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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 22 February, 2023 UPSC CNA in Hindi

22 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

भूगोल:

  1. क्या भारत इस वर्ष भी अल नीनो के पूर्वानुमान का गवाह बनेगा ?

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

  1. वोस्ट्रो खाते और वे व्यापार को किस प्रकार सुगम बनाते हैं:

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

शासन:

  1. भारत को अपने युवाओं के लिए बजट की जरूरत है:
  2. ग्रामीण विकास में शहरी पूर्वाग्रह को रोकना:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

  1. रक्षा और प्रौद्योगिकी में एक नया अध्याय:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. मालाबार अभ्यास :

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. भारत-सिंगापुर के बीच लिंक भुगतान सेवाएं:
  2. रूस ने अमेरिका के साथ प्रमुख परमाणु संधि को निलंबित किया:
  3. केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक फरवरी में पहला समकालिक गिद्ध सर्वेक्षण आयोजित करेंगे:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

वोस्ट्रो खाते और वे व्यापार को किस प्रकार सुगम बनाते हैं:

अर्थव्यवस्था:

विषय: भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास और रोजगार से संबंधित विषय।

प्रारंभिक परीक्षा: वोस्ट्रो खाते और नोस्ट्रो खाते से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: भारत और रूस के बीच स्पेशल रुपी वोस्ट्रो अकाउंट्स/खाते (SRVA) की व्यवस्था।

प्रसंग:

  • सेंट्रो क्रेडिट बैंक, क्रेडिट बैंक ऑफ मॉस्को, रोसबैंक और टिंकॉफ जैसे लगभग 20 रूसी बैंकों ने भारत में भागीदार बैंकों के साथ विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (Special Rupee Vostro Accounts (SRVA)) खोले हैं।

विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते (SRVA) व्यवस्था:

  • वोस्ट्रो खाता एक ऐसे खाते को संदर्भित करता है जिसमें एक घरेलू बैंक एक विदेशी बैंक का खाता अपनी मुद्रा (घरेलू बैंक की मुद्रा) में खोलता है।
  • आमतौर पर ऐसे खातों का उपयोग घरेलू बैंकों द्वारा वैश्विक बैंकिंग आवश्यकताओं के साथ अपने ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग सेवाओं की सुविधा प्रदान करने के लिए किया जाता है।
  • वोस्ट्रो खाते की व्यवस्था कॉरेस्पॉन्डेंट (Corrospondent) बैंकिंग की एक शाखा है जो बैंकों को वायर ट्रांसफर प्रदान करने, व्यापार लेनदेन करने, जमा स्वीकार करने और दूसरे बैंक की ओर से दस्तावेज इकट्ठा करने में मदद करती है।
  • यह व्यवस्था घरेलू बैंकों को विदेशी वित्तीय बाजारों तक व्यापक पहुंच प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों की उनके देशों में भौतिक रूप से उपस्थित हुए बिना सेवा प्रदान करने में सहायता करती है।
  • विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते अथवा SRVA एक अतिरिक्त व्यवस्था है जो मुक्त रूप से परिवर्तनीय मुद्राओं का उपयोग करके एक पूरक प्रणाली की स्थापना की सुविधा प्रदान करती है।
  • रूसी बैंकों द्वारा भारत में वोस्ट्रो खाते खोलने से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Russian Banks Open Vostro Accounts in India

नोस्ट्रो खाता (Nostro account):

  • नोस्ट्रो खाता एक ऐसे बैंक खाते को संदर्भित करता है जिसमें एक बैंक विदेशी मुद्रा की मद में खाता खोलता है।
  • एक बैंक, नोस्ट्रो खाते के माध्यम से, उस देश की मुद्रा जमा रखता है जहाँ निधि रखी जाती है। अर्थात नोस्ट्रो खातों को विदेशी मुद्राओं में दर्शाया जाता है।
  • नोस्ट्रो खातों का उपयोग आम तौर पर देशों के बीच विदेशी मुद्रा और व्यापार लेनदेन को आसान बनाने के लिए किया जाता है।
  • शब्द “नोस्ट्रो” लैटिन शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है “हमारा”।

वोस्ट्रो खाता (Vostro account):

  • शब्द “वोस्ट्रो” लैटिन शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ है “आपका”।
  • एक वोस्ट्रो खाता उस खाते को संदर्भित करता है जिसका प्रबंधन एक कॉरेस्पॉन्डेंट बैंक दूसरे बैंक की ओर से करता है।
  • वोस्ट्रो खाता एक विदेशी कॉरेस्पॉन्डेंट (Corrospondent) बैंक को घरेलू बैंक के एजेंट या मध्यस्थ के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाता है। वोस्ट्रो खाते द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं में उन देशों में ग्राहकों के लिए वायर ट्रांसफर, निकासी और जमा शामिल हैं जहां घरेलू बैंक की भौतिक उपस्थिति नहीं है।

उदाहरण:

  • यदि कोई भारतीय बैंक अमेरिका में डॉलर में खाता रखता है, तो ऐसे खाते को, जो किसी विदेशी केंद्र में विदेशी मुद्रा में रखा गया है, उस संबंधित भारतीय बैंक का नोस्ट्रो खाता कहा जाता है।
  • अमेरिकी बैंक जो संबंधित भारतीय बैंक से डॉलर जमा करता है, उसी खाते को वोस्ट्रो खाते के रूप में संदर्भित करेगा।
  • वोस्ट्रो खाते से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न वीडियो देखें: What is a Vostro Account? Understand International Trade Settlement in Rupee with Vostro Account

SRVA व्यवस्था की कार्य प्रणाली:

  • SRVA ढांचे में मुख्य रूप से तीन महत्वपूर्ण घटक-चालान (invoicing), विनिमय दर (exchange rate) और निपटान/अदायगी (settlement) शामिल हैं।
  • इनवॉइसिंग के लिए आवश्यक है कि सभी प्रकार के निर्यात और आयात को नामित/निरूपित किया जाए और चालान भारतीय रुपये में किया गया हो।
  • इस व्यवस्था में भागीदार देशों की दो मुद्राओं के बीच विनिमय दर बाजार-निर्धारित (market- determined) होगी।
  • इसमें अंतिम निपटान भी भारतीय रुपए में ही होता है।
  • SRVA व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने के लिए, अधिकृत घरेलू बैंकों को भागीदार देश के प्रतिनिधि बैंकों के लिए SRVA खाते खोलना अनिवार्य है।
  • इसके अलावा, घरेलू आयातकों को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से माल या सेवाओं की आपूर्ति के लिए चालान के एवज भारतीय रुपये में कॉरेस्पॉन्डेंट बैंक के SRVA खाते में भुगतान करने की आवश्यकता होती है।
  • इसी तरह घरेलू निर्यातकों को उनके निर्यात के लिए भागीदार देश के प्रतिनिधि बैंक के निर्दिष्ट खाते में शेष राशि का भुगतान भारतीय रुपये में किया जाना चाहिए।
  • ऐसे सभी सीमा पार लेनदेन की रिपोर्टिंग विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (Foreign Exchange Management Act (FEMA), 1999) के तहत मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार की जानी चाहिए।

बैंकों के लिए पात्रता मानदंड:

  • SRVA खोलने के लिए भागीदार व्यापारिक देशों के बैंक एक अधिकृत घरेलू बैंक से संपर्क करेंगे।
  • घरेलू बैंक को फिर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) से अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता होती है जो भारत में शीर्ष बैंकिंग नियामक है।
  • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, यह सुनिश्चित करना घरेलू बैंकों की जिम्मेदारी है कि कॉरेस्पॉन्डेंट बैंक “उच्च जोखिम और असहयोगी क्षेत्राधिकारों पर अद्यतन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) पब्लिक स्टेटमेंट” के तहत सूचीबद्ध देश से नहीं है।
  • इसके अलावा घरेलू बैंकों को भी संबंधित बैंक से संबंधित वित्तीय मापदंडों को अवलोकन के लिए प्रस्तुत करना चाहिए।
  • अधिकृत बैंक एक ही देश के विभिन्न बैंकों के लिए कई SRV खाते खोलने के लिए स्वतंत्र हैं और खाते में शेष राशि को स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय मुद्रा या भागीदार देश की मुद्रा में लेन-देन के आधार पर पुनर्प्राप्त किया जा सकता है, जो की खाते में जमा कि गई थी।

SRVA व्यवस्था की आवश्यकता:

  • आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि इस तरह की रूपरेखा चालू खाते से संबंधित व्यापार प्रवाह के निपटान के लिए विदेशी मुद्रा, विशेष रूप से अमेरिकी डॉलर की मांग को कम करने में मदद कर सकती है।
  • आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, SRVA व्यवस्था विदेशी मुद्रा भंडार रखने की आवश्यकता और विदेशी मुद्राओं पर निर्भरता को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जो देश को बाहरी झटकों (आर्थिक गतिविधयों में कमी/रोक) के प्रति कम संवेदनशील बनाएगी।
  • इसके अलावा, SRVA व्यवस्था भारतीय निर्यातकों को विदेशी ग्राहकों से भारतीय रुपये में अग्रिम भुगतान प्राप्त करने में मदद करती है, जो लंबी अवधि में भारतीय रुपये को एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में बढ़ावा देने में मदद करता है।
  • आर्थिक सर्वेक्षण 2022 -23 से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Economic Survey 2022 -23

सारांश:

  • ऐसे समय में जब विभिन्न देश भारतीय रुपया व्यापार तंत्र में रुचि दिखा रहें हैं क्योंकि वे अमेरिकी डॉलर और यूरो के साथ विदेशी मुद्रा की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, ऐसे भागीदार देशों के साथ विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने से भारतीय मुद्रा में सीमा पार व्यापार की सुविधा होगी जो कि न केवल भारत के व्यापार घाटे को कम करने में मदद करता है बल्कि भारतीय रुपये को भी लोकप्रिय बनाता है।

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

क्या भारत इस वर्ष भी अल नीनो के पूर्वानुमान का गवाह बनेगा ?

भूगोल:

विषय: महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं।

प्रारंभिक परीक्षा: अल नीनो और एक ला नीना से संबंधित जानकारी।

मुख्य परीक्षा: भारतीय जलवायु परिस्थितियों पर अल नीनो और ला नीना जैसी विभिन्न घटनाओं का प्रभाव।

प्रसंग:

  • ला नीना के रूप में जानी जाने वाली जलवायु घटना के कारण मुख्य रूप से उत्तर-दक्षिण शीत के प्रवाह के चलते भारत में इस समय सामान्य सर्दी से अधिक ठंड का अनुभव किया जा रहा है।
  • रिकॉर्ड किए गए इतिहास में भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर अभी तक के सबसे लंबे समय तक चलने वाली ला नीना (La Niña) घटना का अनुभव कर रहा है।
  • सितंबर 2020 में शुरू होने के बाद, यह लगातार तीन वर्षों तक बना रहा और इस प्रकार इसे “ट्रिपल डिप ला नीना” (triple dip La Niña) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • हालांकि, 2023 में इस घटना में कमी आने एवं सर्दियों के पूर्वानुमान की भविष्यवाणी की जा रही है जिसमे कहा जा रहा है कि अल नीनो की घटना की संभावना इस वर्ष 50% है।
  • भारतीय संदर्भ में ला नीना अच्छी मानसून वर्षा से जुड़ा है, जबकि अल नीनो (El Niño) से मानसूनी सूखे की संभावना प्रबल होती है।
  • अल नीनो और एक ला नीना से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: El Niño and a La Niña

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

भारत को अपने युवाओं के लिए बजट की जरूरत है:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

विषय: सरकारी बजट।

मुख्य परीक्षा: युवा वर्ग के लिए बजट में प्रावधान।

प्रारंभिक परीक्षा: बजट 2023-24।

प्रसंग:

  • बजट 2023-24.

विवरण:

  • वर्ष 2020 में भारत में 15 से 29 वर्ष की आयु के लोगों की वैश्विक आबादी का 20.6% हिस्सा था। इसका तात्पर्य है कि आने वाले वर्षों में, दुनिया में हर पांच कामगारों में से एक भारतीय हो सकता है।

यह भी पढ़ें: Demographic Dividend Meaning & Indian Context

बजट 2023-24 में प्रमुख प्रस्ताव:

  • पूंजीगत व्यय में काफी वृद्धि हुई है। इसके 2022-23 के संशोधित अनुमान से 3.2 लाख करोड़ अधिक रहने की उम्मीद है।
  • सामाजिक क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी के लिए सरकार के खर्च में कमी आएगी। उदाहरण के लिए, खाद्य सब्सिडी में ₹0.9 ट्रिलियन, उर्वरक सब्सिडी में ₹0.5 ट्रिलियन और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा/MGNREGA) में ₹0.3 ट्रिलियन की कमी आएगी।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और आंगनवाड़ी योजना के लिए बजट आवंटन में मामूली वृद्धि हुई है।

बजट पर विस्तृत जानकारी के लिए यहां पढ़ें: Union Budget 2023 Summary – Get the Highlights of the Budget 2023-24 for UPSC

संबद्ध चिंताएं:

  • अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए पूंजीगत व्यय में वृद्धि महत्वपूर्ण है। आय या GDP के अनुपात के रूप में निवेश 2000 के मध्य से लगातार बढ़ा और 2007 में यह 42% पर पहुंच गया (चीन से भी बेहतर)।
  • इसने भारत में आर्थिक विकास को और बढ़ाया जो 2010 की शुरुआत तक चला।
  • हालाँकि, 2007-08 में आया वैश्विक वित्तीय संकट (global financial crisis) एक महत्वपूर्ण मोड़ था। एक ओर जहां चीन ने अपना घरेलू निवेश बढ़ाया, वहीं भारत ने अपने खर्चों पर लगाम लगाई (बढ़ते वित्तीय घाटे के डर से)।
  • परिणामस्वरूप सार्वजनिक व्यय गिर गया और निजी निवेशकों का विश्वास उठ गया। जीडीपी के अनुपात में निवेश 2013-14 में 33.8% से गिरकर 2020-21 में 27.3% हो गया।
  • हालांकि आर्थिक विकास के लिए सब्सिडी और सामाजिक क्षेत्र के खर्च को ‘अपव्ययी’ माना जाता है, लेकिन इन क्षेत्रों में सब्सिडी को कम करने से मौजूदा सामाजिक असमानताओं में वृद्धि होती है और दीर्घकालिक विकास की संभावनाएं कम हो जाती हैं।
  • अवहनीय शिक्षा (बुनियादी और उच्च शिक्षा दोनों), और रोजगार के अवसरों की कमी के मुद्दे भी गंभीर हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के लिए उपस्थित हुए लगभग 1.9 मिलियन में से केवल 2.6% उम्मीदवार ही सरकारी कॉलेज में प्रवेश पा सके।
  • राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) और सरकारी ऋण के बारे में आशंकाएं भारत जैसे देश के लिए अनुत्पादक हो सकती हैं, जिसके पास अप्रयुक्त मानव संसाधनों का विशाल भंडार है।
    • यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि 2022 में बाहरी एजेंसियों का बकाया सकल घरेलू उत्पाद का केवल 4.2% है।
    • इसके अलावा, बड़े पैमाने पर बकाया सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, बीमा कंपनियों और भविष्य निधि जैसे घरेलू वित्तीय संस्थानों का है।

भावी कदम:

  • विशेष रूप से, सामाजिक क्षेत्रों पर सार्वजनिक व्यय भविष्य के लिए एक निवेश है, विशेष रूप से युवा आबादी के लिए। उदाहरण के लिए, मनरेगा के माध्यम से एक महिला को प्राप्त होने वाली आय से उसके बच्चों की शिक्षा और पोषण सुनिश्चित हो सकता है।
  • स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर सरकारी व्यय में वृद्धि ज्ञान-संचालित अर्थव्यवस्था में आपूर्ति और मांग दोनों मोर्चों को बढ़ावा दे सकती है।
  • मानव संसाधन को मजबूत करने के लिए सरकार की उधारी में वृद्धि जो नई नौकरियां और आय सृजित करती है, एक सकारात्मक चक्र को स्थापित करेगी। उदाहरण के लिए, उच्च आय और विकास के उच्च स्तर से भी नई बचत का सृजन होगा जो कर्ज चुकाने में मदद करेगा।

निष्कर्ष:

भारत में 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की जनसंख्या का हिस्सा 2040 में बढ़कर 58.6% हो जाएगा (2000 में 37.5% था)। खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी व्यय में वृद्धि करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के लाखों युवाओं को दुनिया को रोशन करने वाले चमकीले सितारों के रूप में विकसित होने के लिए प्रेरित करेगा।

संबंधित लिंक:

08 Feb 2023: UPSC Exam Comprehensive News Analysis

सारांश:

  • युवा आबादी के एक बड़े हिस्से के साथ भारत जनसांख्यिकीय के मामले में वर्तमान में एक सुदृढ़ स्थिति में है। सरकार को इस अवसर का उपयोग करना चाहिए और अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और नर्सों की एक मजबूत सेना बनाने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर अपना सार्वजनिक खर्च बढ़ाना चाहिए।

ग्रामीण विकास में शहरी पूर्वाग्रह को रोकना:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

शासन:

विषय: सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप।

मुख्य परीक्षा: जल जीवन मिशन।

प्रारंभिक परीक्षा: जल जीवन मिशन।

विवरण:

  • ग्रामीण-शहरी विभाजन के कुछ प्रमुख कारण हैं:
    • यह तर्क दिया जाता है कि नीति निर्माताओं और संस्थानों के बीच एक अंतर्निहित शहरी पूर्वाग्रह के कारण शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच असमानता बढ़ी है।
    • शहरी क्षेत्रों में समूह सरकार जैसी संस्थाओं को अपने पक्ष में आसानी से प्रभावित कर लेते हैं।
    • शहरी क्षेत्रों में बाजारों का विस्तार ग्रामीण क्षेत्रों तक सीमित है जो शहरी बस्तियों के करीब हैं।
    • इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र जो शहरी केंद्र से दूर हैं, वे विकास की कमी से ग्रस्त हैं। इसके अलावा, यह क्षेत्र उन ग्रामीण क्षेत्रों से पीछे भी हैं जो शहरी क्षेत्रों के करीब हैं।
  • जल जीवन मिशन (JJM) ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए एक विशेष और लक्षित उपाय है। इसका उद्देश्य 2024 तक ग्रामीण भारत के सभी घरों में सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है।
  • सुरक्षित पेयजल के लाभ:
    • सुरक्षित पेयजल एक आवश्यक गैर-खाद्य कारक है जो स्वास्थ्य और पोषण पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
    • यह महिलाओं और बच्चियों के लिए कठिन परिश्रम करने की आवश्यकता को भी कम करता है।
    • यह छठे सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal) – 2030 तक “सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता और सतत प्रबंधन” – को प्राप्त करने में भी मदद करेगा।

तमिलनाडु की केस स्टडी

2022 की पहली दो तिमाहियों में तमिलनाडु की प्रगति अन्य सभी राज्यों से बेहतर है। राज्य के विभिन्न जिलों में JJM का विश्लेषण इस प्रकार है:

  • कुछ जिलों में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की गई। उदाहरण के लिए, कांचीपुरम (100%), रानीपेट (98.73%), कन्याकुमारी (83.99%), वेल्लोर (80.89%), और तिरुचिरापल्ली (78.55%)।
  • कोयम्बटूर, तंजावुर, और डिंडीगुल जैसे जिलों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है, जहां एक लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल के पानी के कनेक्शन मिले हैं।
  • हालाँकि, कुछ अन्य जिलों में प्रगति अन्य के अनुरूप नहीं थी। उदाहरण के लिए, रामनाथपुरम और विरुधनगर जिलों में पिछले तीन वर्षों में केवल 9% घरों को कवर किया गया है। नागापट्टिनम में, इसने तीन वर्षों में बहुत कम (5.97%) घरों को कवर किया है।

2011 की जनगणना के अनुसार, तमिलनाडु की कुल शहरी आबादी 48.4% है। यह पाया गया है कि कम शहरी आबादी वाले जिले JJM के कार्यान्वयन में पीछे हैं। उदाहरण के लिए, निम्न प्रदर्शन करने वाले 10 जिलों में से 8 में शहरी आबादी 38% से कम है।

भावी कदम:

  • सरकार को उच्च ग्रामीण आबादी वाले जिलों में JJM योजना के कार्यान्वयन को प्राथमिकता देनी चाहिए।
  • यह आगे शहरी पूर्वाग्रह को दूर करने और SDG लक्ष्य 6 को पूरा करने में मदद करेगा।
  • इसका देश के अन्य जिलों के प्रदर्शन पर भी प्रभाव पड़ेगा।
  • नल के पानी के कनेक्शनों से संबंधित आकड़ों के अलावा, प्रति दिन आपूर्ति किए जा रहे पानी की मात्रा और इसकी गुणवत्ता के बारे में अतिरिक्त विवरण से प्रगति की दर को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।

संबंधित लिंक:

AIR Spotlight -Jal Jeevan Mission: Har Ghar Jal Download PDF.

सारांश:

  • जल जीवन मिशन 2024 तक प्रत्येक घर के लिए सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ी पहल है। यह सतत विकास लक्ष्य 6 (स्वच्छ जल और स्वच्छता) को प्राप्त करने और शहरी पूर्वाग्रह को दूर करने में मदद करेगा। हालांकि, इसमें कुछ मुद्दे हैं जिनका प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समय पर निवारण करना आवश्यक है।

रक्षा और प्रौद्योगिकी में एक नया अध्याय:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय संबंध:

विषय: भारत के हित को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय समझौते।

मुख्य परीक्षा: भारत-अमेरिका संबंध

प्रसंग:

  • महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (ICET) का उद्घाटन फरवरी 2023 में किया गया।

विवरण:

  • फरवरी 2023 में अमेरिका और भारत ने संयुक्त रूप से महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर अपनी पहल (ICET) का उद्घाटन किया। इस पहल का भारत-अमेरिका संबंधों पर परिवर्तनकारी प्रभाव हो सकता है।
  • अमेरिकी प्रौद्योगिकी विकास यात्रा में शामिल होने के लिए भारत के कई प्रयासों (1960 के बाद से) के बावजूद, भारत मुख्य रूप से दोनों राष्ट्रों के उद्देश्यों के बीच असमानता होने के कारण इसमें शामिल नहीं हो सका।
  • ICET बेहतर स्थिति में है और ऐसे समय में शुरू हुआ है जब भारत ने अपनी तकनीकी और प्रबंधकीय क्षमता विकसित कर ली है और दुनिया में एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है।
  • ICET सह-विकास और सह-उत्पादन के अंतर्गत पहचाने गए 6 क्षेत्र हैं:
    • नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना
    • रक्षा नवाचार और प्रौद्योगिकी सहयोग
    • लचीली सेमीकंडक्टर अर्धचालक आपूर्ति श्रृंखला
    • अंतरिक्ष
    • STEM प्रतिभा
    • अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी
  • ICET के कई महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं जो भारत को उन्नत जेट इंजन विकसित करने में मदद करेंगे।

भारत-अमेरिका संबंध:

  • शीत युद्ध काल के दौरान, अमेरिका ने इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (S&T), और कृषि के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया।
  • इसने परमाणु ऊर्जा में भी सहायता की और भारत को अनुसंधान और ऊर्जा के लिए अपना पहला रिएक्टर बनाने में मदद की। हालाँकि, 1974 में भारत द्वारा पहला परमाणु परीक्षण (India’s first nuclear test in 1974) किए जाने के बाद सहयोग अचानक समाप्त हो गया (अंतरिक्ष सहयोग में भी ऐसा ही हुआ)।
  • अमेरिका ने औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने के लिए भारतीय शिक्षा, विशेष रूप से इंजीनियरिंग और प्रबंधन के आधुनिकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर सहायता प्रदान की। हालाँकि, 1960 के दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था ठप हो गई तथा IIT और IIM स्नातकों ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लाभान्वित किया।
  • 1971 के बांग्लादेश युद्ध (Bangladesh War of 1971) और 1974 के परमाणु परीक्षणों ने दोनों के संबंधों को प्रभावित किया। इसके अलावा, अप्रसार नामक एक प्रौद्योगिकी को बाधित करने वाली व्यवस्था को भारत को लक्षित करते हुए पेश किया गया था।
  • भारत-अमेरिका ने 1984 में संवेदनशील प्रौद्योगिकियों, वस्तुओं और सूचना पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
  • 1987 में, अमेरिका भारत के लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस) (Light Combat Aircraft (Tejas)) कार्यक्रम में सहायता करने के लिए सहमत हुआ और भारत को फ्रंट-लाइन GE 404 इंजन की बिक्री की अनुमति दी। हालाँकि, व्यापक सहयोग से इनकार कर दिया गया क्योंकि अमेरिका अपने अप्रसार एजेंडे को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था।
  • 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद भारत पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंधों का एक और दौर लागू हुआ।
  • चीन से बढ़ती चुनौतियों के कारण, भारत और अमेरिका दोनों ने 2008 में परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • भारत ने पिछले एक दशक में अमेरिका के मित्र के रूप में अपनी स्थिति में लगातार सुधार किया है। हालाँकि, भारत को CAATSA के रूप में और रूस के साथ अपने तेल व्यापार के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा।

भारत-अमेरिका संबंधों के बारे में अधिक जानकारी के लिए, यहां पढ़ें: India – United States Relations 2022: Latest Developments and Major Areas of Cooperation

संबद्ध चिंता:

यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अत्याधुनिक जेट इंजन संयुक्त राज्य अमेरिका के मुकुट रत्न हैं और यह इसे बहुत आसानी से नहीं छोड़ेगा। इसके अलावा, अमेरिका भी प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक समान दृष्टिकोण अपनाएगा और अपनी तकनीकी शक्ति की रक्षा करेगा क्योंकि यह इसकी वैश्विक शक्ति के रूप में स्थिति का एक प्रमुख घटक है।

संबंधित लिंक:

India – US Trade Relations: RSTV – Big Picture Analysis for UPSC IAS exam.

सारांश:

  • भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हो रहे हैं। महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (ICET) इस दिशा में एक नया कदम है जिसमें दोनों देशों के बीच दोस्ती में परिवर्तनकारी बदलाव लाने की क्षमता है।

प्रीलिम्स तथ्य:

1.मालाबार अभ्यास:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

सुरक्षा:

विषय: विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां और उनके जनादेश।

प्रारंभिक परीक्षा: मालाबार अभ्यास से संबंधित तथ्य।

प्रसंग:

  • ऑस्ट्रेलिया, अगस्त 2023 में अपने पहले मालाबार अभ्यास की मेजबानी करेगा।

मालाबार अभ्यास:

  • मालाबार एक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है, जिसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और यू.एस. शामिल होते हैं।
  • मालाबार अभ्यासों की श्रृंखला वर्ष 1992 में भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुई थी।
  • इस अभ्यास में ऑस्ट्रेलिया और जापान की नौसेनाओं के शामिल होने के साथ ही इन्हे अधिक प्रसिद्धि मिली।
  • वर्ष 2015 में जापान इस अभ्यास में शामिल हुआ जबकि ऑस्ट्रेलियाई नौसेना वर्ष 2020 में मालाबार अभ्यास में शामिल हुई थी।
  • इस अभ्यास में विविध प्रकार की गतिविधियाँ शामिल हैं जैसे फाइटर कॉम्बैट ऑपरेशन और मेरीटाइम इंटरडिक्शन ऑपरेशन।
  • अभ्यास का उद्देश्य एक-दूसरे की परिचालन पद्धतियों की समझ और बहुत सी समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग करने की क्षमता को बढ़ाना है।
  • मालाबार अभ्यास के अलावा, भारतीय नौसेना जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाओं के साथ पैसेज अभ्यास (PASSEX) में भी शामिल है।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1.भारत-सिंगापुर के बीच लिंक भुगतान सेवाएं:

चित्र स्रोत: The Times of India

  • भारत का एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (Unified Payments Interface (UPI)) और सिंगापुर का पे-नाउ (PayNow) आधिकारिक तौर पर जुड़ गए हैं जो “रीयल-टाइम भुगतान लिंकेज” की सुविधा प्रदान करेगा।
  • सिंगापुर पहला देश बन गया जिसके साथ भारत ने क्रॉस-बॉर्डर पर्सन टू पर्सन (P2P) भुगतान सुविधा शुरू की है।
  • इस प्रकार के भुगतान लिंकेज से भारतीय डायस्पोरा, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों या छात्रों के लिए वित्तीय लेनदेन को आसान बनाने और सिंगापुर और भारत के बीच कम लागत वाले धन हस्तांतरण के रूप में आम आदमी को डिजिटलाइजेशन और फिनटेक के लाभों का विस्तार करने की उम्मीद है।
  • हाल के दिनों में UPI-आधारित भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है क्योंकि 2022 में UPI के माध्यम से ₹126 ट्रिलियन से अधिक के 74 बिलियन लेनदेन किए गए थे जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में भारत का डिजिटल वॉलेट लेनदेन जल्द ही नकद लेनदेन से आगे निकल जाएगा।
  • हाल ही में, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (National Payments Corporation of India (NPCI)) ने UPI प्लेटफॉर्म को अंतर्राष्ट्रीय मोबाइल नंबर वाले दस देशों के अनिवासी खाता धारकों (NRE/NRO खातों) को ऑनबोर्ड करने के लिए सक्षम किया है ताकि वे UPI का उपयोग करके लेनदेन कर सकें।
  • इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए निम्न वीडियो देखें: India’s UPI Goes Global | India’s UPI & Singapore’s PayNow Integrated

2. रूस ने अमेरिका के साथ प्रमुख परमाणु संधि को निलंबित किया:

  • रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि रूस ने नई स्टार्ट (START)) संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया है जो अमेरिका के साथ एकमात्र शेष परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है।
  • नई स्टार्ट (START) संधि पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने 2010 में हस्ताक्षर किए थे।
  • नई स्टार्ट (START) संधि का आधिकारिक नाम “रणनीतिक आक्रामक शस्त्रों की संख्या को और कम करने एवं सीमित करने के उपायों पर संयुक्त राज्य अमेरिका और रूसी संघ के बीच संधि” है।
  • यह संधि दोनों देशों पर 1,550 से अनधिक परमाणु हथियार और 700 से अनधिक मिसाइलें और बमवर्षक तैनात करने की सीमा आरोपित करती है।
  • इस समझौते में आगे अनुपालन को सत्यापित करने के लिए व्यापक ऑन-साइट निरीक्षण की परिकल्पना की गई है।
  • फरवरी 2021 में समाप्त होने वाली संधि को रूस और अमेरिका द्वारा पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया था।
  • हालाँकि, दोनों देशों ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से संधि के तहत आपसी निरीक्षणों को निलंबित कर दिया है।
  • नई स्टार्ट (START) संधि के तहत रूस के दायित्वों को निलंबित करने के निर्णय की व्याख्या करते हुए, रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका और उसके नाटो सहयोगियों पर खुले तौर पर यूक्रेन में रूस की हार के लक्ष्य की घोषणा करने का आरोप लगाया है।
  • रूसी राष्ट्रपति ने आगे तर्क दिया कि जहाँ अमेरिका ने संधि के तहत रूसी परमाणु सुविधाओं के निरीक्षण को फिर से शुरू करने पर जोर दिया है, वहीं नाटो सहयोगियों ने यूक्रेन को उन रूसी हवाई ठिकानों पर ड्रोन हमले करने में मदद की थी जहाँ रूस के परमाणु-सक्षम सामरिक बमवर्षक मौजूद हैं।
  • अमेरिकी विदेश मंत्री ने रूसी कदम को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना माना है और यह भी माना है कि रूस वास्तव में क्या करता है इस पर अमेरिका का पूरा ध्यान हैं।
  • नई स्टार्ट (START) संधि के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: New स्टार्ट (START) Treaty

3. केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक फरवरी में पहला समकालिक गिद्ध सर्वेक्षण आयोजित करेंगे:

  • केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के वन और वन्यजीव विभाग पश्चिमी घाट के विभिन्न क्षेत्रों में पहला समकालिक गिद्ध सर्वेक्षण आयोजित करने की तैयारी कर रहे हैं।
  • हर साल तीन राज्यों के वन विभाग अलग-अलग सर्वेक्षण आयोजित करते हैं लेकिन हाल ही में मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में आयोजित एक त्रिपक्षीय समन्वय बैठक में विभागों ने दोहराव से बचने के लिए पश्चिमी घाटों में पहला समकालिक गिद्ध सर्वेक्षण आयोजित करने का निर्णय लिया है।
  • वायनाड वन्यजीव अभयारण्य, कर्नाटक के नागरहोल और बांदीपुर टाइगर रिजर्व और तमिलनाडु के मुदुमलाई टाइगर रिजर्व से सटा हुआ, एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां केरल में गिद्ध निवास करते हैं।
  • वायनाड वन्यजीव अभयारण्य में लगभग 120-150 सफेद पूंछ वाले गिद्ध और लगभग 25 लाल सिर वाले गिद्ध हैं, जिनमें कभी-कभी लंबी चोंच वाले गिद्ध भी देखे जा सकते हैं।
  • 2000 के दशक से गिद्धों की संख्या में विनाशकारी गिरावट देखी जा रही है क्योंकि ये प्रजातियां डाइक्लोफेनेक नामक दवा के संपर्क में आ जाती है जो मुख्य रूप से मवेशियों के लिए दर्द निवारक के रूप में उपयोग की जाती है।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. निम्नलिखित में से कौन सी पीएलआई योजना सरकार द्वारा चिकित्सा क्षेत्र में लागू की जा रही है? (स्तर – मध्यम)

  1. थोक दवाओं के लिए पीएलआई योजना
  2. फार्मास्यूटिकल्स के लिए पीएलआई योजना
  3. चिकित्सा उपकरणों के लिए पीएलआई योजना

विकल्प:

  1. 1 और 2
  2. 2 और 3
  3. 1 और 3
  4. 1, 2 और 3

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: भारत ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत देश में क्रिटिकल की स्टार्टिंग मैटेरियल्स (KSMs)/ ड्रग इंटरमीडिएट्स और एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले 22 एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (APIs) या स्थूल दवाओं और अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन शुरू कर दिया है।
    • योजना का उद्देश्य आत्मनिर्भरता प्राप्त करना और महत्वपूर्ण APIs में आयात निर्भरता को कम करना है।
  • कथन 2 सही है: फार्मास्युटिकल्स विभाग ने 2021 में फार्मास्यूटिकल्स के लिए PLI योजना शुरू की।
    • यह योजना “आत्मनिर्भर भारत- भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और दस क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने की रणनीति” पर आधारित है।
  • कथन 3 सही है: चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित करना है।

प्रश्न 2. हाल ही में खबरों में रहे HD-3385 से आप क्या समझते हैं? (स्तर – कठिन)

  1. यह आईसीएआर द्वारा विकसित गेहूं की ताप प्रतिरोधी किस्म है।
  2. यह नासा द्वारा अपने अंतरिक्ष अभियानों के लिए विकसित एक अल्ट्रा-हाई-डेफिनिशन स्क्रीन है।
  3. यह मंकीपॉक्स वायरस का नया स्ट्रेन है।
  4. यह ट्रांसजेनिक बकरियों से प्राप्त एक चिकित्सीय (थेराप्युटिक) प्रोटीन है।

उत्तर: a

व्याख्या:

  • HD 3385 उत्तर पश्चिमी और उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए उपयुक्त उच्च उपज वाली गेहूं की एक किस्म है।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने गेहूं की HD 3385 किस्में विकसित की हैं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कितने सत्य है/हैं?(स्तर – सरल)

  1. नई स्टार्ट (START) संधि 2011 में लागू हुई थी।
  2. इसका उद्देश्य हस्ताक्षरकर्ता देशों के परमाणु हथियारों को सीमित करना है।
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका और रूसी संघ दोनों इस संधि का हिस्सा हैं।

विकल्प:

  1. केवल एक कथन
  2. केवल दो कथन
  3. सभी तीन कथन
  4. कोई भी कथन नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: नई स्टार्ट (START) संधि पर तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने 2010 में हस्ताक्षर किए थे।
    • अमेरिकी सीनेट और रूस की संघीय सभा द्वारा इस संधि के अनुसमर्थन के बाद, यह संधि वर्ष 2011 में लागू हुई थी।
  • कथन 2 सही है: नई स्टार्ट (START) संधि दोनों देशों पर 1,550 से अनधिक परमाणु हथियार और 700 से अनधिक मिसाइलें और बमवर्षक तैनात करने की सीमा आरोपित करती है।
  • कथन 3 गलत है: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घोषणा की कि रूस ने नई स्टार्ट (START) संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया है जो अमेरिका के साथ एकमात्र शेष परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है।

प्रश्न 4. “यह फरवरी का महीना है; सूर्य गुलाबी राजहंसों से आच्छादित आर्द्रभूमि पर जगमगा रहा है”। उपरोक्त कथन द्वारा नीचे दिए गए कितने स्थानों का वर्णन किया जा सकता है? (स्तर – मध्यम)

  1. ठाणे क्रीक
  2. चिल्का झील
  3. पुलिकट झील
  4. थोल झील

विकल्प:

  1. केवल एक स्थान
  2. केवल दो स्थान
  3. केवल तीन स्थान
  4. सभी चारों स्थान

उत्तर: d

व्याख्या:

  • गुलाबी राजहंस निम्नलिखित स्थानों पर देखा जा सकता है:
    • थोल झील, गुजरात
    • ठाणे क्रीक, महाराष्ट्र
    • सेवरी मडफ्लैट्स, मुंबई, महाराष्ट्र
    • नल सरोवर, गुजरात
    • खिजड़िया पक्षी अभयारण्य, गुजरात
    • नजफगढ़ झील, दिल्ली
    • चिल्का झील, उड़ीसा
    • पुलिकट झील, आंध्र प्रदेश

प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (PYQ 2021) (स्तर – कठिन)

  1. इल्तुतमिश के शासनकाल में, चंगेज़ खान भगोड़े ख्वारिज़्म युवराज की खोज में सिंधु नदी तक पहुँचा था।
  2. मुहम्मद बिन तुग़लक के शासनकाल में, तैमूर ने मुल्तान पर अधिकार किया था और सिंधु नदी पार की थी।
  3. विजयनगर साम्राज्य के देव राय द्वितीय के शासनकाल में, वास्को द गामा केरल के तट पर पहुँचा था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा / कौन-से सही है/हैं?

  1. केवल 1
  2. केवल 1 और 2
  3. केवल 3
  4. केवल 2 और 3

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: अलाउद्दीन मुहम्मद अर्थात ख्वारिज्म शाह, को चंगेज़ खान के नेतृत्व में मंगोल आक्रमण के खतरे के कारण भागना पड़ा था।
    • वह इल्तुतमिश से मदद मांगने आया, जिसने मदद देने से इनकार कर दिया था।
  • कथन 2 गलत है: अमीर तैमूर ने सिंधु को पार किया और सितंबर 1398 में मुल्तान की घेराबंदी की।
    • जबकि, महमूद तुगलक 1325 से 1351 तक दिल्ली की गद्दी पर आसीन था।
  • कथन 3 गलत है: वास्को डी गामा 1498 में कालीकट पहुंचा थाZL।
    • जबकि विजयनगर साम्राज्य के देव राय द्वितीय का शासन 1446 में समाप्त हुआ था।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. क्या आप सहमत हैं कि पूँजीगत व्यय निवेश गतिविधि को अधिक बढ़ावा देता है और आर्थिक विकास का समर्थन करता है? अपने उत्तर के समर्थन में कारण प्रस्तुत कीजिए।

(250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – अर्थव्यवस्था)

प्रश्न 2. महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर पहल (iCET) क्या है? विशेष रूप से भारत के लिए iCET के महत्व पर चर्चा कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) (जीएस III – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी)