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UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 27 August, 2023 UPSC CNA in Hindi

A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

  1. चंद्रयान 3 के बाद,इसरो की क्या योजनाएं हैं ?

D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित:

आज इससे संबंधित कुछ नहीं है।

E. संपादकीय:

अर्थव्यवस्था:

  1. प्याज निर्यात पर 40% शुल्क क्यों लगाया गया ?

सामाजिक न्याय:

  1. बचपन में छूटे हुए टीबी के मामले 2025 के लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधक हैं:

F. प्रीलिम्स तथ्य:

  1. सीताकली लोक कला:
  2. एशियाई विकास बैंक, केंद्र के साथ दिल्ली में जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य केंद्र खोलेगा:

G. महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. बासमती पर न्यूनतम निर्यात मूल्य:

H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

चंद्रयान 3 के बाद,इसरो की क्या योजनाएं हैं ?

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:

विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई प्रौद्योगिकी का विकास।

प्रारंभिक परीक्षा: गगनयान मिशन, आदित्य एल1, निसार, ल्यूपेक्स, शुक्रयान मिशन।

मुख्य परीक्षा: इसरो की उपलब्धियां, इसरो द्वारा विकसित की जा रही नई प्रौद्योगिकियां।

प्रसंग:

  • इसरो ने वर्ष 2024 और भविष्य के लिए कई प्रमुख परियोजनाओं की योजना बनाई है।

इनमे से कुछ प्रमुख मिशनों में निम्न शामिल हैं:

  • गगनयान मिशन: इस मिशन का उद्देश्य 3 दिन के लिए 3 लोगों के दल को 400 किमी की कक्षा में लॉन्च करके मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता का प्रदर्शन करना है। लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (Launch Vehicle Mark-3 (LMV-3)) को मानव रेटिंग आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए फिर से कॉन्फ़िगर किया जा रहा है और इस उद्देश्य के लिए इसका नाम बदलकर ह्यूमन रेटेड LVM3 (HLVM3) कर दिया गया है। इस मिशन के हिस्से के रूप में, वर्ष 2024 में गगनयान जी1 और जी2 उड़ानों की योजना बनाई गई है। ये ह्यूमन रेटेड LVM3 रॉकेट की मानवरहित परीक्षण उड़ानें हैं जो भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन का मार्ग प्रशस्त करेंगी।
  • गगनयान मिशन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:Gaganyaan Mission

Gaganyaan Mission

  • आदित्य-एल1: आदित्य-एल1 (Aditya-L1) सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष-आधारित मिशन होगा। अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर स्थित सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंज बिंदु 1 (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा। लैग्रेंज पॉइंट अंतरिक्ष में एक विशिष्ट स्थान हैं जहां वहां भेजी गई वस्तुएं स्थिर रहेंगी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि किसी उपग्रह पर आकाशीय पिंडों से खींचा जाने वाला गुरुत्वाकर्षण उस बल द्वारा संतुलित होता है जो इसे उनके चारों ओर घूमाता रहता है। अंतरिक्ष यान इन स्थानों का उपयोग ईंधन बचाने और बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग किए बिना एक ही स्थान पर रहने के लिए कर सकता है। L1 बिंदु बिना किसी ग्रहण या ग्रहण के सूर्य के निरंतर दृश्यों का लाभ प्रदान करता है। अंतरिक्ष यान इन स्थानों का उपयोग ईंधन बचाने और बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग किए बिना एक ही स्थान पर बने रहने के लिए कर सकता है। L1 बिंदु बिना किसी प्रच्छादन या ग्रहण के सूर्य के निरंतर दृश्यों का अवलोकन करने का लाभ प्रदान करता है।
  • निसार उपग्रह: नासा-इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार ( NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar (NISAR)) मिशन पृथ्वी की निम्न कक्षा (Low Earth Orbit (LEO)) वेधशाला विकसित करने के लिए नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( Indian Space Research Organisation (ISRO)) के बीच एक सहयोगी मिशन है। NISAR का प्राथमिक उद्देश्य 12 दिनों की अवधि में पृथ्वी की सतह के उच्च-रिज़ॉल्यूशन, विश्व स्तर पर व्यापक डेटासेट तैयार करना है, जिससे विभिन्न स्थलीय और वायुमंडलीय घटनाओं का अध्ययन संभव हो सके।
  • GSAT-20 संचार उपग्रह का प्रक्षेपण: यह उपग्रह अतिरिक्त डेटा ट्रांसमिशन क्षमता प्रदान करके भारत के स्मार्ट सिटीज़ मिशन (Smart Cities Mission) में सहायक संचार बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगा।
  • लघु उपग्रह प्रक्षेपण: इसरो पृथ्वी अवलोकन, नेविगेशन और प्रौद्योगिकी प्रदर्शन सहित विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए छोटे उपग्रह लॉन्च करना जारी रखेगा।
  • पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (Reusable Launch Vehicle-Technology Demonstrator (RLV-TD)): यह एक पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान है जो 20,000 किलोग्राम तक के पेलोड को पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जा सकता है। इससे भारत और अन्य देशों दोनों के लिए अंतरिक्ष तक पहुंच की लागत कम होने की संभावना है।
  • पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान-प्रौद्योगिकी प्रदर्शक (RLV-TD) से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: Reusable Launch Vehicle-Technology Demonstrator (RLV-TD).
  • मिथालॉक्स प्रणोदक विकास: इसरो एक मीथेन-आधारित प्रणोदक विकसित करने पर काम कर रहा है जो पारंपरिक ईंधन की तुलना में अधिक सुरक्षित और कुशल है। यह ईंधन मीथेन और तरल ऑक्सीजन का मिश्रण है।
  • विद्युत प्रणोदन प्रणाली का विकास: इसरो उपग्रहों के लिए विद्युत प्रणोदन प्रणाली पर भी काम कर रहा है, जो पारंपरिक रासायनिक प्रणोदन प्रणालियों की तुलना में हल्का और अधिक कुशल होगा। इससे भविष्य में उपग्रहों का जीवनकाल बढ़ सकता है।
  • निजी क्षेत्र को प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण: इसरो की योजना दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित प्रौद्योगिकी को निजी क्षेत्र और अंततः लघु उपग्रह प्रक्षेपण यान (Small Satellite Launch Vehicle (SSLV)) को भी हस्तांतरित करने की है।
  • चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण (LUPEX) मिशन: जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के सहयोग से, इसरो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अन्वेषण करने के लिए एक मिशन की योजना बना रहा है, जिसमें एक लैंडर और रोवर (Chandrayaan 3 से अधिक परिष्कृत) शामिल है जो कठोर चंद्र वातावरण में काम कर सकते हैं। इस रोवर में विश्लेषण के लिए चंद्रमा के उपसतह नमूने को ड्रिल करने और निकालने की क्षमता होगी।
  • इस मिशन में ‘नाईट सर्वाइवल’ क्षमता होगी यानी जहां दिन के दौरान सौर पैनल लैंडर और रोवर को बिजली देंगे, वहीं रात में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया जाएगा।
  • इस मिशन में इलेक्ट्रॉनिक घटकों को अत्यधिक तापमान (रात का तापमान -180 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है) का सामना करने में सक्षम होना चाहिए। JAXA लॉन्च वाहन और रोवर प्रदान करेगा जबकि इसरो लैंडर प्रदान करेगा।
  • JAXA द्वारा हायाबुसा 2 मिशन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:The Hayabusa 2 mission by JAXA
  • भावी चंद्र मिशन: इसरो ने भविष्य के मिशनों के साथ चंद्रमा पर अन्वेषण जारी रखने की योजना बनाई है, जिसमें चंद्रयान -5, -6 और संभवतः इसके अधिक संस्करण शामिल होंगे।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: यूक्रेन में संघर्ष (conflict in Ukraine) के कारण रूस पर प्रतिबंध लगने के कारण, इसरो लॉन्च सेवाएं प्रदान करने और नए अवसरों का पता लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों और कंपनियों के साथ अपना सहयोग बढ़ा रहा है।
  • मंगल और शुक्र के लिए मिशन: इसरो की मंगल ग्रह पर लौटने और शुक्र का अध्ययन करने के लिए मिशन विकसित करने की योजना है, जिसमें ‘शुक्रयान’ मिशन भी शामिल है।

सारांश:

  • इसरो ने 2024 और भविष्य के लिए कई प्रमुख परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता प्रदर्शित करने के लिए गगनयान मिशन, सूर्य का अध्ययन करने के लिए आदित्य-एल 1 मिशन और पृथ्वी की सतह की उच्च-रिज़ॉल्यूशन छवियां उत्पन्न करने के लिए NISAR मिशन आदि शामिल हैं,जिनसे दुनिया की विशिष्ट अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच भारत की स्थिति को मजबूती मिल सकती है।

संपादकीय-द हिन्दू

संपादकीय:

प्याज निर्यात पर 40% शुल्क क्यों लगाया गया?

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:

अर्थव्यवस्था:

विषय: सार्वजनिक वितरण प्रणाली, बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे

प्रारंभिक परीक्षा: भारत का प्याज निर्यात, निर्यात शुल्क, फसली मौसम

मुख्य परीक्षा: सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद्य सुरक्षा, कृषि आय दोगुनी करना, भारत की व्यापार नीति

भूमिका:

  • सरकार ने इस साल के अंत तक के लिए प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगा दिया है। इसके अतिरिक्त, खुदरा कीमतों को कम करने के लिए विभिन्न थोक बाजारों में प्याज के स्टॉक को उतारने के उपाय किए गए हैं।

भारत में प्याज की कमी का कारण?

  • इन कदमों का उद्देश्य प्याज की घरेलू कीमतों को स्थिर करना तथा स्थानीय बाजारों में मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करना है।
  • भारत में प्याज की फसलें तीन मौसमों में उगाई जाती हैं: ख़रीफ़, लेट खरीफ और रबी।
  • हल्के मौसम की स्थिति में प्याज में सबसे अच्छी वृद्धि होती है। फरवरी और मार्च के महीनों में प्रतिकूल मौसम की स्थिति (उच्च तापमान और बेमौसम बारिश) ने रबी सीजन के उत्पादन को प्रभावित किया है।
  • इन स्थितियों के कारण कंद (bulb) का आकार छोटा हो गया है और शेल्फ जीवन कम हो गया है (आम तौर पर 6 महीने से घटकर लगभग 1 महीने तक)
  • रबी फसल का योगदान एक कैलेंडर वर्ष में उत्पादन में सबसे अधिक होता है (CRISIL के अनुसार 70% के करीब)
  • प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है, उसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान है। ये क्षेत्र इन प्रतिकूल मौसम स्थितियों से प्रभावित हुए हैं।
  • चालू वर्ष के लिए, प्याज का उत्पादन 31.1 मीट्रिक टन होने का अनुमान है, जो 2021-22 के 31.7 मीट्रिक टन से कम है।
  • उत्पादन क्षेत्र भी 7% कम होने की आशंका है।
  • भारत सालाना लगभग 2.5 मिलियन टन ताजा प्याज निर्यात करता है तथा नीदरलैंड और मैक्सिको के बाद तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। निर्यात में और बढ़ोतरी से घरेलू कीमतों पर असर पड़ना तय है।

भावी कदम?

  • सरकार ने बफर स्टॉक बढ़ाकर पांच लाख मीट्रिक टन कर दिया है।
  • बफर से प्याज खुदरा उपभोक्ताओं को ₹25/किग्रा की रियायती दर पर बेचा जाएगा।
  • किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करना और साथ ही प्याज की निरंतर किफायती आपूर्ति बनाए रखना (मुद्रास्फीति दबाव को सीमित करने के लिए) समय की मांग है।

सारांश:

  • मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण इस साल भारत में प्याज का उत्पादन कम होने का अनुमान है। सरकार ने घरेलू कीमतों को स्थिर करने और मांग-आपूर्ति के अंतर को कम करने के लिए प्याज के निर्यात पर 40% शुल्क लगाया है और बफर स्टॉक को पांच लाख मीट्रिक टन तक बढ़ा दिया है।

बचपन में छूटे हुए टीबी के मामले 2025 के लक्ष्य को प्राप्त करने में बाधक हैं:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

सामाजिक न्याय:

विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025, क्षय रोग, WHO की टीबी निर्मूलन रणनीति।

मुख्य परीक्षा: राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025, सतत विकास लक्ष्य।

विवरण :

  • भारत में बच्चों में तपेदिक या क्षय रोग (टीबी) के मामलों का पता लगाने और इसकी अधिसूचित स्थिति में बड़ा अंतर मौजूद है। टीबी बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण है और उनके जीवित रहने की दर में सुधार के लिए शीघ्र निदान और उपचार आवश्यक है।

आंकड़े क्या कहते हैं ?

  • राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2020-2025 की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय टीबी निगरानी प्रणाली में बच्चों का प्रतिनिधित्व अभी भी कम है, इससे संबंधित मामलों का पता लगाने की सीमित क्षमता और संवेदनशील निदान की कमी प्रमुख चुनौतियां हैं।
  • वर्ष 2022 में, हालाँकि कुल अधिसूचित मामले 2.4 मिलियन से अधिक थे, जबकि बाल चिकित्सा टीबी के अधिसूचित मामले केवल 1,35,734 थे, जो 5.6% है।
  • इसके विपरीत, भारत में 2022 बाल चिकित्सा टीबी प्रबंधन दिशानिर्देशों के अनुसार, बच्चे में टीबी के मामले कुल आँकड़ों के 13% से अधिक हैं। इससे पता चलता है कि अधिसूचित मामलों और बीमारी की घटनाओं के बीच लगभग 4-5% का अंतर है।
  • इसका तात्पर्य यह है कि अकेले 2022 में टीबी से पीड़ित 2,00,000 से अधिक बच्चे छूट गए, पिछले कुछ वर्षों में पता लगाने में लगातार अंतर को देखते हुए, छूटे हुए मामलों की संचयी संख्या बहुत अधिक है।

बच्चों में टीबी के निदान में चुनौतियाँ?

  • बच्चों में थूक के गुणवत्ता वाले नमूने (परीक्षण के लिए) प्राप्त करने में कठिनाइयों, उनमें कम बैक्टीरिया भारांक और अत्यधिक संवेदनशील आणविक परीक्षणों की आवश्यकता के कारण बच्चों में टीबी का निदान करना चुनौतीपूर्ण है।
  • इसके अलावा, आणविक परीक्षणों (बच्चों में मामलों का पता लगाने के लिए अधिक संवेदनशील) के बजाय स्मीयर माइक्रोस्कोपी का उपयोग टीबी निदान और दवा-प्रतिरोध स्क्रीनिंग में एक बड़ी चुनौती पेश करता है।
  • बच्चों और एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी रोगियों के केवल एक छोटे से हिस्से की दवा प्रतिरोध के लिए सफलतापूर्वक जांच हो पाती है।
  • कोविड-19 महामारी के दौरान बीसीजी टीकाकरण कवरेज में कमी आई है, जिससे बच्चों में टीबी के मामलों में वृद्धि हुई हो, ऐसा हो सकता है।
  • हालाँकि हाल के वर्षों में कवरेज में थोड़ा सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी महामारी-पूर्व के स्तर से कम है।

राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025 के लक्ष्य क्या हैं?

  • राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025 का लक्ष्य 2025 तक टीबी की घटनाओं को 44 नए मामलों या प्रति लाख जनसंख्या पर 65 कुल मामलों तक कम करना है।
  • वर्ष 2021 में अनुमानित टीबी वाले मामले प्रति लाख जनसंख्या पर 210 थे, जिससे लक्ष्य हासिल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया हैं।
  • इस कार्यक्रम का लक्ष्य 2025 तक टीबी मृत्यु दर को प्रति लाख जनसंख्या पर 3 मौतों तक कम करना है, जबकि 2020 के लिए अनुमानित मृत्यु दर 37 प्रति लाख जनसंख्या थी।
  • इस योजना का लक्ष्य प्रभावित परिवारों के लिए टीबी के निदान में आने वाली अत्यधिक लागत को खत्म करना है, लेकिन दवा-संवेदनशील टीबी रोगियों में से 7-32% और दवा-प्रतिरोधी टीबी रोगियों में से 68% को अभी भी ऐसी लागत का सामना करना पड़ता है।
  • यदि टीबी के कारण वित्तीय बोझ घरेलू आय का 20% से अधिक है, तो इसे एक विनाशकारी लागत माना जाता है।
  • भारत सरकार के लक्ष्य विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीबी निर्मूलन रणनीति के अनुरूप हैं, जिसका लक्ष्य 2030 तक नए मामलों में 80% की कमी, मृत्यु दर में 90% की कमी और शून्य विनाशकारी लागत है।

निष्कर्ष:

  • भारत में बच्चों में टीबी का पता लगाने और नियंत्रण में मौजूद बड़े अंतर के समाधान के लिए बेहतर निदान, बेहतर मामले का पता लगाने और बीसीजी टीकाकरण कवरेज में वृद्धि की ओर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

सारांश:

  • भारत में बच्चों में तपेदिक अर्थात क्षय रोग (टीबी) के मामलों का पता लगाने और इसकी अधिसूचित स्थिति में बड़ा अंतर है। यह कई कारकों के कारण है, जिनमें परीक्षण के लिए गुणवत्ता वाले नमूने प्राप्त करने में कठिनाई, बच्चों में कम जीवाणु भारांक और अत्यधिक संवेदनशील आणविक परीक्षणों की आवश्यकता शामिल है। राष्ट्रीय रणनीतिक योजना 2017-2025 का लक्ष्य बच्चों में टीबी के मामले और मृत्यु दर को कम करना है, लेकिन बेहतर निदान, बेहतर तरीके से मामले का पता लगाने और बीसीजी टीकाकरण कवरेज में वृद्धि के बिना इन लक्ष्यों को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा।

प्रीलिम्स तथ्य:

1. सीताकली लोक कला:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित:

भारतीय विरासत एवं संस्कृति:

विषय: भारतीय संस्कृति में शामिल प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप और मुख्य पहलू।

प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई विकास बैंक से सम्बन्धित तथ्यात्मक जानकारी।

  • सीताकली लोक कला की उत्पत्ति केरल के पेरिनाड क्षेत्र से हुई है। यह गाने एवं कहानी कहने और तीव्र कार्यकलाप का मिश्रण है।
  • ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 150 साल पहले वेद और पुलाया समुदायों के बीच हुई थी।
  • इस कला रूप में रामायण के प्रसंगों को फिर से गढ़ा गया है, जिसमें सीता की जीवन यात्रा को दर्शाया गया है।
  • सीताकली गीत का प्रसार मौखिक रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हुआ है। आमतौर पर ओणम त्योहार के दौरान इसका प्रदर्शन किया जाता है।
  • इसके कलाकार वेशभूषा और श्रृंगार के साथ प्राकृतिक साज-सामान और वाद्ययंत्रों (बांस, ताड़ के पत्ते) का उपयोग करके घरों का दौरा करते हैं।
  • ज्वलंत श्रृंगार, गतिशील संगीत, पारंपरिक वाद्ययंत्र, सहज गतिविधियां इस कला रूप की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।

2. एशियाई विकास बैंक, केंद्र के साथ दिल्ली में जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य केंद्र खोलेगा:

सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:

अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:

विषय: महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान,संस्थाएं और मंच,उनकी संरचना,अधिदेश।

प्रारंभिक परीक्षा: एशियाई विकास बैंक से संबंधित तथ्यात्मक जानकारी।

  • भारत, एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ साझेदारी में नई दिल्ली में एक जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य केंद्र खोलेगा।
  • इस केंद्र का लक्ष्य जलवायु परिवर्तन से संबंधित वैश्विक स्वास्थ्य मामलों पर नेतृत्व प्रदान करना और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के खिलाफ स्वास्थ्य प्रणालियों के लचीलेपन को बढ़ाना होगा।
  • ADB के IF-CAP से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:ADB’s IF-CAP
  • एशियाई विकास बैंक:
    • एशियाई विकास बैंक (Asian Development Bank (ADB)) की स्थापना वर्ष 1966 में फिलीपींस में की गई, साथ ही इसके मुख्यालय की स्थापना मनीला में की गई थी।
    • एशियाई विकास बैंक में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के 67 सदस्य देश शामिल हैं।
    • एशियाई विकास बैंक को विश्व बैंक द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यों के आधार पर तैयार किया गया था।
    • एशियाई विकास बैंक में 15.677% के साथ जापान की सबसे बड़ी हिस्सेदारी है, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका (15.567%), चीन (6.473%) और भारत (5.812%) का स्थान आता है।
    • एशियाई विकास बैंक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, सार्वजनिक प्रशासन प्रणालियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निवेश करता है और राष्ट्रों को जलवायु परिवर्तन (climate change) के प्रभावों को कम करने और प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन करने में मदद करता है।
  • जलवायु और स्वास्थ्य पर परिवर्तनकारी कार्रवाई हेतु गठबंधन:
    • जलवायु और स्वास्थ्य पर परिवर्तनकारी कार्रवाई हेतु गठबंधन (Alliance for Transformative Action on Climate and Health (ATACH)) ग्लासगो में हुई सीओपी 26 (COP 26) बैठक का परिणाम था।
    • इसका उद्देश्य देशों के बीच ज्ञान साझाकरण, तकनीकी सहायता, क्षमता विकास द्वारा डब्ल्यूएचओ (WHO) ढांचे के तहत जलवायु-लचीला और टिकाऊ स्वास्थ्य प्रणालियों का निर्माण करना है।
    • इसमें सरकारी संस्थाएं और एनजीओ जैसी गैर-राज्य संस्थाएं दोनों शामिल हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य:

1. बासमती पर न्यूनतम निर्यात मूल्य:

  • न्यूनतम निर्यात मूल्य (Minimum Export Price (MEP)) वह कीमत होती है जिसके नीचे किसी निर्यातक को भारत से वस्तु निर्यात करने की अनुमति नहीं मिलती है।
  • न्यूनतम निर्यात मूल्य पर अधिसूचनाएं आमतौर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत विदेश व्यापार महानिदेशक (Director General of Foreign Trade (DGFT)) द्वारा जारी की जाती हैं। न्यूनतम निर्यात मूल्य पर वास्तविक निर्णय कैबिनेट स्तर पर लिए जाते हैं।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. ‘सीताकली’ निम्नलिखित में से कहाँ की लोक नृत्य शैली है ?

(a) केरल

(b) ओडिशा

(c) तमिलनाडु

(d) तेलंगाना

उत्तर: a

व्याख्या:

  • सीताकली केरल का पारंपरिक (लोक) नृत्य है।​ इसका प्रदर्शन मुख्य रूप से वेद और पुलाया समुदायों से संबंधित दलित कलाकारों द्वारा किया जाता है, जो कि विशेषकर ओणम के दिनों के दौरान होता है।​​

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर उतरा, उसका नाम ‘शिव शक्ति’ रखा गया है।

2. चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के दिन को ‘राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

3. जिस बिंदु पर चंद्रयान-2 ने चंद्रमा की सतह पर अपने फूटप्रिंट छोड़े थे, उसे ‘तिरंगा’ नाम दिया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर: b

व्याख्या:

  • कथन 2 गलत है। चंद्रयान 3 की सॉफ्ट लैंडिंग के दिन को ‘राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।

प्रश्न 3. निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?

1. विश्व स्वास्थ्य संगठन – ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (WHO GCTM) गुजरात के जामनगर में स्थापित किया जाएगा।

2. एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ साझेदारी में आयुष मंत्रालय के तहत केरल के तिरुवनंतपुरम में एक जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया जाएगा।

निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1, न ही 2

उत्तर: b

व्याख्या:

  • आयुष मंत्रालय के तहत एशियाई विकास बैंक (ADB) के साथ साझेदारी में जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य केंद्र नई दिल्ली में स्थापित किया जाएगा।

प्रश्न 4. क्षय रोग के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

1. भारत ने वर्ष 2025 तक क्षय रोग को ख़त्म करने का लक्ष्य रखा है।

2. क्षय रोग (टीबी) भारत में एक अधिसूचित रोग/बीमारी है।

3. इसका उन्मूलन दुनिया द्वारा 2030 तक हासिल किए जाने वाले सतत विकास लक्ष्यों में से एक है।

उपर्युक्त कथनों में से कितना/कितने सही है/हैं?

(a) केवल एक

(b) केवल दो

(c) सभी तीनों

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर: c

व्याख्या:

  • सभी तीनों कथन सही हैं। वर्ष 2012 से, टीबी भारत में एक अधिसूचित रोग/बीमारी है। किसी भी माध्यम से निदान किए गए टीबी के सभी मामलों की सूचना सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों को दी जानी चाहिए।

प्रश्न 5. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग निम्नलिखित में से क्या है ?

(a) संवैधानिक निकाय

(b) वैधानिक निकाय

(c) अर्ध-न्यायिक निकाय

(d) गैर-वैधानिक निकाय

उत्तर: d

व्याख्या:

  • यह वर्ष 2004 तक एक वैधानिक निकाय था, जिसके बाद यह अधिनियम समाप्त हो गया, और अब यह सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक गैर-वैधानिक निकाय है।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. जहाँ निर्वनीकरण से कार्बन सिंक के रूप में मौजूद वनों में कमी आ सकती है, वहीं वनों की कार्बन पृथक्करण क्षमताओं के सामने कई अन्य खतरे भी हैं। विस्तार से बताएं। (While deforestation can cause a reduction in forests as carbon sinks, there are many other threats to forests’ carbon sequestration capabilities. Elaborate.)

(10 अंक 150 शब्द)​ [GS-III; पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी ]

प्रश्न 2. बचपन में टीबी के मामले भारत के 2025 तक टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को कैसे प्रभावित कर सकते हैं? (How can childhood TB cases affect India’s aim to achieve TB elimination by 2025?)

(10 अंक 150 शब्द)[GS-II; सामाजिक न्याय]

(नोट: मुख्य परीक्षा के अंग्रेजी भाषा के प्रश्नों पर क्लिक कर के आप अपने उत्तर BYJU’S की वेव साइट पर अपलोड कर सकते हैं।)