“मूल अधिकार” भारतीय संविधान में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं । अनुच्छेद 14, 19 और 21 मूल अधिकारों से संबंधित हैं । अनुच्छेद 14 समानता से, अनुच्छेद 19 अभिव्यक्ति की आजादी से और अनुच्छेद 21 जीवन के अधिकार से संबंधित है । ये तीनो अधिकार व्यक्ति के विकास के लिए शायद सबसे जरुरी हैं । यही कारण है कि इन तीनों अनुच्छेदों को भारतीय संविधान का स्वर्णिम -त्रिभुज (golden-triangle) कहा जाता है ।
मूल अधिकार (fundamental rights):-
(a) विधि के समक्ष समता एवं विधियों का समान संरक्षण (अनुच्छेद 14 ) (b) धर्म, मूल वंश, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (अनुच्छेद 15) (c) लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता (अनुच्छेद 16 ) (d) अस्पृश्यता (untouchability) का अंत और उसका आचरण निषिद्ध (अनुच्छेद 17 ) (e) सेना या विद्या संबंधी सम्मान के सिवाए सभी उपाधियों पर रोक (अनुच्छेद 18 )
(a) इसके अंतर्गत निम्नलिखित 6 अधिकारों की सुरक्षा आती है : (I) वाक् एवं अभिव्यक्ति, (II) सम्मेलन, (III) संघ, (IV) संचरण, (V) निवास, (VI) वृत्ति (अनुच्छेद 19 ) (b) अपराधों के लिए दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण (अनुच्छेद 20) (c) प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (अनुच्छेद 21 ) (d) प्रारंभिक शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21 ) (86वें संविधान संशोधन, 2002 द्वारा स्थापित) (e) कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण (अनुच्छेद 22)
(a) बलात् श्रम (bonded labour) का प्रतिषेध (अनुच्छेद 23 ) (b) कारखानों आदि में बच्चों के नियोजन (child labour) का प्रतिषेध (अनुच्छेद 24)
(a) अंतःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25 ) (b) धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 26 ) (c) किसी धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों के संदाय के बारे में स्वतंत्रता (अनुच्छेद 27) (d) कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता (अनुच्छेद 28 )
(a) अल्पसंख्यकों की भाषा, लिपि और संस्कृति की सुरक्षा (अनुच्छेद 29 ) (b) शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार (अनुच्छेद 30)
इसके अंतर्गत मूल अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय जाने का अधिकार है । इसमें शामिल याचिकाएं हैं- (1) बंदी प्रत्यक्षीकरण, (ii) परमादेश, (iii) प्रतिषेध, (iv) उत्प्रेषण, (v) अधिकार पृच्छा (अनुच्छेद 32 ) नोट: मूलतः संविधान में संपत्ति का अधिकार (अनुच्छेद 31) भी मूल अधिकार में शामिल था लेकिन इसे 44वें संविधान अधिनियम, 1978 द्वारा मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया । इसे संविधान के भाग -XII में अनुच्छेद 300 (A) के तहत एक कानूनी अधिकार बना दिया गया है । |
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