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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 11 September, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

  1. G-20 की दूसरे दिन की बैठक के निष्कर्ष:

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. जेनेटिक इंजीनियरिंग से मच्छर नियंत्रण को अधिक उन्नत बनाया गया है:

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

आपदा प्रबंधन, पर्यावरण:

  1. आपदा जोखिम को कम करने के लिए दोगुने प्रयास, आपदा सर्वेक्षण:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. हरियाणा की खापों ने एक ही गांव में शादी, लिव-इन रिलेशनशिप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की:
  1. नियामक ने 2 दवाओं के नकली संस्करणों की बिक्री पर अलर्ट जारी किया:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

G-20 की दूसरे दिन की बैठक के निष्कर्ष:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।

प्रारंभिक परीक्षा: G20 से सम्बन्धित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: हाल ही में आयोजित जी20 दिल्ली शिखर सम्मेलन के परिणाम और प्रभाव।

प्रसंग:

  • हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन उल्लेखनीय घटनाक्रमों के साथ संपन्न हुआ, जिसमें नवंबर में वर्चुअल जी-20 बैठक के लिए प्रधान मंत्री मोदी का प्रस्ताव, शिखर सम्मेलन के परिणामों के लिए रूस की प्रशंसा और जापान द्वारा भारत के साथ गहन रक्षा सहयोग की खोज शामिल है।

प्रधान मंत्री मोदी ने नवंबर में वर्चुअल जी-20 बैठक का प्रस्ताव रखा है:

  • भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर के अंत में एक वर्चुअल जी-20 बैठक का सुझाव दिया है।
  • इस प्रस्ताव का उद्देश्य 9-10 सितंबर के बीच आयोजित हुए शिखर सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत सुझावों और प्रस्तावों पर हुई प्रगति की समीक्षा करना है।
  • प्रधान मंत्री मोदी ने औपचारिक रूप से ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा को औपचारिक उपहार (ceremonial gavel) प्रदान किया, जो ब्राजील को G-20 की अध्यक्षता के हस्तांतरण का प्रतीक है।
  • दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ़्रीकी संघ को नए G-20 सदस्य के रूप में शामिल किया गया।
  • पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन में यूक्रेन संकट (Ukraine crisis) को लेकर सदस्यों के बीच मतभेदों को संबोधित करते हुए सर्वसम्मति से अपनाए गए “संयुक्त घोषणापत्र” की घोषणा की।
  • शिखर सम्मेलन के समापन के बाद, पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल सहित विभिन्न विश्व नेताओं के साथ बैठकें कीं।

रूस ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणा की सराहना की:

  • रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने नई दिल्ली घोषणा को जी-20 प्रक्रिया के लिए एक “मील का पत्थर” बताया।
  • लावरोव ने यूक्रेन संघर्ष को शिखर सम्मेलन के एजेंडे पर हावी होने से रोकने के लिए भारत की सराहना की।
  • उन्होंने यूक्रेन संघर्ष के कारण एस-400 मिसाइल प्रणाली की डिलीवरी सहित भारत को अन्य सैन्य एवं तकनीकी आपूर्ति में किसी भी प्रकार के व्यवधान से इनकार किया।
  • लावरोव ने व्यापार अधिशेष का उपयोग करने के लिए निवेश के नए रास्ते प्रदान करने के भारत के वादे पर प्रकाश डाला।
  • रूस शिखर सम्मेलन के नतीजे को कूटनीतिक जीत मानता है,शिखर सम्मेलन के वक्तव्य में रूस का कोई प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं है।
  • इस घोषणापत्र में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार संघर्षों को निपटाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
  • नई दिल्ली घोषणापत्र में केवल काला सागर अनाज पहल (Black Sea Grain Initiative) को पुनर्जीवित करने के संदर्भ में ही रूस का उल्लेख किया गया है।
  • लावरोव पश्चिमी देशों द्वारा किए गए समझौते की प्रशंसा करते हैं और ग्लोबल साउथ को एकजुट करने का श्रेय भारत को देते हैं।
  • रूसी व्यापार पर प्रतिबंधों को दरकिनार करने के लिए भुगतान तंत्र का विकास भारत और रूस के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है।
  • लावरोव ने इस बात की भी पुष्टि की कि भारत-रूस सैन्य और तकनीकी संबंध अप्रभावित रहेंगे, जिसमें एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल प्रणाली सौदा भी शामिल है।

जापान भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के साथ प्रगाड़ रक्षा सहयोग चाहता है:

  • जापान भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक “अनिवार्य” भागीदार के रूप में देखता है।
  • प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत के साथ गहन रक्षा सहयोग विकसित करने के महत्व पर जोर देते हैं।
  • दोनों देशों ने इस वर्ष भूमि, समुद्र और वायु सेनाओं को शामिल करते हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है।
  • जापान की फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक (Free and Open Indo-Pacific (FOIP)) रणनीति का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक में कानून के शासन के आधार पर एक स्वतंत्र और खुली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को कायम रखना है।
  • जापान पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में यथास्थिति में एकतरफा बदलाव का विरोध करता है और उत्तर कोरिया की मिसाइल गतिविधियों की निंदा करता है।
  • यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता के संदर्भ की अनुपस्थिति के बावजूद जी-20 नई दिल्ली घोषणा का श्री किशिदा ने एक सार्थक उपलब्धि के रूप में बचाव किया।
  • श्री किशिदा रूस के कार्यों से उत्पन्न चुनौतियों को स्वीकार करते हैं लेकिन यूक्रेन में न्यायसंगत और टिकाऊ शांति के लिए वैश्विक सहयोग और समर्थन के महत्व पर प्रकाश डालते हैं।

जी-20 समन्वय के बीच भारत ने क्रिप्टो विनियमन में देरी की:

  • जी-20 देश क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए एक समन्वित नियामक ढांचे का पता लगाने के लिए सहमत हुए हैं।
  • भारत घरेलू क्रिप्टो नियमों में देरी पर विचार कर रहा है और हितधारकों के साथ बातचीत चाहता है।
  • क्रिप्टोकरेंसी पर एकमुश्त प्रतिबंध, जिस पर पहले विचार किया गया था, संभवत: विचाराधीन नहीं है।
  • भारत का लक्ष्य हर इंटरनेट डिवाइस की निगरानी के बजाय क्रिप्टो विनियमन पर वैश्विक सहमति बनाना है।
  • G-20 के नेताओं ने क्रिप्टो परिसंपत्ति विनियमन के लिए वित्तीय स्थिरता बोर्ड (Financial Stability Board (FSB)) की सिफारिशों का समर्थन किया हैं।
  • FSB और IMF समन्वित वैश्विक क्रिप्टो विनियमन के लिए एक रोडमैप प्रदान करते हैं।
  • G-20 के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर अगले महीने मराकेश में इस रोडमैप पर चर्चा करेंगे।
  • इस बैठक में व्यापार को अन्य न्यायक्षेत्रों में स्थानांतरित होने से रोकने के लिए लगातार वैश्विक विनियमन पर जोर गया।
  • आईएमएफ के प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने स्वीकार किया कि डिजिटल मनी और क्रिप्टो परिसंपत्ति क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है।

सारांश:

  • वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी विनियमन पर चर्चा के बीच, भारत अपने घरेलू नियमों में देरी कर सकता है और G-20 के भीतर आम सहमति हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। हालाँकि इस शिखर सम्मेलन ने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर प्रशंसा और चिंताओं की और भी ध्यान आकर्षित किया हैं।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

जेनेटिक इंजीनियरिंग से मच्छर नियंत्रण को अधिक उन्नत बनाया गया है:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: IT, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सामान्य जागरूकता। हाल के घटनाक्रम और रोजमर्रा की जिंदगी में उनके अनुप्रयोग एवं प्रभाव।

प्रारंभिक परीक्षा: जेनेटिक इंजीनियरिंग और जीन-ड्राइव तकनीक से सम्बन्धित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: जेनेटिक इंजीनियरिंग, जीन-ड्राइव तकनीक और मच्छरों की आबादी को नियंत्रित करने में उनके अनुप्रयोग।

प्रसंग:

  • इतिहास में मच्छरों ने हमेशा से रोग वाहक का कार्य किया हैं जिससे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य चुनौतियों खड़ी हुई है। इस लेख में मच्छर जनित बीमारियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक आधुनिक उपकरण के रूप में आनुवंशिक हेरफेर की पड़ताल की गई है।

विवरण:

  • मानव इतिहास में मच्छर लगातार उपद्रव करते रहे हैं, परेशानी पैदा करते हैं और घातक बीमारियाँ फैलाते हैं।
  • मच्छर जनित बीमारियों के प्रारंभिक साक्ष्य प्राचीन मिस्र से मिलते हैं।
  • मलेरिया के अलावा, मच्छर डेंगू, जीका, लिम्फेटिक फाइलेरिया (dengue, Zika, lymphatic filariasis) और पीला बुखार जैसी बीमारियाँ फैलाते हैं।

मच्छर नियंत्रण में चुनौतियाँ:

  • शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन (climate change) के कारण मच्छर जनित बीमारियों में वृद्धि हुई है।
  • मच्छर नियंत्रण के तरीकों में मच्छरदानी, कीटनाशक और वोल्बाचिया का उपयोग शामिल है।
  • मच्छरों में कीटनाशक प्रतिरोध बढ़ रहा है, जिसके लिए नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

जीनोम अनुक्रमण और हेरफेर:

  • अगली पीढ़ी की अनुक्रमण तकनीकों में प्रगति मच्छर जीनोम (genome) अनुक्रमों तक पहुंच प्रदान करती है।
  • एनोफ़ेलीज़ स्टीफेन्सी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले संदर्भ जीनोम तैयार किए गए हैं।
  • आनुवंशिक हेरफेर का उद्देश्य मच्छरों के प्रजनन में हस्तक्षेप करके उनकी आबादी को नियंत्रित करना है।

जीन ड्राइव प्रौद्योगिकी:

  • जीन-ड्राइव तकनीक मच्छरों को विशिष्ट जीन प्राप्त करने के लिए बाध्य करती है, जिससे सामान्य वंशानुक्रम पैटर्न बाधित होता है।
  • इस प्रौद्योगिकी की परिकल्पना ऑस्टिन बर्ट ने वर्ष 2003 में की थी।
  • विभिन्न जीन-ड्राइव संस्करण मच्छरों की प्रजनन क्षमताओं को कम कर देते हैं या उन्हें बाँझ बना देते हैं, जिससे मलेरिया के संचरण को रोका जा सकता है।

हाल के शोध:

  • शोधकर्ताओं ने मच्छरों में रोगाणुरोधी पदार्थों को स्रावित करने के लिए एक जीन को बढ़ाया, जिससे प्लास्मोडियम परजीवी के विकास में बाधा उत्पन्न हुई।
  • कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग से पता चलता है कि यह दृष्टिकोण मलेरिया संचरण को महत्वपूर्ण रूप से बाधित कर सकता है।

क्षेत्र में आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर:

  • अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने फ्लोरिडा और टेक्सास में आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छरों की रिलीज को अधिकृत किया।
  • आनुवंशिक रूप से संशोधित नर मच्छर मादाओं के साथ संभोग करते हैं,लेकिन एक स्व-सीमित जीन मादा संतान को जीवित रहने से रोकता है।
  • भारत, ब्राज़ील और पनामा में परीक्षणों से मच्छरों की आबादी और डेंगू की घटनाओं में आशाजनक कमी देखी गई हैं।

लाभ एवं जोखिम:

  • मच्छरों की आबादी में भारी कमी से खाद्य श्रृंखलाओं और पारिस्थितिक तंत्र पर असर पड़ सकता है।
  • अप्रत्याशित पारिस्थितिक व्यवधान और लक्षित आबादी से परे इस जीन का प्रसार चिंता का विषय है।
  • नीति निर्माताओं को ऐसे निर्णय लेने में दुविधाओं का सामना करना पड़ता है जो व्यक्तियों, समुदायों और आबादी को प्रभावित करते हैं।

चुनौतियाँ एवं विनियम:

  • इसके आलोचक अनपेक्षित परिणामों और पारिस्थितिक व्यवधानों के बारे में चिंता व्यक्त करते हैं।
  • डेटा संग्रह, निगरानी और हितधारक चर्चा आवश्यक है।
  • भारत में जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने आनुवंशिक रूप से सुधार/बदलाव (engineered) किए गए कीड़ों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

सारांश:

  • बढ़ती मच्छर जनित बीमारियों और कीटनाशक प्रतिरोध के बीच, जीन ड्राइव तकनीक सहित मच्छरों के आनुवंशिक हेरफेर, संभावित लाभ और पारिस्थितिक जोखिमों के साथ, इन रोग वैक्टरों को नियंत्रित करने में आशा और विवाद पेश करते हैं।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

आपदा जोखिम को कम करने के लिए दोगुने प्रयास, आपदा सर्वेक्षण:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

आपदा प्रबंधन, पर्यावरण:

विषय: पर्यावरण संरक्षण, पर्यावरण क्षरण, आपदा एवं आपदा प्रबंधन।

प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल स्टॉकटेक रिपोर्ट, पेरिस समझौता और जलवायु लक्ष्य, आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क, सतत विकास लक्ष्य, चक्रवात बिपरजॉय, आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह।

मुख्य परीक्षा: आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भारत का नेतृत्व, आपदा प्रबंधन के लिए वैश्विक प्रयास।

प्रसंग:

  • दुनिया एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जहाँ आपदा संबंधी जोखिम कम होने की तुलना में तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसे हाल ही में जी-20 शिखर सम्मेलन में स्वीकार किया गया था।

आपदाओं का खतरा बढ़ रहा है:

  • COVID-19 महामारी, युद्ध, वित्तीय संकट और खाद्य असुरक्षा जैसी आपदाएं इनका सामना करने और कम करने की वैश्विक क्षमता का परीक्षण कर रहे हैं।
  • जलवायु संकट:
    • जलवायु संकट चरम मौसम की घटनाओं को बढ़ा रहा है जो अधिक बार और अधिक तीव्रता के साथ घटित हो रही हैं।
    • आपदाओं में वृद्धि एक प्रवृत्ति है, अपवाद नहीं। उदाहरणों में चीन में बाढ़, यूरोप और हवाई में जंगल की आग आदि शामिल हैं।
    • संयुक्त राष्ट्र की ग्लोबल स्टॉकटेक रिपोर्ट ने ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन को कम करने में प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियों पर प्रकाश डाला है।
    • रिपोर्ट दुबई में देशों के 28वें सम्मेलन से पहले होने वाली चर्चाओं के लिए एक मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करती है और जीएचजी उत्सर्जन को कम करने में 2015 के बाद से देशों द्वारा की गई प्रगति का आकलन करती है।
    • दुनिया वर्तमान में वैश्विक उत्सर्जन में पेरिस समझौते की 2 डिग्री सेल्सियस वृद्धि की सीमा को पार करने की राह पर है, और ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रयास की आवश्यकता है।
    • इस मान्यता के बावजूद, ऊर्जा परिवर्तन के मामले में बहुत कम प्रगति हुई है, क्योंकि जी-20 देशों में वैश्विक परिचालन वाले बिजली उत्पादित कोयला संयंत्रों में 93% और प्रस्तावित संयंत्रों में 88% हिस्सेदारी है।
  • वित्तीय संकट:
    • जलवायु संकट में सबसे कम योगदान देने के बावजूद कमज़ोर देश और समुदाय सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं।
    • जलवायु परिवर्तन की चपेट में आने वाले 50 देशों में से अधिकांश देश गंभीर ऋण समस्या से भी पीड़ित हैं।
    • 2022 में, भारत को कई चरम मौसम की घटनाओं का सामना करना पड़ा और गंभीर मानसून के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर आजीविका और जीवन की हानि हुई।

आपदाओं के अनुकूलन और शमन के प्रयास:

  • वैश्विक प्रयास:
    • हाल के जी-20 शिखर सम्मेलन में, नेताओं ने वर्ष 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन हासिल करने के लिए विकासशील देशों के लिए अब से 2030 तक $5.8-$5.9 ट्रिलियन और वर्ष 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए सालाना $4 ट्रिलियन की आवश्यकता को स्वीकार किया हैं।
    • सतत विकास लक्ष्य (SDGs) और पेरिस में पार्टियों के सम्मेलन में की गई प्रतिबद्धताएं शांति और समृद्धि के लिए एक वैश्विक खाका प्रदान करती हैं यदि उन्हें सही ढंग से लागू किया जाए।
    • आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क, आपदा जोखिमों को कम करने के लिए एक वैश्विक रूपरेखा निर्धारित करता है, हालांकि प्रगति धीमी रही है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश भी इस तर्ज पर लचीलापन-निर्माण प्रयासों में तेजी लाने पर सहमत हुए हैं।
    • प्रणालीगत आपदा जोखिम में कमी, लचीलेपन और अनुकूलन के मूल्य के बारे में COVID-19 महामारी से महत्वपूर्ण सबक लिए जा रहे हैं।कंप्यूटर मॉडलिंग और भारत का CoWin डिजिटल टीकाकरण प्लेटफॉर्म जैसी डिजिटल प्रौद्योगिकियां महामारी के कारण उभरी हैं।
  • भारत के प्रयास:
    • आपदा जोखिम न्यूनीकरण में भी भारत का नेतृत्व अनुकरणीय रहा है; सभी 28 राज्यों ने अपनी आपदा प्रबंधन रणनीतियाँ बनाई हैं जिसके परिणामस्वरूप चरम मौसम की घटनाओं में होने वाली मौतों में उल्लेखनीय कमी आई है।
    • चक्रवातों के लिए भारत की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली इसके पूरे समुद्र तट को कवर करती है और पिछले 15 वर्षों में चक्रवात से संबंधित मृत्यु दर को 90% तक कम करने में मदद मिली है।
    • स्थानीय हीटवेव कार्य योजनाओं ने हीटवेव से होने वाली मौतों को 90% से अधिक कम कर दिया है।
    • गुजरात में चक्रवात बिपरजॉय ने दिखाया कि प्रभावी तैयारी, प्रतिक्रिया और प्रारंभिक चेतावनी और कार्रवाई प्रणालियों के परिणामस्वरूप प्राकृतिक आपदाओं के दौरान शून्य हताहत हो सकता है।
    • भारत में 15वें वित्त आयोग द्वारा आपदा जोखिम वित्तपोषण में महत्वपूर्ण परिवर्तन लागू किए गए हैं। आपदा तैयारी, प्रतिक्रिया, पुनर्प्राप्ति और क्षमता निर्माण के लिए, भारत सरकार ने 28.6 बिलियन डॉलर आवंटित किए हैं।
    • अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर, भारत आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन जैसी पहल के माध्यम से आपदा लचीलेपन और स्थिरता का समर्थन करता है, जो बुनियादी ढांचे को और अधिक मजबूत बनाने के लिए समर्पित एक वैश्विक गठबंधन है।
    • घरेलू आपदाओं का समाधान भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल से किया जाता है, जिसे अक्सर विदेशों में भी भेजा जाता है।
    • आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर पहला कार्य समूह एसडीजी के अनुरूप भारत की जी-20 की अध्यक्षता में गठित किया गया था।

भावी कदम:

  • ग्लोबल स्टॉकटेक रिपोर्ट वनों की कटाई को उलटने और स्वच्छ ऊर्जा अर्थव्यवस्था के प्रमुख घटकों के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के महत्व पर जोर देती है।
    • (वनों की कटाई को उलटने का मतलब केवल पुनर्वनीकरण नहीं है, बल्कि एक ऐसे दृष्टिकोण की आवश्यकता है जो आजीविका, आर्थिक विकास और जलवायु परिवर्तन शमन और अनुकूलन सहित वन परिदृश्य के भीतर अन्य विविध उद्देश्यों के साथ वनों को बहाल करने के लक्ष्य को एकीकृत करता है।)
  • 2030 तक वैश्विक जीएचजी उत्सर्जन को 43%, 2035 तक 60% कम करने और 2050 तक शुद्ध शून्य CO2 उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए, देशों को नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना होगा और कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस जैसे जीवाश्म ईंधन से दूर जाना होगा।
  • आपदा जोखिम को हमारे निर्माण, निवेश और जीवन जीने के तरीके में एकीकृत किया जाना चाहिए।
  • सभी के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली सबसे अधिक लागत प्रभावी जोखिम कम करने के तरीकों में से एक है, जिसका नेतृत्व संयुक्त राष्ट्र ने भारत के समर्थन से किया है।
  • उदाहरण के लिए, आने वाले तूफान की 24 घंटे पूर्व की चेतावनी क्षति को 30% तक कम कर सकती है।
  • सभी प्रकार के खतरों (जैविक, टेक्टोनिक, या तकनीकी) के लिए एक वैश्विक बहु-जोखिम चेतावनी प्रणाली विशेष रूप से कम विकसित देशों और छोटे द्वीप विकासशील देशों की मदद करेगी।
  • वैश्विक डेटा क्षमताओं में सुधार से जोखिमों की भविष्यवाणी करने और प्रतिक्रिया देने में मदद मिलेगी। भारत की G20 अध्यक्षता ने ज्ञान साझाकरण, संयुक्त डेटा अवसंरचना और जोखिम विश्लेषण पर प्रगति की है।

निष्कर्ष:

  • आपदा की रोकथाम, प्रतिक्रिया और पुनर्प्राप्ति में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाया जाना चाहिए, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के देशों के लिए।
  • जी20 शिखर सम्मेलन और आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह के नतीजे एक ऐसा भविष्य बनाने का अवसर प्रदान करते हैं जहां आपदा जोखिम न्यूनीकरण संभव है,जैसा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है, “चरम मौसम की घटनाएं होंगी। लेकिन उन्हें घातक आपदा बनने की जरूरत नहीं है।”

सारांश:

  • चरम मौसम की घटनाओं की संख्या और तीव्रता बढ़ रही है, जिससे व्यापक क्षति और जीवन की हानि हो रही है। कमज़ोर देश और समुदाय इससे असमान रूप से प्रभावित हो रहे हैं। जी-20 शिखर सम्मेलन ने आपदा जोखिम को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को पहचाना, जिसमें विकासशील देशों के लिए धन में वृद्धि और स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन शामिल है। भारत आपदा जोखिम न्यूनीकरण में अग्रणी रहा है और इसके अनुभव अन्य देशों के लिए सबक हो सकते हैं।

प्रीलिम्स तथ्य:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. हरियाणा की खापों ने एक ही गांव में शादी, लिव-इन रिलेशनशिप पर प्रतिबंध लगाने की मांग की:

  • हरियाणा के जींद जिले में 23 खापों के प्रतिनिधियों ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 में बदलाव की मांग के लिए एक बैठक आयोजित की।
  • वे इस अधिनियम के तहत राज्य में एक ही गाँव और गोत्र (उप-जाति) के भीतर होने वाले विवाह को प्रतिबंधित करने के लिए एक संशोधन चाहते हैं। इसके अतिरिक्त, उनका उद्देश्य कानून के तहत लिव-इन रिलेशनशिप संबंधों को अवैध करार देना है।
  • माजरा खाप के प्रमुख गुरविंदर सिंह संधू, जो खापों के समन्वयक भी हैं, ने कहा कि इस तरह की शादियां सामाजिक मानदंडों के खिलाफ होती हैं और अक्सर विवादों का कारण बनती हैं।
  • उन्होंने उल्लेख किया कि ऐसे जोड़ों को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का सरकार का प्रावधान इस प्रथा को प्रोत्साहित करता है, जो आम तौर पर हरियाणा में, विशेष रूप से जींद में अस्वीकार्य है।
  • उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि लिव-इन रिलेशनशिप सामाजिक अव्यवस्था का कारण बनते हैं और इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, साथ ही यह सुझाव दिया कि प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य की जानी चाहिए।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार खापों की लंबे समय से एक ही गांव और गोत्र के भीतर (उप-जाति) विवाह पर प्रतिबंध लगाने की मांग के प्रति संवेदी नहीं हैं।
  • माजरा खाप के प्रवक्ता समुंद्र सिंह ने बताया कि अदालतों ने लिव-इन पार्टनर के कुछ अधिकारों को मान्यता दी है, लेकिन ऐसे संबंधों में कानूनी अलगाव का कोई प्रावधान नहीं है, जैसा कि शादी में तलाक होता है।
  • इस बैठक में खापों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला गया और महत्वपूर्ण मामलों पर सामूहिक निर्णय लेने के लिए 23 सदस्यीय अध्यक्ष बोर्ड की स्थापना की गई।

2. नियामक ने 2 दवाओं के नकली संस्करणों की बिक्री पर अलर्ट जारी किया:

  • भारत के औषधि महानियंत्रक (Drugs Controller General of India (DCGI)) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization (WHO)) के अलर्ट के जवाब में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के औषधि नियंत्रकों को दो दवाओं: डिफिटेलियो और एडसेट्रिस (Defitelio और Adcetris) के नकली संस्करणों की बिक्री और वितरण पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया है।
  • DCGI ने 5 सितंबर को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें उल्लेख किया गया कि डब्ल्यूएचओ ने एडसेट्रिस इंजेक्शन 50 मिलीग्राम के नकली संस्करणों के संबंध में एक सुरक्षा चेतावनी जारी की थी। ये नकली उत्पाद भारत और तीन अन्य देशों में पाए गए हैं, मुख्य रूप से अनियमित ऑनलाइन आपूर्ति श्रृंखलाओं में।
  • WHO ने वर्तमान प्रचलन में इन नकली संस्करणों के कम से कम आठ अलग-अलग बैच नंबरों की पहचान की हैं।
  • एडसेट्रिस (ब्रेंटक्सिमैब वेदोटिन) एक दवा है जिसका उपयोग असफल ऑटोलॉगस स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद हॉजकिन्स लिंफोमा और सिस्टेमिक एनाप्लास्टिक लार्ज सेल लिंफोमा के रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1.पीत ज्वर/पीले बुखार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. पीला बुखार मच्छरों से फैलने वाला एक संक्रामक रोग है जो ज्यादातर दिन के समय काटता है।

2. यह बैक्टीरिया के कारण होता है।

3. पीले बुखार के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • पीला बुखार मच्छरों के माध्यम से फैलने वाले वायरस के कारण होता है, और इसके लिए एक टीका उपलब्ध है।

प्रश्न 2. सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. कुल 17 एसडीजी हैं, जिनमें से प्रत्येक का विशिष्ट लक्ष्य 2030 तक हासिल किया जाना है।

2. एसडीजी सभी देशों पर सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं, चाहे उनके विकास का स्तर कुछ भी हो।

3. एसडीजी 17 अन्य एसडीजी को प्राप्त करने के लिए साझेदारी और सहयोग के महत्व पर जोर देता है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • तीनों कथन सही हैं। एसडीजी सार्वभौमिक रूप से लागू होते हैं, और एसडीजी 17 लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच साझेदारी की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

प्रश्न 3. G-20 के दिल्ली शिखर सम्मेलन के दौरान क्या महत्वपूर्ण विकास हुआ?

(a) यूरोपीय संघ को शामिल करने के लिए G-20 का विस्तार।

(b) नए G-20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का प्रवेश।

(c) दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र संघ (USAN) ने G-20 के भीतर पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त कर लिया है।

(d) G-20 सचिवालय को अफ्रीका में स्थानांतरित करने की घोषणा।

उत्तर: b

व्याख्या:

  • G-20 के दिल्ली शिखर सम्मेलन में अफ्रीकी संघ को नए जी-20 सदस्य के रूप में शामिल किया गया, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है।

प्रश्न 4. ग्रुप ऑफ सेवन (G7) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. G7 में सात प्रमुख औद्योगिक देशों का गठबंधन शामिल है।

2. G7 की स्थापना मुख्य रूप से वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दों, सैन्य गठबंधनों और सुरक्षा मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए की गई थी।

3. कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका जी7 के सदस्य हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) कोई नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • G7 सात प्रमुख उन्नत अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है, जिसकी स्थापना आर्थिक और वित्तीय मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए की गई है। चीन इसका सदस्य नहीं है।

प्रश्न 5. हाल ही में खबरों में रही दवा “एडसेट्रिस” (ब्रेंटक्सिमैब वेदोटिन) का उपयोग मुख्य रूप से किस चिकित्सीय स्थिति के उपचार में किया जाता है?

(a) मधुमेह का उपचार

(b) स्तन कैंसर का उपचार

(c) हॉजकिन के लिंफोमा का उपचार

(d) अल्जाइमर रोग का उपचार

उत्तर: c

व्याख्या:

  • एडसेट्रिस (ब्रेंटक्सिमैब वेदोटिन) एक दवा है जिसका उपयोग असफल ऑटोलॉगस स्टेम सेल प्रत्यारोपण के बाद हॉजकिन्स लिंफोमा और सिस्टेमिक एनाप्लास्टिक लार्ज सेल लिंफोमा के रोगियों के इलाज के लिए किया जाता है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. भारत आपदाओं के प्रति अपनी संवेदनशीलता को कम करने और वैश्विक स्तर पर संदेश साझा करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। विश्लेषण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द)​ [जीएस:3- आपदा प्रबंधन] (India has been actively working toward reducing its vulnerability to disasters and sharing the message at a global scale. Analyse. ) (15 अंक, 250 शब्द)​ [जीएस:3- आपदा प्रबंधन]

प्रश्न 2. आनुवंशिक संशोधन वेक्टर-जनित रोगों के प्रबंधन का एक प्रभावी तरीका है, लेकिन इसकी अपनी कमियां हैं। टिप्पणी कीजिए । (Genetic modification is an effective way to manage vector-borne diseases, but it has its own drawbacks. Comment.) (10 अंक, 150 शब्द) [जीएस: 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी]

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)