
नैतिकता:
विषय: भारत और विश्व के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान।
मुख्य परीक्षा: प्रो. स्वामीनाथन का योगदान।
प्रसंग:
- प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन का हाल ही में निधन कृषि विज्ञान में एक दूरदर्शी की हानि का प्रतीक है। भारतीय कृषि में उनके गहन योगदान ने एक अमिट छाप छोड़ी है।
डॉ. एम.एस. से सम्बंधित जानकारी स्वामीनाथन:
- प्रारंभिक जीवन और कृषि के प्रति प्रतिबद्धता:
- प्रोफेसर स्वामीनाथन का भारत और उसके किसानों के प्रति गहरा प्रेम।
- 1943 के बंगाल अकाल से प्रेरित होकर उन्होंने अपना करियर कृषि अनुसंधान को समर्पित कर दिया।
- अमेरिका में संकाय पद को अस्वीकार करते हुए भारत में काम करना चुना।
- हरित क्रांति के अग्रदूत:
- आज़ादी के बाद के भारत की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियाँ।
- गेहूँ के उत्पादन में वृद्धि के माध्यम से अकाल को टालने में भूमिका।
- “भारतीय हरित क्रांति के जनक” (Green Revolution) की उपाधि अर्जित की।
- अग्रणी अनुसंधान:
- आलू की फसल परजीवियों से निपटने में योगदान।
- ठंड प्रतिरोधी आलू की फसलों का विकास।
- सुपरफूड के रूप में बाजरा की प्रारंभिक वकालत।
- प्रभावशाली संवाद:
- प्रोफेसर स्वामीनाथन के साथ लेखक के व्यक्तिगत अनुभव।
- गुजरात में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना पर सहयोग।
- कृषि में सफलता की ओर ले जाने वाली योजना का समर्थन।
- किसान-केंद्रित दृष्टिकोण:
- प्रो. स्वामीनाथन को “किसान वैज्ञानिक” के रूप में मान्यता देना।
- टिकाऊ कृषि और पारिस्थितिक संतुलन पर जोर देना।
- छोटे किसानों और महिला किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए समर्पण।
- नवाचार और मार्गदर्शन:
- विश्व खाद्य पुरस्कार राशि से एक गैर-लाभकारी अनुसंधान फाउंडेशन की स्थापना।
- अनगिनत मस्तिष्कों का पोषण करना, सीखने और नवाचार के लिए एक जुनून को बढ़ावा देना।
- कृषि अनुसंधान में एक संस्था निर्माता के रूप में विरासत।
- स्थायी प्रेरणा:
- उनका योगदान कृषि नवाचार और स्थिरता को प्रेरित करता रहता है।
- अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र जैसे अनुसंधान केंद्रों की स्थापना।
डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Dr. M.S. Swaminathan
डॉ. एम.एस.स्वामीनाथन के जीवन से सीख:
- सहानुभूति
- वैज्ञानिक कठोरता/मजबूती
- धैर्य और प्रतिबद्धता
- निःस्वार्थता
- समावेशिता
- सामुदायिक सहभागिता
- पर्यावरणवाद
सारांश:
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संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
उच्च शिक्षा को संयुक्त राष्ट्र संधारणीय विकास लक्ष्यों के साथ जोड़ना:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
सामाजिक न्याय:
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में उच्च शिक्षा संस्थानों की भूमिका।
प्रसंग:
- वर्ष 2023 की सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals(SDGs)) रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे दुनिया 2023 तक एसडीजी हासिल करने की राह पर नहीं है। कम विकसित देशों में यह स्थिति अधिक स्पष्ट तौर पर दिख रही है। भारत को भी इस रिपोर्ट से झटका लगा है।
पृष्ठभूमि:
- संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य (United Nations Sustainable Development Goals (SDGs)) में वर्ष 2030 तक वैश्विक सामाजिक-आर्थिक और पर्यावरणीय परिवर्तन के उद्देश्य से 17 गोल और 169 लक्ष्य शामिल हैं।
- एसडीजी के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच तत्काल कार्रवाई और सहयोग की आवश्यकता है।
चित्र स्रोत: The United Nations
एसडीजी रिपोर्ट 2023:
UN DESA (आर्थिक और सामाजिक मामलों का विभाग) द्वारा
चित्र स्रोत: SDG Report 2023
धीमी प्रगति और वैश्विक चुनौतियाँ:
- एसडीजी रिपोर्ट 2023 में कोविड-19,(COVID-19) जलवायु संकट, भू-राजनीतिक संघर्ष और आर्थिक चुनौतियों जैसे कारकों के कारण धीमी प्रगति पर प्रकाश डाला गया है।
- अल्प विकसित देशों में प्रगति की कमी अधिक स्पष्ट है।
- भारत को अपने लचीलेपन के बावजूद एसडीजी हासिल करने में असफलताओं का सामना करना पड़ता है।
एसडीजी 4 के प्रति भारत की प्रतिबद्धता:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की भूमिका:
- एनईपी 2020 (NEP 2020) अधिकांश एसडीजी के अनुरूप है तथा न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा पर जोर देता है।
- उच्च शिक्षा, जो एक प्राथमिकता हैं, व्यक्तियों को सशक्त बनाती है, रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और रोजगार कौशल को बढ़ावा देती है।
- गरीबी उन्मूलन, भूख उन्मूलन और लैंगिक समानता सहित विभिन्न एसडीजी पर उच्च शिक्षा का प्रभाव।
विश्वविद्यालय एसडीजी हासिल करने में किस प्रकार मदद कर सकते हैं?
- अनुसंधान-शिक्षण गठजोड़ और बहु-अनुशासनात्मकता:
- अनुसंधान-शिक्षण गठजोड़ को मजबूत करने से छात्रों को लाभ होता है और यह एसडीजी के अनुरूप होता है।
- बहुविषयक शिक्षा स्थायी ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक विकास जैसी वैश्विक चुनौतियों के लिए नवाचार और समाधान को बढ़ावा देती है।
- सहयोग और मूल्य-आधारित शिक्षा:
- निजी कंपनियों के साथ सहयोग नवाचार और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देता है (SDG 9)।
- मूल्य-आधारित शिक्षा का परिचय जिम्मेदार नागरिकता को प्रोत्साहित करता है और “पृथ्वी पर जीवन” ( “Life on Land”) (एसडीजी 15) का समर्थन करता है।
प्रगति के लिए सुझाव:
- विश्वविद्यालयों को दिन-प्रतिदिन के कार्यों को एसडीजी के साथ जोड़ना चाहिए और मूल्य-आधारित शिक्षा को अपनाना चाहिए।
- एसडीजी उपलब्धियों के आधार पर विश्वविद्यालयों की रैंकिंग करना फायदेमंद है लेकिन यह अपर्याप्त है।
- उच्च शिक्षा में हितधारकों को यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा और अभिविन्यास की आवश्यकता है कि उनकी गतिविधियाँ एसडीजी में योगदान दें।
- एसडीजी को सामूहिक रूप से हासिल करने के लिए भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग।
- विश्वविद्यालयों को स्वास्थ्य पहल, ऊर्जा संरक्षण, कौशल विकास और संसाधन साझाकरण के माध्यम से अपने स्थानीय समुदायों में योगदान देना चाहिए।
- प्रशासन, शिक्षण और अनुसंधान में स्थिरता को विश्वविद्यालय की रणनीतियों का अभिन्न अंग बनना चाहिए।
- सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ एकीकरण:
- एसडीजी को सार्थक रूप से प्रभावित करने के लिए उच्च शिक्षा को सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ सीधे एकीकृत किया जाना चाहिए।
- विश्वविद्यालयों को यह प्रदर्शित करना चाहिए कि वे नागरिकों की भलाई और राष्ट्र-निर्माण में कैसे योगदान देते हैं।
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. 2023 का शांति का नोबेल पुरस्कार जेल में बंद ईरानी कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को दिया गया:
प्रसंग:
- ईरानी कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी को 2023 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- महिलाओं के अधिकारों, लोकतंत्र और मृत्युदंड के विरोध के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- कई गिरफ्तारियों और वर्षों के कारावास के बावजूद, वह ईरान में महिलाओं के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों में एक प्रमुख व्यक्तित्व बनी हुई हैं।
विवरण:
- अथक सक्रियता एवं दृढ़ता:
- मानव अधिकारों, विशेषकर महिलाओं के अधिकारों के लिए नर्गेस मोहम्मदी की अथक वकालत।
- कई गिरफ्तारियों और कारावास का सामना करने के बावजूद सक्रियता जारी रखी।
- पुलिस हिरासत में एक युवा महिला की मौत के बाद शुरू हुए देशव्यापी विरोध प्रदर्शन में उनकी नेतृत्वकारी भूमिका थी।
- नोबेल समिति द्वारा उनके कार्यो को मान्यता:
- नॉर्वेजियन नोबेल समिति के अध्यक्ष बेरिट रीस-एंडरसन ने पुरस्कार की घोषणा की।
- ईरान में व्यापक आंदोलन के प्रतिनिधित्व के रूप में मोहम्मदी के काम की स्वीकृति।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य ईरानी मानवाधिकार आंदोलन के चल रहे प्रयासों को प्रोत्साहित करना और समर्थन करना है।
- रिहाई का आह्वानः
- नोबेल समिति की ईरान से 10 दिसंबर को पुरस्कार समारोह के लिए नरगेस मोहम्मदी को समय पर रिहा करने की अपील की हैं।
- यह उनकी सक्रियता की अंतर्राष्ट्रीय मान्यता का प्रतीक है।
- मोहम्मदी का जवाब:
- वैश्विक समर्थन और उनके कार्यों को मान्यता प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त करते हुए नरगेस मोहम्मदी का बयान सामने आया हैं।
- मानवाधिकारों की वकालत में तीव्र प्रयासों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता।
- आशा है कि नोबेल पुरस्कार परिवर्तन के लिए प्रयासरत ईरानियों के संकल्प को मजबूत करेगा।
- उत्पीड़न का इतिहास:
- एक इंजीनियर के रूप में मोहम्मदी की पृष्ठभूमि और कारावास का उनका व्यापक अनुभव।
- पांच बार दोषी ठहराया गया और कुल 31 साल जेल की सजा सुनाई गई।
- विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक स्मारक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद 2021 में उनकी सबसे हालिया हिरासत।
- ऐतिहासिक महत्व:
- नर्गेस मोहम्मदी नोबेल शांति पुरस्कार पाने वाली 19वीं महिला बनीं।
- 2003 में शिरीन एबादी के बाद यह सम्मान हासिल करने वाली दूसरी ईरानी महिला।
- मानवाधिकारों और शांति में ईरानी महिलाओं के योगदान की वैश्विक मान्यता पर प्रकाश डालता है।
2.जलवायु परिवर्तन के कारण पांच में से दो उभयचर विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहे हैं: अध्ययन
प्रसंग:
- नेचर जर्नल में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में जलवायु परिवर्तन के कारण उभयचरों के सामने विलुप्त होने के बढ़ते खतरे पर प्रकाश डाला गया है।
- ‘उभरते खतरों के सामने दुनिया के उभयचरों की निरंतर गिरावट’ शीर्षक वाला अध्ययन, इन कमजोर प्रजातियों की रक्षा के लिए तत्काल संरक्षण प्रयासों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
चित्र स्रोत: The hindu
विवरण:
- अध्ययन अवलोकन:
- यह अध्ययन दो दशकों के वैश्विक डेटा पर आधारित है और 4 अक्टूबर को प्रकाशित हुआ था।
- इसने दुनिया भर में 8,000 से अधिक उभयचर प्रजातियों के विलुप्त होने के जोखिम का विश्लेषण किया, जिसमें 2,286 नई मूल्यांकित प्रजातियां भी शामिल हैं।
- असम में आरण्यक जैसे संगठनों के वैज्ञानिकों सहित 1,000 से अधिक विशेषज्ञों ने डेटा और विशेषज्ञता का योगदान दिया हैं।
- निष्कर्षों से पता चलता है कि वर्तमान में 40% उभयचर प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं।
- जलवायु परिवर्तन का प्रभाव:
- वर्ष 2004 से 2022 के बीच, 300 से अधिक उभयचर प्रजातियां विलुप्त होने के करीब पहुंच गईं, इनमें से 39% प्रजातियों के लिए जलवायु परिवर्तन को प्राथमिक खतरे के रूप में पहचाना गया।
- उभयचर पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, जिससे वे जलवायु-संबंधी बदलावों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हो जाते हैं।
- जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग, सूखा और तूफान आते हैं, जिससे उभयचरों की अनुकूलन और जीवित रहने की क्षमता सीमित हो जाती है।
- पर्यावास का विनाश और ह्रास:
- संकटग्रस्त उभयचर प्रजातियों में से 93% प्रजातियां निवास स्थान के विनाश और गिरावट से प्रभावित हैं।
- महत्वपूर्ण आवासों का संरक्षण और जैव विविधता के लिए गलियारों का निर्माण उभयचर संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- आवासों का विनाश जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को बढ़ा देता है।
- तत्काल संरक्षण उपाय:
- संरक्षण संगठनों, सरकारों और शोधकर्ताओं को उभयचरों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
- उभयचरों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है, जिसमें आवास संरक्षण, बहाली और जलवायु परिवर्तन अनुकूलन रणनीतियाँ शामिल हैं।
- इस वैश्विक समस्या के समाधान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है।
- उन्नत डेटा और अनुसंधान:
- यह समझने के लिए निरंतर निगरानी और अनुसंधान आवश्यक है कि जलवायु परिवर्तन उभयचर आबादी को कैसे प्रभावित करता है।
- बेहतर डेटा संग्रह और अनुमान जोखिम वाली प्रजातियों की पहचान करने और संरक्षण प्रयासों को अधिक प्रभावी ढंग से निर्देशित करने में मदद कर सकते हैं।
- व्यापक अनुसंधान के लिए वैज्ञानिकों, संगठनों और सरकारों के बीच बढ़ते सहयोग की आवश्यकता है।
3. परमाणु परीक्षण संधि से पीछे हट सकता है रूस:
प्रसंग:
- रूसी संसद के अध्यक्ष ने कहा हैं की रूसी सांसद वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध के अनुसमर्थन को रद्द करने पर विचार करेंगे।
परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (Nuclear Test Ban Treaty):
- रूसी सांसद वैश्विक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध के अनुसमर्थन को रद्द करने पर विचार करेंगे।
- रूस यूक्रेन को सैन्य समर्थन जारी रखने से पश्चिम को हतोत्साहित करने की कोशिश करने के लिए परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने के लिए आगे बढ़ सकता है।
परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि से सम्बन्धित तथ्यात्मक जानकारी:
- अगस्त 1963 में मास्को में हस्ताक्षरित।
- प्रारंभिक राष्ट्र (उनके पास वीटो शक्ति थी): यूएसए, यूके, यूएसएसआर (बाद में 100 और राष्ट्र शामिल हुए) ।
- इसे औपचारिक रूप से वायुमंडल, बाह्य अंतरिक्ष और पानी के अंदर परमाणु हथियारों के परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि कहा जाता है। (भूमिगत परीक्षण पर प्रतिबंध नहीं लगाया)।
ट्रिगर: क्यूबा मिसाइल संकट (Cuban Missile Crisis):
- 1977: व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (Comprehensive Nuclear Test Ban Treaty) पर बातचीत शुरू हुई।
- सीटीबीटी का मसौदा वर्ष 1996 में यूएनजीए (UNGA) में पारित हुआ।
- इसे लागू करने के लिए, सभी परमाणु शक्तियों और निरस्त्रीकरण सम्मेलन के 44 सदस्यों, जिनके पास परमाणु रिएक्टर हैं, द्वारा हस्ताक्षर किए जाने की आवश्यकता है।
- 2007 तक इनमें से तीन (भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया) देशों के अलावा सभी देशों ने हस्ताक्षर किए थे, हालांकि हस्ताक्षर करने वालों में से 10 ने इसका अनुमोदन (ratified) नहीं किया था, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन भी शामिल थे।
4. आरबीआई ने मुद्रास्फीति को स्थिरता के लिए खतरा बताया:
प्रसंग:
- भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India (RBI)) ने मुद्रास्फीति और व्यापक आर्थिक स्थिरता पर इसके प्रभाव के बारे में चिंता व्यक्त की है।
- मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee (MPC)) ने लगातार चौथी बैठक में नीतिगत रेपो दर को 6.50% पर बरकरार रखा है।
- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुद्रास्फीति को 4% लक्ष्य के साथ संरेखित करने के महत्व पर जोर दिया।
विवरण:
- जोखिम के रूप में मुद्रास्फीति:
- आरबीआई उच्च मुद्रास्फीति को व्यापक आर्थिक स्थिरता और सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण खतरे के रूप में देखता है।
- मौद्रिक नीति टिकाऊ 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य प्राप्त करने की ओर उन्मुख है।
- दास ने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की हैं।
- अपरिवर्तित दरों का तर्क:
- मुख्य मुद्रास्फीति में गिरावट के बावजूद, समग्र मुद्रास्फीति दृष्टिकोण अनिश्चित बना हुआ है।
- इन अनिश्चितताओं में आवश्यक फसलों के लिए कम ख़रीफ़ बुआई, कम जलाशय स्तर और अस्थिर वैश्विक खाद्य और ऊर्जा कीमतें शामिल हैं।
- एमपीसी मुद्रास्फीति को लक्ष्य के अनुरूप करने के लिए समय पर नीतिगत उपाय करने के लिए सतर्क और तैयार है।
- बाहरी जोखिम:
- भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक आर्थिक मंदी और अस्थिर वित्तीय बाजारों जैसे बाहरी कारक जोखिम पैदा करते हैं।
- मानसूनी बारिश का असमान वितरण मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण को और अधिक जटिल बना देता है।
- विकास और मुद्रास्फीति अनुमान:
- आरबीआई ने 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी (GDP) वृद्धि का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है।
- चालू वित्त वर्ष के लिए औसत सीपीआई मुद्रास्फीति (CPI inflation) का पूर्वानुमान 5.4% पर बरकरार रखा गया है।
- हालाँकि, एमपीसी ने अपने द्वितीय तिमाही की हेडलाइन मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 6.4% कर दिया है।
- हेडलाइन मुद्रास्फीति एक अर्थव्यवस्था के भीतर कुल मुद्रास्फीति का एक माप है, जिसमें खाद्य और ऊर्जा की कीमतें (जैसे, तेल और गैस) जैसी वस्तुएं शामिल हैं, जो बहुत अधिक अस्थिर होती हैं और मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना होती है।
- 4% लक्ष्य पर जोर:
- गवर्नर दास ने दोहराया कि मुद्रास्फीति का लक्ष्य 4% है, 2% से 6% की व्यापक सीमा नहीं।
- वर्तमान परिदृश्य में मौद्रिक नीति सक्रिय रूप से मुद्रास्फीति विरोधी बनी हुई है।
महत्व:
- आर्थिक स्थिरता और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए मुद्रास्फीति नियंत्रण पर आरबीआई का ध्यान महत्वपूर्ण है।
- नीतिगत रेपो दर को अपरिवर्तित बनाए रखना मुद्रास्फीति के दबाव और अनिश्चितताओं के बारे में चिंताओं को दर्शाता है।
- मुद्रास्फीति को 4% के लक्ष्य के साथ संरेखित करने और मुद्रास्फीति की उम्मीदों को स्थिर करने के लिए समय पर नीतिगत उपाय आवश्यक हैं।
समाधान:
- मुद्रास्फीति के रुझानों की निरंतर सतर्कता और निगरानी।
- मुद्रास्फीति के दबाव को दूर करने के लिए समय पर नीतिगत समायोजन।
- सक्रिय उपायों के माध्यम से बाहरी जोखिमों और अनिश्चितताओं को कम करने का प्रयास।
- 4% मुद्रास्फीति लक्ष्य का पालन करते हुए स्थिर और सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
चित्र स्रोत:The hindu
महत्वपूर्ण तथ्य:
आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. महिलाओं के अधिकारों, लोकतंत्र की वकालत और मृत्युदंड के विरोध के लिए वर्ष 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार किसने जीता?
(a) नर्गेस मोहम्मदी
(b) मलाला यूसुफजई
(c) आंग सान सू की
(d) ग्रेटा थुनबर्ग
उत्तर: a
व्याख्या:
- ईरानी कार्यकर्ता नर्गेस मोहम्मदी ने महिलाओं के अधिकारों और लोकतंत्र के लिए और मृत्युदंड के खिलाफ उनके अथक अभियान के लिए वर्ष 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार जीता हैं।
प्रश्न 2. मौद्रिक नीति समिति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. समिति मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए बेंचमार्क नीतिगत ब्याज दर तय करती है।
2. समिति की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं।
3. मौद्रिक नीति समिति में आठ सदस्य होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या:
- मौद्रिक नीति समिति में छह सदस्य होते हैं और इसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा नहीं बल्कि आरबीआई गवर्नर द्वारा की जाती हैं।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन सा संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में से एक नहीं है?
(a) कोई गरीबी नहीं
(b) स्वच्छ जल और स्वच्छता
(c) गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
(d) यूनिवर्सल बेसिक इनकम
उत्तर: d
व्याख्या:
- यूनिवर्सल बेसिक इनकम (Universal Basic Income) एसडीजी में से एक नहीं है।
प्रश्न 4. व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि (CTBT) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन गलत है/हैं?
1. CTBT केवल सैन्य उद्देश्यों के लिए परमाणु विस्फोटों पर प्रतिबंध लगाता है।
2. संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस ने CTBT पर हस्ताक्षर और अनुमोदन किया है।
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: c
व्याख्या:
- दोनों कथन ग़लत हैं। सीटीबीटी सभी परमाणु विस्फोटों पर प्रतिबंध लगाता है, चाहे वह सैन्य हो या शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हों। जबकि रूस ने वर्ष 2000 में इस समझौते की पुष्टि की थी, लेकिन अमेरिका ने अभी भी ऐसा नहीं किया है।
प्रश्न 5. उभयचरों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. उभयचरों की त्वचा गैर-छिद्रपूर्ण होती है जो नमी बरकरार रखती है।
2. उभयचर पानी में अंडे देते हैं, और उनके बच्चों में गलफड़े होते हैं।
3. उभयचरों के उदाहरणों में मेंढक, टोड, सैलामैंडर और न्यूट शामिल हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई नहीं
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 1 गलत है। उभयचरों की त्वचा छिद्रपूर्ण होती है, वे पानी में अंडे देते हैं और उनके बच्चों में आमतौर पर गलफड़े होते हैं।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में उच्च शिक्षा संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। टिप्पणी कीजिए। (Higher education institutes can play a significant role in achieving the Sustainable Development Goals. Comment. ) (10 अंक 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – II, सामाजिक न्याय)
प्रश्न 2. एक सिविल सेवक के रूप में आप डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन के जीवन से क्या सीख सकते हैं? (As a Civil Servant, what can you learn from the life of Dr. M.S. Swaminathan?) (10 अंक 150 शब्द) (सामान्य अध्ययन – IV, नीतिशास्त्र)
(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)