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पुलित्ज़र पुरस्कार 2022 | Pulitzer Prize in Hindi

9 मई, 2022 को  पुलित्ज़र पुरस्कार -2022 के विजेताओं की घोषणा की गई। यह पत्रकारिता के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है । पुलित्जर पुरस्कार समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, संगीत रचना, पत्रकारिता और साहित्य की विभिन्न विधाओं में  योगदान  के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना वर्ष 1917 में हंगरी के प्रसिद्द समाचार पत्र प्रकाशक  जोसेफ पुलित्जर की वसीयत में लिखे गए प्रावधानों के अनुसार  की गई थी। कोलंबिया विश्वविद्यालय इस पुरस्कार का प्रबंधन करता है। ये पुरस्कार प्रतिवर्ष 21 श्रेणियों में दिए जाते  हैं। 20 श्रेणियों में  प्रत्येक विजेता को 15,000 अमरीकी डालर की नकद राशी  और एक प्रमाण पत्र प्राप्त होता है जबकि  पुरस्कार की लोक सेवा श्रेणी में विजेता को स्वर्ण पदक दिया जाता है।

इस वर्ष के  विजेताओं में पत्रकारिता की श्रेणी में भारत के इरशाद मट्टो, अमित दवे, अदनान आबिदी और दानिश सिद्दीकी शामिल हैं।  प्रथम 3  पत्रकारों को भारत में कोरोना महामारी के दौरान ली गई तस्वीरों के लिए यह पुरस्कार  दिया गया है। जबकि दानिश को दूसरी बार यह पुरस्कार मिला  है । किंतु इस बार उन्हें यह पुरस्कार मरणोपरांत मिला ( इससे पहले  2018 में रोहिंग्या मुसलमानों के संकट पर ली गई एक तस्वीर के लिए इन्हें पुलित्ज़र सम्मान दिया  जा चुका है ) । दानिश अफ़ग़ानिस्तान के विशेष बल के साथ कंधार प्रांत में तैनात थे जहाँ से वो अफ़ग़ान कमांडो और तालिबान लड़ाकों के बीच संघर्ष की ख़बरें भेज रहे थे पर  इसी बीच  एक हमले में उनकी मौत हो गई थी। 

नीचे तालिका में 2022 के पुलित्जर पुरस्कार के  विजेताओं की सूचि दी गई है । उम्मीदवार लिंक किए गए लेख में आईएएस हिंदी के बारे में जानकारी पा सकते हैं।

पुलित्जर पुरस्कार 2022 विजेताओं की सूचि

श्रेणी 

पुरस्कार प्राप्तकर्ता 

1.लोक सेवा “वाशिंगटन पोस्ट” ( 6 जनवरी 2021 को कैपिटल पर हुए हमले की कवरेज के लिए)
2.खोजी रिपोर्टिंग रेबेका वूलिंगटन, कोरी जी. जॉनसन, और टैम्पा बे टाइम्स के एली मरे ( फ्लोरिडा के एकमात्र बैटरी रीसाइक्लिंग प्लांट के अंदर अत्यधिक जहरीले खतरों को उजागर करने में उनकी भूमिका के लिए )
3.ब्रेकिंग न्यूज रिपोर्टिंग मियामी हेराल्ड ( फ्लोरिडा के सीसाइड अपार्टमेंट टावरों के ढहने की कवरेज के लिए )
4.स्थानीय रिपोर्टिंग शिकागो ट्रिब्यून की सेसिलिया रेयेस और बेटर गवर्नमेंट एसोसिएशन के मैडिसन हॉपकिंस (भवनों में आग-रोधी सुरक्षात्मक तकनीकों में की जाने वाली लापरवाही को उजागर करने के लिए )
5.व्याख्यात्मक रिपोर्टिंग क्वांटा पत्रिका के कर्मचारियों, मुख्य रूप से नताली वोल्चोवर को (वेब स्पेस टेलीस्कोप की जटिलताओं  के कामकाज पर उनकी रिपोर्टिंग के लिए )
6.इंटरनेशनल रिपोर्टिंग द न्यूयॉर्क टाइम्स (अफगानिस्तान,सीरिया व इराक में अमेरिकी सैन्य संलिप्तता की कवरेज के लिए)
7.नेशनल रिपोर्टिंग द न्यूयॉर्क टाइम्स 
8.कमेंट्री  “कैनसस सिटी स्टार” की मेलिंडा हेनेबर्गर को 
9.फीचर राइटिंग “द अटलांटिक” की जेनिफर सीनियर को 
10.संपादकीय लेखन “द ह्यूस्टन क्रॉनिकल” के माइकल लिंडेनबर्गर, लिसा फाल्केनबर्ग, लुइस कैरास्को और जो होली को 
11.आलोचना  “न्यूयॉर्क टाइम्स” के  आलोचक सलामिशा टिलेट को 
12.ब्रेकिंग न्यूज फोटोग्राफी 1.“लॉस एंजिल्स टाइम्स” के मार्कस यम ( अफगानिस्तान से अमेरिका के प्रस्थान की छवियों के लिए )

2.गेटी इमेजेज के ड्रू एंगरर, विन मैकनेमी, सैमुअल कोरम, स्पेंसर प्लैट और जॉन चेरी ( यूएस कैपिटल पर हमले की  तस्वीरों के लिए )

13.इलस्ट्रेटेड रिपोर्टिंग और कमेंट्री  “इनसाइडर” के एंथोंग डेल कर्नल, फहमीदा अजीम, वॉल्ट जॉकी और जोश एडम्स को 
14.ऑडियो रिपोर्टिंग PRX और “फिउचरो मीडिया” (“Suave”  के लिए | यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो 30 साल से अधिक जेल में बिताने के बाद समाज में फिर से प्रवेश कर रहा है )
15.फ़ीचर फ़ोटोग्राफ़ी सना इरशाद मट्टू, अदनान आबिदी, अमित दवे व  दानिश सिद्दीकी ( भारत के COVID-19 संघर्ष की  छवियों के लिए )
16.नाटक जेम्स इजेम्स द्वारा लिखित “Fat Ham” को 
17.फिक्शन जोशुआ ग्रीन द्वारा लिखित “The Netanyahus” को 
18.जीवनी विनफ्रेड रेम्बर्ट द्वारा लिखित “Chasing Me to My Grave” को (मरणोपरांत)
19.इतिहास  निकोल यूस्टेस (नॉर्टन / लिवेराइट) द्वारा लिखित “Covered with Night” और एडा फेरर (स्क्रिब्नर) द्वारा लिखित “Cuba: An American History” को 
20.कविता डायने सीस द्वारा लिखित “Frank: sonnets” को 
21.संगीत रेवेन चाकॉन द्वारा लिखित “Voiceless Mass” को 
परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य:

  • 1837 में गोविन्द बिहारी लाल पुलित्ज़र पाने वाले प्रथम भारतीय बने | वह एक भारतीय-अमेरिकी पत्रकार और  भारत के स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होने विज्ञान  के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
  • गोविन्द बिहारी लाल के अलावा भी भारत की झुम्पा लाहिरी को  2000 में , गीता आनंद को  2003 में, सिद्धार्थ मुखर्जी को  2011 में तथा विजय सेशाद्री को  2014 में यह सम्मान मिल चुका है ।

अन्य महत्वपूर्ण लिंक:

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