संविधान का 73वां एवं 74वां संशोधन अधिनियम (1992) देश में सत्ता के विकेंद्रीकरण से संबंधित हैं । 73वां संशोधन ग्रामीण स्वायत्तता से संबंधित है जबकि 74वां संशोधन शहरी प्रशासन से । संविधान के 73वें अधिनियम ने भारत के संविधान में एक नया खंड -IX सम्मिलित किया । इसे ‘पंचायतें’ नाम से इस भाग में उल्लिखित किया गया है और अनुच्छेद 243 के प्रावधान सम्मिलित किए गए । इस अधिनियम ने संविधान में एक नई अनुसूची, 11वीं अनुसूची भी जोड़ी । इस अनुसूची में पंचायतों की 29 कार्यकारी विषय-वस्तु है । यह अनुच्छेद 243- जी से संबंधित है ।
संविधान के 73वें अधिनियम ने संविधान के राज्य नीति के निदेशक तत्वों के अंतर्गत 40वें अनुच्छेद को एक व्यवहारिक रूप दिया, जिसमें कहा गया है कि, “ग्राम पंचायतों को गठित करने के लिए राज्य कदम उठाएगा और उन्हें उन आवश्यक शक्तियों और अधिकारों से विभूषित करेगा जिससे कि वे स्वशासन की इकाई की तरह कार्य करने में सक्षम हो ।” इस अधिनियम ने पंचायती राज संस्थाओं को एक संवैधानिक दर्जा दिया और इसे संविधान के अंतर्गत वाद योग्य हिस्से के अधीन लाया ।
संविधान का 74वां संशोधन अधिनियम (1992)- इस अधिनिमय ने भारत के संविधान में नया भाग -IX(क) शामिल किया है । इसे ‘नगरपालिकाएं’ नाम दिया गया है और अनुच्छेद 243(त) से 243(य छ) के उपबंध इसमें शामिल किए गए हैं । इस अधिनियम ने संविधान में एक नई अनुसूची, 12वीं अनुसूची को भी जोड़ा । इस सूची में नगरपालिकाओं की 18 कार्यकारी विषय-वस्तुओं का उल्लेख है । यह अनुच्छेद 243 – डब्ल्यू से संबंधित हैं । संविधान के 74वें अधिनियम ने नगरपालिकाओं को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया । इसके प्रावधानानुसार राज्य अब नई नगरपालिका पद्धति को अपनाने के लिए संवैधानिक रूप से बाध्य है ।
संविधान के 73वें एवं 74वें संशोधन से संबंधित अनुच्छेद | ||
संविधान के 73वें संशोधन से संबंधित अनुच्छेद | संविधान के 74वें संशोधन से संबंधित अनुच्छेद | |
अनुच्छेद 243 क (A) – ग्रामसभा;
अनुच्छेद 243 ख (B) – ग्राम पंचायतों का गठन; अनुच्छेद 243 ग (C) – पंचायतों की संरचना; अनुच्छेद 243 घ (D) – स्थानों का आरक्षण; अनुच्छेद 243 ङ (E) – पंचायतों की कार्यकाल; अनुच्छेद 243 च (F) – सदस्यता के लिए अयोग्यताएँ; अनुच्छेद 243 छ (G) – पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तरदायित्व; अनुच्छेद 243 ज (H) – पंचायतों द्वारा कर लगाने की शक्तियाँ और उनकी निधियाँ; अनुच्छेद 243 झ (I) – वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिए वित्त आयोग का गठन; अनुच्छेद 243 ञ (J) – पंचायतों की लेखाओं की संपरीक्षा; अनुच्छेद 243 ट (K) – पंचायतों के लिए निर्वाचन; अनुच्छेद 243 ठ (L) – संघ राज्यों क्षेत्रों को लागू होना; अनुच्छेद 243 ड (M) – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना; अनुच्छेद 243 ढ (N) – विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना; अनुच्छेद 243 ण (O) – निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन; |
अनुच्छेद 243 त (P) – परिभाषा
अनुच्छेद 243 थ (Q) – नगर पालिकाओं का गठन अनुच्छेद 243 द (R) – नगर पालिकाओं की संरचना अनुच्छेद 243 ध (S) – वार्ड समितियों आदि का गठन और संरचना अनुच्छेद 243 न (T) – स्थानों का आरक्षण अनुच्छेद 243 प (U)- नगर पालिकाओं की अवधि आदि अनुच्छेद 243 फ (V) – सदस्यता के लिए निरर्हताएँ अनुच्छेद 243 ब (W) – नगरपालिकाओं आदि की शक्तियाँ , प्राधिकार और उत्तदायित्व अनुच्छेद 243 भ (X) – नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियाँ अनुच्छेद 243 म (Y)- वित्त आयोग अनुच्छेद 243 य (Z) – नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा अनुच्छेद 243 य क (ZA) – नगरपालिकाओं के लिए निर्वाचन अनुच्छेद 243 य ख (ZB) – संघ राज्य क्षेत्रों का लागू होना अनुच्छेद 243 य ग (ZC) – इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना अनुच्छेद 243 य घ (ZD)- ज़िला योजना के लिए समिति अनुच्छेद 243 य ङ (ZE) – महानगर योजना के लिए समिति अनुच्छेद 243 य च (ZF) – विद्यमान विधियों पर नगर पालिकाओं का बना रहना अनुच्छेद 243 य छ(ZG) – निर्वाचन सम्बन्धी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन |
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