Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests - Download the BYJU'S Exam Prep App for free IAS preparation videos & tests -

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 21 August, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. घर्षण रहित ऋण के लिए आरबीआई का नया पायलट कार्यक्रम क्या है?

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. कच्चातिवु विवाद:

शासन:

  1. आपराधिक कानून विधेयक का नाम बदलना अनावश्यक हस्तक्षेप है:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. अतिचालकता:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. लूना 25, 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्र मिशन, चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया:
  2. वनस्थली विद्यापीठ को राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार मिला:
  3. कार्मोना के गोल ने स्पेन को पहला विश्व कप खिताब दिलाया:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

घर्षण रहित ऋण के लिए आरबीआई का नया पायलट कार्यक्रम क्या है?

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधन जुटाने, वृद्धि, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: घर्षण रहित ऋण के लिए सार्वजनिक तकनीकी प्लेटफॉर्म से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: आर्थिक और वित्तीय नीतियां, बैंकिंग सुधार, तकनीकी हस्तक्षेप।

प्रसंग:

  • भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपने ‘पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट’ के लिए एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया है। प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य ऋणदाताओं को आवश्यक डिजिटल जानकारी के प्रवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करते हुए, डिजिटल क्रेडिट और ऋण देने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है। यह ऋण मूल्यांकन प्रक्रिया से जुड़ी चुनौतियों का समाधान करता है, जो ऋण वितरण के लिए महत्वपूर्ण है।

विवरण: घर्षण रहित ऋण (frictionless credit) प्लेटफॉर्म के लिए आरबीआई का पायलट कार्यक्रम

  • आरबीआई ने ‘पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट’ की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए 17 अगस्त को एक पायलट कार्यक्रम शुरू किया।
  • इस प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य ऋणदाताओं को डिजिटल जानकारी के निर्बाध प्रवाह को बढ़ाना है, जिससे घर्षण रहित ऋण वितरण की सुविधा मिल सके।

प्लेटफ़ॉर्म का उद्देश्य और कार्यक्षमता: डिजिटल ऋण डिलीवरी में सुधार

  • इस ऋण मूल्यांकन प्रक्रिया में उधारकर्ताओं की पुनर्भुगतान क्षमता का आकलन करना और ऋण वितरण से पहले क्रेडिट समझौतों का पालन करना शामिल है।
  • हालाँकि इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक डेटा विभिन्न संस्थाओं जैसे सरकारों, बैंकों, क्रेडिट सूचना कंपनियों आदि के बीच बिखरा हुआ है, जिससे समय पर ऋण देने में बाधा उत्पन्न होती है।
  • प्रस्तावित प्लेटफ़ॉर्म सुचारू नियम-आधारित ऋण देने को सक्षम करने के लिए सभी आवश्यक डेटा को एक ही स्थान पर समेकित करता है।

केसीसी ऋणों के डिजिटलीकरण पर पायलट प्रोजेक्ट: डोरस्टेप/दरवाजे पर संवितरण

  • आरबीआई का पहला पायलट प्रोजेक्ट ₹1.6 लाख से कम के किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card (KCC)) ऋणों को डिजिटल बनाने पर केंद्रित था, जिसका लक्ष्य कागज रहित और परेशानी मुक्त ऋण प्रदान करना था।
  • वर्तमान में यह कार्यक्रम पांच राज्यों के चुनिंदा जिलों में चल रहा है, जिससे कागजी कार्रवाई के बिना घर-घर ऋण का वितरण संभव हो रहा है।

कार्यक्षेत्र का विस्तार: सभी प्रकार के डिजिटल ऋणों के लिए सार्वजनिक मंच

  • आरबीआई का सार्वजनिक मंच चल रही परियोजनाओं के आधार पर इस अवधारणा का विस्तार करता है।
  • RBI की सहायक कंपनी, रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब (RBIH) द्वारा विकसित, प्लेटफ़ॉर्म में वित्तीय क्षेत्र के भागीदारों के निर्बाध कनेक्शन के लिए ओपन आर्किटेक्चर और एपीआई की सुविधा उपलब्ध है।
  • इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बैंक डेयरी ऋण, संपार्श्विक-मुक्त एमएसएमई ऋण, व्यक्तिगत ऋण और गृह ऋण को शामिल करने के लिए प्लेटफ़ॉर्म का विस्तार करेंगे।

विभिन्न डेटा स्रोतों को शामिल करना: व्यापक ऋण मूल्यांकन

  • प्लेटफ़ॉर्म आधार ई-केवाईसी, ई-हस्ताक्षर, भूमि रिकॉर्ड, उपग्रह डेटा, पैन सत्यापन, लिप्यंतरण (Transliteration), खाता एकत्रीकरण और ऐसे डाटा को एकीकृत करता है।
  • इसमें जोखिम मूल्यांकन को न्यूनतम करते हुए खेती के कार्यों और वित्तीय प्रोफाइल के लिए आवश्यक पहलुओं को शामिल किया गया है।

लाभ एवं निहितार्थ: समावेशी और कुशल ऋण को बढ़ावा देना

  • जानकारी तक पहुंच बढ़ने से तथ्य-आधारित और त्वरित ऋण मूल्यांकन होता है।
  • अच्छे ऋण इतिहास वाले उधारकर्ताओं की एक विस्तृत श्रृंखला को ऋण विस्तार की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह उधारकर्ताओं की पूंजी पहुंच लागत को कम करता है, जो उत्पादक निवेश व्यय में परिवर्तित होती है।
  • साथ ही ऋण देने की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करता है, लागत कम करता है, और त्वरित संवितरण और मापनीयता को सक्षम बनाता है।

निष्कर्ष: घर्षण रहित ऋण प्लेटफॉर्म के साथ ऋण देने में बदलाव

  • घर्षण रहित ऋण के लिए आरबीआई के पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म का लक्ष्य समेकित डेटा और निर्बाध कनेक्टिविटी के माध्यम से ऋण देने में क्रांति लाना, वित्तीय समावेशन और दक्षता को बढ़ावा देना है।

सारांश:

  • आरबीआई का यह पायलट कार्यक्रम ‘फ्रिक्शनलेस क्रेडिट के लिए पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म’ पेश करता है, जिसका लक्ष्य विभिन्न संस्थाओं के डेटा को एकीकृत करके डिजिटल क्रेडिट वितरण को सुव्यवस्थित करना है। प्लेटफ़ॉर्म लागत कम करता है, संवितरण में तेजी लाता है और डेटा-संचालित ऋण को बढ़ावा देता है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

कच्चातिवु विवाद:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत और उसके पड़ोस-संबंध।

मुख्य परीक्षा: कच्चातिवु विवाद और भारत-श्रीलंका संबंध।

प्रसंग

  • हाल ही में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने रामेश्वरम से लगभग 14 समुद्री मील दूर 285 एकड़ के एक निर्जन और बंजर टापू कच्चातिवु पर बहस फिर से शुरू कर दी।

पृष्ठभूमि

  • श्रीलंका इस आधार पर कच्चातिवु पर नियंत्रण का दावा करता है कि जब पुर्तगाली द्वीप पर कब्जा कर रहे थे तब यह द्वीप 1505 से 1658 ई. तक पुर्तगाली शासन के अधीन था।
  • भारत ने दावा किया कि यह रामनाद के पूर्व राजा का है क्योंकि यह उनकी ज़मीन का हिस्सा था।
  • इस टापू का उपयोग लंबे समय से दोनों देशों के लोगों द्वारा मछली पकड़ने के लिए किया जाता रहा है।
  • हालाँकि इस विशेषता को 1974 के समझौते में स्वीकार किया गया था, मार्च 1976 में पूरक समझौते में इसे स्पष्ट कर दिया गया था कि दोनों देशों की मछली पकड़ने वाली नौकाओं और मछुआरों को प्राचीन जल (जीवाश्म जल/ancient water) में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं है।

कच्चातिवु क्या है?

  • कच्चातिवु पाक जलडमरूमध्य में एक सुदूर निर्जन द्वीप है। चौदहवीं शताब्दी में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण इसका निर्माण हुआ।
  • ब्रिटिश प्रशासन के दौरान, 285 एकड़ क्षेत्र का प्रबंधन भारत और श्रीलंका द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता था।
  • कच्चातिवु द्वीप पहले रामनाद के राजा के स्वामित्व में था और फिर मद्रास प्रेसीडेंसी में शामिल हो गया, जो अब तमिलनाडु राज्य में रामनाथपुरम है।

स्रोत: WION

कच्चातिवु द्वीप को लेकर संघर्ष के कारण

  • बहुत लंबे समय से, दोनों देशों के मछुआरे एक-दूसरे के क्षेत्रीय जल में शांतिपूर्वक मछली पकड़ते रहे हैं।
  • यह समस्या तब उत्पन्न हुई जब दोनों देश 1974 और 1976 के बीच चार समुद्री सीमा समझौतों पर सहमत हुए।
  • समझौते में श्रीलंका और भारत की अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा का चित्रण किया गया।
  • समझौते का लक्ष्य पाक जलडमरूमध्य संसाधन प्रबंधन और कानून प्रवर्तन को आसान बनाना था।
  • भारतीय मछुआरों को अब आराम करने, जाल सुखाने और वार्षिक सेंट एंथोनी उत्सव के अलावा किसी अन्य चीज़ के लिए द्वीप का उपयोग करने की अनुमति नहीं थी। उन्हें द्वीप से बाहर मछली पकड़ने की अनुमति नहीं है।
  • हालाँकि, भारतीय मछुआरे पास में बेहतर मछली की तलाश में श्रीलंकाई जलक्षेत्र में प्रवेश करते रहे हैं।

भारत और श्रीलंका समझौता

  • उस समय भारत और श्रीलंका के प्रधानमंत्रियों के बीच 1974 में हुए समझौते के अनुसार, दोनों देशों के बीच सीमा को पाक जलडमरूमध्य से एडम ब्रिज तक ऐतिहासिक जल में चिह्नित किया जाएगा।
  • एक संयुक्त बयान के अनुसार, ऐतिहासिक साक्ष्यों, कानूनी मिसालों और अंतरराष्ट्रीय कानूनी मानदंडों के अनुसार एक सीमा स्थापित की गई थी।
  • इसके अतिरिक्त, यह ध्यान दिया जाता है कि यह सीमा निर्जन द्वीप कच्चातिवु के पश्चिमी तट से एक मील दूर हो।
  • 1976 के पूरक समझौते में यह निर्धारित किया गया था कि दोनों देशों के मछुआरों को श्रीलंका या भारत की पूर्व लिखित सहमति के बिना प्रत्येक देश के ऐतिहासिक जल, क्षेत्रीय समुद्र, विशेष आर्थिक क्षेत्र या विशेष दावे वाले क्षेत्र में मछली पकड़ने की अनुमति नहीं थी।
  • भारत-श्रीलंका संबंधों से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: India-Sri Lanka Relations.

कच्चातिवु द्वीप का महत्व

  • दोनों देशों के मछुआरे हमेशा मछली पकड़ने के लिए इस टापू का उपयोग करते रहे हैं।
  • तमिलनाडु के कुछ राजनीतिक दलों और मछुआरों के अनुसार कच्चातिवु की पुनर्प्राप्ति से मछुआरों को अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा का उल्लंघन करने के लिए मजबूर होने की समस्या समाप्त हो जाएगी।
  • जबकि श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के मछुआरों का दावा है कि इससे उनके क्षेत्रीय समुद्र में बॉटम ट्रॉलिंग तकनीक का उपयोग करने वाले मछुआरों की पीड़ा और भी बदतर हो जाएगी।

भारतीय मछुआरे द्वीप क्यों चाहते हैं?

  • कच्चातिवु और नेदुनथीवु के बीच हाल के महीनों में काफी गिरफ्तारियां हुई हैं।
  • भारतीय मछुआरों के अनुसार, इस द्वीप को भारतीय क्षेत्र के रूप में नामित किया जाना चाहिए, जो दावा करते हैं कि यह मछली पकड़ने की अच्छी उपलब्धता वाला एक पारंपरिक मत्स्ययन स्थान है।
  • इससे उन्हें मछली पकड़ने की अतिरिक्त सात से दस समुद्री मील जगह मिल जाएगी, जिससे श्रीलंकाई नौसेना द्वारा की गई गिरफ्तारियों की संख्या में काफी कमी आएगी।
  • वे आगे दावा करते हैं कि जब श्रीलंकाई नौसेना उन्हें हिरासत में लेती है, तो उनकी नावें छीन ली जाती हैं, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
  • उनका तर्क है कि सभी मछुआरे जानबूझकर श्रीलंकाई जल सीमा में घुसपैठ नहीं करते हैं। इंजन की खराबी और खराब मौसम के कारण, वे कभी-कभी अनजाने में पड़ोसी देश के जल क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं जहां सीमा हमेशा स्पष्ट नहीं होती है।
  • भारतीय क्षेत्र में मछली की कमी के कारण, भारतीय मछुआरे वहां जाने के लिए मजबूर हैं।

भारत और श्रीलंका के बीच बातचीत

  • श्रीलंका ने कच्चातिवु पर इस आधार पर नियंत्रण का दावा किया कि पुर्तगालियों ने 1505-1658 ई. में द्वीप पर कब्जे के दौरान ऐसा किया था।
  • शुरू से ही ज़मीन (Zamin) का कच्चातिवु पर नियंत्रण था।
  • हालाँकि, तत्कालीन विदेश मंत्री स्वर्ण सिंह के अनुसार, द्वीप के संबंध में ऐतिहासिक और अन्य डेटा की व्यापक जांच के बाद यह निर्णय लिया गया था।

भावी कदम

  • भारत सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के समक्ष कहा कि द्वीप को सौंप दिया गया नहीं माना जा सकता क्योंकि यह लंबे समय से एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। प्रस्तुत किए गए कुछ विचारों में द्वीप को पट्टे पर देना, पाक खाड़ी के मछली पकड़ने के क्षेत्रों का संयुक्त रूप से प्रबंधन करना और भारतीय मछुआरों को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के लिए बंगाल की खाड़ी में स्थानांतरित होने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।

सारांश:

  • कच्चातिवु को वापस लाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। हालांकि, गौरतलब है कि यह मांग ऐसे समय उठी है जब श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है।

आपराधिक कानून विधेयक का नाम बदलना अनावश्यक हस्तक्षेप है:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

विषय: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।

मुख्य परीक्षा: आपराधिक कानून विधेयकों का नाम बदलने का मुद्दा।

पृष्ठभूमि

  • हाल ही में, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक क्रमशः भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code), आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) के प्रतिस्थापन के रूप में संसद में पेश किए गए थे।
  • ये विधेयक स्वीकृति की पहली आवश्यकता का उल्लंघन करते हैं क्योंकि नाम आधी से अधिक आबादी के साथ-साथ अधिकांश वकीलों के लिए भी अप्राप्य हैं।
  • इसके अलावा, संविधान (Constitution) के अनुच्छेद 348 के अनुसार, संसद या राज्य विधानसभाओं द्वारा पारित सभी अधिनियमों का अधिकृत पाठ अंग्रेजी भाषा में होना चाहिए।
  • हालाँकि इन नए विधेयकों के हिंदी शीर्षक अनुच्छेद द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन करते हैं, विधेयकों के मुख्य भाग अंग्रेजी में लिखे गए हैं।
  • दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Code of Criminal Procedure(CrPC)

भाषा और कानूनी व्यवस्था पर चिंताएँ

  • संविधान सभा (Constituent Assembly) ने भाषा के विषय पर गहन बहस और चर्चा की, जिसके परिणामस्वरूप संविधान में कई खंडों के साथ-साथ राजभाषा अधिनियम को मंजूरी दी गई।
  • वर्तमान कानूनी व्यवस्था के अनुसार अंग्रेजी एक आधिकारिक भाषा बनी रहेगी जब तक कि राज्य विधानसभाएं और संसद आधिकारिक भाषा के रूप में अंग्रेजी का उपयोग बंद करने के प्रस्तावों को मंजूरी नहीं दे देतीं।
  • विविध भाषाई आबादी वाले देश में लोगों की अपनी भाषा से जुड़ी भावनाओं और संवेदनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए, जहां भाषा ने कई विरोध प्रदर्शनों और लोकप्रिय आंदोलनों के लिए केंद्र बिंदु के रूप में काम किया है।
  • यह दिखाने के लिए कि भाषा का राज्य और उसके नागरिकों की पहचान से कितना गहरा संबंध है, यह तथ्य पर्याप्त है कि भारत को भाषाई अंतर के आधार पर राज्यों में विभाजित किया गया था।

बहुसंख्यकवाद मुद्दा

  • हमारे तात्कालिक परिवेश में वर्तमान घटनाएं गैर-हिंदी भाषियों की चिंता का कारण बन रही हैं।
  • शक्तिशाली व्यक्तियों का दावा है कि हिंदी को जल्द ही “राष्ट्रीय भाषा” के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए तथा भारतीय रेलवे और बैंकों जैसी सरकारी एजेंसियों द्वारा केवल हिंदी में फ़ॉर्मों के वितरण ने ध्यान आकर्षित किया है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy 2020) के प्रारंभिक मसौदे में जिन प्रावधानों को “हिंदी थोपने” के प्रयास के रूप में देखा गया, उनकी आलोचना हुई।
  • ऐसा प्रतीत होता है कि भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा को अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से ऊपर उठाने और एक भारतीय के रूप में किसी व्यक्ति की पहचान के लिए महत्वपूर्ण होने के कारण इसे अन्य भाषाओं से ऊपर उठाने का प्रयास किया जा रहा है।
  • भारतीय संविधान की 8वीं अनुसूची से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: 8th Schedule of Indian Constitution

निष्कर्ष

  • भारत के उच्च न्यायालय (High Courts) और सर्वोच्च न्यायालय भारत की श्रेष्ठ अदालतों के उदाहरण हैं, तथा कानून और अदालतों की भाषा निस्संदेह अंग्रेजी है।
  • देश की कानूनी स्थिति के अनुसार, जब तक गैर-हिंदी भाषी राज्य अन्यथा अनुरोध नहीं करते, तब तक अंग्रेजी आधिकारिक भाषा बनी रहेगी।
  • इसलिए, हिंदी पट्टी के बाहर के लोगों को हिंदी को एकमात्र आधिकारिक भाषा घोषित करने का अधिकार है, न कि वहां रहने वालों को।
  • संसद में अपनाए गए कानूनों की शब्दावली को भी संवैधानिक आवश्यकताओं का पालन करना चाहिए और अंग्रेजी में लिखा जाना चाहिए। पुरानी ज्वाला को फिर से भड़काने के अलावा, इन विधेयकों का नामकरण स्पष्ट रूप से गैरकानूनी है।
  • नाम बदलना उस संसदीय समिति के लिए कामकाज का पहला क्रम होना चाहिए, जिसे विधेयक भेजा गया है।

सारांश:

  • भाषा और संस्कृति एक-दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़ी हुई हैं, इसलिए केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए विधेयकों के नाम में हिंदी को शामिल करने का प्रयास भाषाई अल्पसंख्यकों पर अपनी संस्कृति थोपने के रूप में देखा जाएगा।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.अतिचालकता:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

प्रारंभिक परीक्षा: अतिचालकता और संबंधित अवधारणाओं की बुनियादी समझ।

विवरण:

  • शून्य विद्युत प्रतिरोध प्रदान करने की अपनी अनूठी विशेषता के कारण अतिचालकता पदार्थ विज्ञान के भीतर एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में मानक बनी हुई है।
  • इस घटना ने वैज्ञानिकों को विद्युत प्रवाह के दौरान प्रतिरोध के कारण होने वाली ऊर्जा हानि और ऊष्मा उत्पादन की समस्या को दूर करने की क्षमता विकसित करने के लिए प्रेरित किया है।

अतिचालकता को परिभाषित करना:

  • अतिचालकों में बिना किसी प्रतिरोध के विद्युत प्रवाह ले जाने की असाधारण क्षमता होती है जब वे अतिचालक स्थिति में होते हैं।
  • इसके अतिरिक्त, वे कमजोर चुंबकीय क्षेत्रों को प्रतिकर्षित करना की एक महत्वपूर्ण विशेषता प्रदर्शित करते हैं, जो उनकी अद्वितीय स्थिति की एक परिभाषित विशेषता है।

ऐतिहासिक खोज:

  • सन 1911 में, डच भौतिक विज्ञानी हेइके कामेरलिंग ओन्स (Heike Kamerlingh Onnes) ने अतिचालकता की खोज करके एक बड़ी सफलता हासिल की।
  • ओन्स के महत्वपूर्ण प्रयोग में पारे की जांच शामिल थी, जिससे पता चला कि -268.95 डिग्री सेल्सियस के आश्चर्यजनक रूप से कम तापमान पर ठंडा होने पर इसका विद्युत प्रतिरोध समाप्त हो गया।

व्यावहारिक अनुप्रयोग:

  • आधुनिक दुनिया MRI (मैग्नटिक रेजोनेंस इमेजिंग) मशीनों और कण त्वरक सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने अनुप्रयोगों के माध्यम से अतिचालकता से लाभान्वित होती है।
  • इसके अलावा, अतिचालक हाई-स्पीड ट्रेनों में घर्षण को कम करने और दक्षता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

चुनौतियाँ और खोज:

  • हालाँकि कुछ पदार्थ विशिष्ट दबाव स्थितियों के तहत उच्च तापमान पर अतिचालकता प्रदर्शित करते हैं, जो की एक महत्वपूर्ण लेकिन अनसुलझी चुनौती है।
  • यह चुनौती एक ऐसे अतिचालक की खोज पर केंद्रित है जो कमरे के तापमान और मानक वायुमंडलीय दबाव पर काम करता हो, जो वैज्ञानिकों की पहुंच से परे है।

निष्कर्ष:

  • व्यावहारिक अतिचालकता की खोज ऊर्जा हानि को कम करके और दक्षता बढ़ाकर विभिन्न उद्योगों में क्रांति लाने का सकती है।
  • आधुनिक भौतिकी के क्षेत्र में, एक महत्वपूर्ण प्रश्न अभी भी बना हुआ है कि क्या शोधकर्ता कमरे के तापमान और सामान्य दबाव पर अतिचालकता प्राप्त करने में सक्षम पदार्थ की खोज कर सकते हैं?

महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. लूना 25, 47 वर्षों में रूस का पहला चंद्र मिशन, चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया:
    • रॉसकॉसमॉस अंतरिक्ष एजेंसी ने 20 अगस्त को कहा कि, रूस का लूना 25 अंतरिक्ष यान नियंत्रण खोने और अप्रत्याशित कक्षा में प्रवेश करने के बाद चंद्रमा से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
    • पायलट रहित अंतरिक्ष यान का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरना था, जहां वैज्ञानिकों का मानना है कि जमा हुआ पानी और बहुमूल्य तत्व जैसे मूल्यवान संसाधन मौजूद हो सकते हैं।
    • अपेक्षित लैंडिंग तिथि 21 अगस्त थी, लेकिन कठिनाइयों और “असामान्य स्थिति” के कारण 19 अगस्त को लूना 25 से संपर्क टूट गया।
    • एजेंसी के बयान के अनुसार, अप्रत्याशित कक्षा में प्रवेश करने के कारण अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह से टकरा गया, जिससे उसका विनाश हो गया।
    • एक विशेष आयोग मिशन की विफलता के कारणों की जांच कर रहा है।
    • 14 जुलाई को लॉन्च किया गया भारत का चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) मिशन का लक्ष्य भी चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरना है, इसके लैंडर के 23 अगस्त को उतरने की उम्मीद है।
    • लूना 25 की विफलता उपग्रहों और मनुष्यों को कक्षा में लॉन्च करने में रूस की ऐतिहासिक उपलब्धियों के विपरीत, इसकी घटती अंतरिक्ष शक्ति की स्थिति को उजागर करती है।
    • छायादार गड्ढों में जमे पानी की संभावना के कारण चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव वैज्ञानिकों के लिए दिलचस्पी का विषय है, जिसका उपयोग भविष्य के खोजकर्ताओं द्वारा हवा और रॉकेट ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
    • रूस के चंद्रमा मिशनों को पिछले दशकों में देरी और रद्दीकरण का सामना करना पड़ा, आंशिक रूप से 1991 में सोवियत संघ के पतन और 2011 में मंगल ग्रह के चंद्रमा पर फोबोस-ग्रंट मिशन की विफलता के कारण।
    • अंततः, रूस ने 2010 की शुरुआत में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के अन्वेषण के लिए लूना 25 मिशन का निर्णय लिया गया।
  2. वनस्थली विद्यापीठ को राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार मिला:
    • 25वां राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार राजस्थान में महिला शैक्षणिक संस्थान वनस्थली विद्यापीठ को प्रदान किया गया।
    • संस्था के सिद्धार्थ शास्त्री ने पूर्व उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी से पुरस्कार प्राप्त किया।
    • भारत छोड़ो आंदोलन ( Quit India Movement) की स्वर्ण जयंती के दौरान 1992 में स्थापित यह पुरस्कार शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता में योगदान देने वाले व्यक्तियों या संस्थानों को मान्यता देता है।
    • इसमें ₹10 लाख का नकद इनाम और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
    • पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर प्रदान किया जाता है।
    • सद्भावना दिवस 2023से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Sadbhavana Diwas 2023
  3. कार्मोना के गोल ने स्पेन को पहला विश्व कप खिताब दिलाया:
    • स्पेन ने फाइनल में इंग्लैंड को 1-0 से हराकर अपना पहला महिला फुटबॉल विश्व कप खिताब जीता।
    • डिफेंडर ओल्गा कार्मोना ने निर्णायक गोल किया, जबकि स्पेन ने कई अवसरों पर बेहतर कौशल का प्रदर्शन किया।
    • पिछले साल स्पेन का प्रतिनिधित्व करने के लिए 15 खिलाड़ियों की अनिच्छा के बावजूद इस जीत ने कोच जॉर्ज विल्डा के रिटेंशन को मान्य कर दिया।
    • इंग्लैंड के प्रयास विफल रहे और पूरे मैच में स्पेन का दबदबा कायम रहा।
    • यह ऐतिहासिक जीत महिला फुटबॉल में स्पेन की उल्लेखनीय उपलब्धि है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. रूस के लूना 25 मिशन के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?

  1. लूना 25 अंतरिक्ष यान की योजना चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की थी।
  2. मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के उन क्षेत्रों का पता लगाना है जिनमें जमे हुए पानी और कीमती तत्व हो सकते हैं।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न ही 2

उत्तर: d

व्याख्या:

  • दोनों कथन सही हैं।

प्रश्न 2. हाल ही में खबरों में रहा ‘आरबीआई का घर्षण रहित ऋण’ किस मामले से संबंधित है:

  1. डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफार्म
  2. विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI)
  3. ऋण सूचना कंपनियाँ
  4. छोटे पैमाने के किसान और कर्जदार

उत्तर: a

व्याख्या:

  • आरबीआई की पहल का उद्देश्य निर्बाध डिजिटल ऋण वितरण के लिए एक मंच तैयार करना है, जिससे उधारकर्ताओं और उधारदाताओं को लाभ होगा।

प्रश्न 3. ‘राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

  1. इसे 2023 में वनस्थली विद्यापीठ को प्रदान किया गया था।
  2. यह पुरस्कार 1992 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में योगदान को मान्यता देने के लिए शुरू किया गया था।

निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. न तो 1, न ही 2

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 2 गलत है: यह पुरस्कार शांति, सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए विशेष योगदान हेतु दिया जाता है।

प्रश्न 4. 2023 फीफा महिला विश्व कप के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. एक से अधिक मेज़बान देशों के साथ यह पहला महिला विश्व कप था।
  2. इसमें पहली बार 32 टीमों का विस्तारित प्रारूप प्रदर्शित किया गया।
  3. स्पेन ने फाइनल में इंग्लैंड को हराकर टूर्नामेंट जीता।

उपर्युक्त कथनों में से कितने गलत है/हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीनों
  4. कोई नहीं

उत्तर: d

व्याख्या:

  • सभी तीनों कथन सही हैं: इस विश्व कप में कई मेजबान देश थे, पहली बार 32 टीमों का विस्तारित प्रारूप प्रदर्शित किया गया, इस टूर्नामेंट में स्पेन विजेता के रूप में उभरा।

प्रश्न 5. अतिचालकों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. अतिचालक शून्य विद्युत प्रतिरोध प्रदर्शित करते हैं।
  2. चुंबकीय क्षेत्र अतिचालकों में प्रवेश कर सकते हैं।
  3. अतिचालकता केवल कमरे के तापमान पर ही प्राप्त की जा सकती है।

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही है/हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. सभी तीनों
  4. कोई नहीं

उत्तर: a

व्याख्या:

  • अतिचालक में कोई विद्युत प्रतिरोध नहीं होता है और यह चुंबकीय क्षेत्र को प्रवेश करने की अनुमति नहीं देता है। अतिचालकता आमतौर पर केवल बहुत ठंडे तापमान पर ही प्राप्त की जा सकती है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

  1. भारतीय दंड संहिता, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में आमूलचूल बदलाव के सरकार के फैसले से हमारी औपनिवेशिक विरासत से तो छुटकारा मिल जाएगा, लेकिन फिर भी यह भारत में भाषाई न्याय नहीं लाएगा। क्या आप इससे सहमत हैं? परीक्षण कीजिए।(Government’s decision to overhaul the IPC, CRCP and Indian Evidence Act will get rid of our colonial legacy but would still not bring linguistic justice in India. Do you agree? Examine.)
  2. (250 शब्द, 15 अंक) [जीएस-II: राजव्यवस्था]

  3. वह कौन सी प्रक्रिया है जिसके तहत भारत की भूमि दूसरे राष्ट्र को सौंपी जा सकती है? भारत के स्वतंत्रता इतिहास की ऐसी सभी घटनाओं और उनके प्रभाव का उदाहरण दीजिए।(What is the process under which India’s land may be ceded to another nation? Give examples of all such incidents in India’s independence history and their impact.)

(250 शब्द, 15 अंक) [जीएस- II: राजव्यवस्था एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध]

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)