07 अप्रैल 2023 : समाचार विश्लेषण
A. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: शासन:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
C. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। D. सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E. संपादकीय: अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G. महत्वपूर्ण तथ्य:
H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
भारतीय पुलिस बलों में प्रतिनिधित्व:
शासन:
विषय: भारतीय सिविल सेवाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दे।
मुख्य परीक्षा: पुलिस बलों से संबंधित सामान्य मुद्दे।
प्रसंग:
- पुलिस बलों में प्रतिनिधित्व पर इंडिया जस्टिस रिपोर्ट।
विवरण:
- टाटा ट्रस्ट द्वारा जारी इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022, विभिन्न संकेतकों के आधार पर राज्यों के पुलिस बलों को रैंक प्रदान करती है, जैसे कर्मियों की स्वीकृत संख्या के सापेक्ष रिक्तियों की संख्या, महिलाओं और SC/ST समुदायों का प्रतिनिधित्व।
- यह रिपोर्ट न्याय वितरण के 4 स्तंभों अर्थात् पुलिस, न्यायपालिका, जेल और कानूनी सहायता के समग्र आंकड़ों पर आधारित है।
- रिपोर्ट के निष्कर्ष सरकारों, नागरिक समाज और व्यापारिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह उन्हें वस्तुनिष्ठ डेटा प्रदान करता है जो आम सहमति निर्माण के माध्यम से सुधारों के लिए सरकारों और अलग-अलग विचारधाराओं के सक्रिय नागरिकों के बीच भागीदारी संवाद की अनुमति देता है।
- न्यायपालिका पर भारत न्याय रिपोर्ट से संबंधित अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए: India Justice Report on Judiciary
रिपोर्ट की मुख्य बातें:
- यह राज्यों के पुलिस बलों को विभिन्न संकेतकों के आधार पर रैंक प्रदान करती है जैसे कि कर्मियों की स्वीकृत संख्या के सापेक्ष रिक्तियां, महिलाओं और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों का प्रतिनिधित्व।
- कुल मिलाकर तेलंगाना पुलिस ने 10 मिलियन से अधिक आबादी वाले राज्यों में शीर्ष रैंक हासिल की है, जबकि पश्चिम बंगाल को अंतिम स्थान दिया गया है।
- पिछले एक दशक में देश भर में पुलिस की कुल स्वीकृत संख्या 22.84 से बढ़कर 26.89 लाख (18 प्रतिशत) हो गई, जबकि वास्तविक पुलिस संख्या 17.23 लाख से बढ़कर 20.94 लाख (22 प्रतिशत) हो गई।
- पुलिस पर प्रति व्यक्ति खर्च 445 से बढ़कर 1,151 रूपए हो गया।
चित्र स्रोत: India Justice Report
पुलिस रिक्तियों की स्थिति:
- रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर पुलिस बलों में स्वीकृत और वास्तविक संख्या के बीच का अंतर “चिंताजनक रूप से बड़ा” है।
- इस रिपोर्ट के निष्कर्षों के अनुसार, जनवरी 2020 से जनवरी 2022 के बीच, पुलिस में कुल रिक्तियां स्वीकृत संख्या के 20.3% से बढ़कर 22.1% हो गई है।
- पुलिस कॉन्स्टेबलों के मामले में जनवरी 2022 तक पश्चिम बंगाल स्वीकृत शक्ति के 44.1% रिक्तियों के साथ बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य था, जबकि केरल स्वीकृत शक्ति का 4.6% कॉन्स्टेबल रिक्तियों के साथ शीर्ष स्थान पर है।
- पुलिस अधिकारियों के मामले में (सिविल के साथ-साथ जिला सशस्त्र रिजर्व पुलिस में), बिहार में स्वीकृत पदों की तुलना में रिक्तियों का उच्चतम प्रतिशत (53.8%) है।
- पुलिस बल की उचित संरचना के लिए टूथ-टू-टेल अनुपात (T3R) को एक महत्वपूर्ण निर्धारक माना जाता है। यह अधिकारियों और कॉन्स्टेबुलरी की संख्या के बीच का अनुपात है। (T3R एक सैन्य संगठन में कार्यरत सैनिकों की संख्या को संदर्भित करता है।)
- पुलिस सुधारों पर पद्मनाभैया समिति ने 1:4 के टूथ-टू-टेल अनुपात (T3R) की सिफारिश की है।
- कई राज्यों ने पुलिस कि अपनी स्वीकृत संख्या कम कर दी है, जिसके परिणामस्वरूप रिक्तियों का स्तर कम हो गया है।
- उदाहरण के लिए, 2020 से 2022 के बीच, केरल ने सिविल पुलिस कर्मियों की स्वीकृत संख्या में 239 कर्मियों की कमी की, जिसके परिणामस्वरूप रिक्तियों में कमी आई, जबकि काम का बोझ बढ़ गया।
- जनवरी 2022 तक, देश भर में 831 लोगों के सापेक्ष एक पुलिसकर्मी उपलब्ध था (सिविल और जिला सशस्त्र पुलिस को मिलाकर)।
SC/ST समुदायों के लिए कोटा:
- जनवरी 2022 तक,अनुसूचित जाति कुल कामकाजी पुलिस बल का 15.99 प्रतिशत (जनसंख्या में 16 प्रतिशत हिस्सेदारी के मुकाबले), अनुसूचित जनजाति 11.77 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग 30.79 प्रतिशत और महिलाएं 11.75 प्रतिशत हैं।
- कर्नाटक अपने SC, ST और अन्य पिछड़े वर्गों के कोटा को पूरा करने वाला एकमात्र राज्य है, कोई भी अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश अपने तीनों आरक्षण लक्ष्यों को पूरा करने में सफल नहीं हुआ।
- बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में गुजरात ने 131% के साथ अपने आरक्षण कोटा में वास्तविक अनुसूचित जाति पुलिस अधिकारियों के प्रतिशत के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया, जबकि उत्तर प्रदेश अपने कोटे के मुकाबले सिर्फ 43% SC अधिकारियों के साथ अंतिम स्थान पर रहा।
- कॉन्स्टेबुलरी कार्यबल के लिए, कर्नाटक में अपने कोटे के विरुद्ध SC कॉन्स्टेबलों का 116% था, जबकि हरियाणा में यह सबसे कम 63% था।
- जहां तक छोटे राज्यों का सवाल है, गोवा और सिक्किम क्रमशः अनुसूचित जाति के अधिकारियों और कॉन्स्टेबलों के प्रतिशत के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्य हैं।
- ST के लिए आरक्षण को पूरा करने के मामले में, कर्नाटक, 176% के साथ अपने आरक्षित अनुपात से परे जाकर, पुलिस अधिकारी स्तर पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य है।
- ST वर्गों के कॉन्स्टेबलों के लिए, बिहार ने अपना कोटा 278% तक पूरा किया, जबकि पंजाब बड़े और मध्यम राज्यों में 0.01% के साथ अंतिम स्थान पर रहा।
महिलाओं का प्रतिनिधित्व:
- अधिकांश राज्यों में पुलिस बल में महिलाओं के लिए अपना विशिष्ट कोटा है।
- उदाहरण के लिए, छह केंद्र शासित प्रदेशों और नौ राज्यों में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया है।
- यह लक्ष्य बिहार के 35% से लेकर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा में 10% तक अलग-अलग है।
- केरल और मिजोरम सहित पांच राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोई आरक्षण नहीं है।
- कोई भी राज्य, जिसमें 33% का मानदंड निर्धारित किया गया था, इसे पूरा करने में सफल नहीं हुआ।
- हालांकि, बड़े और मध्यम राज्यों में से आंध्र प्रदेश जहाँ कुल पुलिस पदों का 33% महिलाओं के लिए आरक्षित करता है, ने पुलिस में महिलाओं की 21.8% हिस्सेदारी के साथ सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।
- पुलिस में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 6.2% के साथ झारखंड सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला राज्य है।
- इसके अलावा छोटे राज्यों जैसे की हिमाचल प्रदेश 14% पुलिस कर्मियों के साथ शीर्ष स्थान पर था, जबकि त्रिपुरा केवल 5.3% के साथ अंतिम स्थान पर रहा।
- केंद्र शासित प्रदेशों में से लद्दाख में पुलिस में 28.3% महिलाएं कार्यरत थीं, जबकि जम्मू और कश्मीर में सिर्फ 3.3% महिलाएं पुलिस बल में शामिल हैं।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
‘फेंक न्यूज़/झूठी ख़बरों ‘ को सेंसर करना:
शासन:
विषय: सरकार की नीतियां एवं विकास के लिए हस्तक्षेप।
मुख्य परीक्षा: लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता।
संदर्भ:
- आईटी नियमों के तहत पत्र सूचना कार्यालय (PIB) द्वारा तथ्य की जांच।
विवरण:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने आईटी नियम, 2021 ( IT Rules, 2021) में संशोधन करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 को अधिसूचित किया है।
- अधिसूचित नियमों के अनुसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट पर अन्य मध्यस्थों को ऐसी सामग्री को हटाने के लिए अनिवार्य किया जाएगा, जिसके तथ्यों की जाँच पीआईबी तथ्य-जांच इकाई द्वारा की गई है और जिसे गलत तथ्य के रूप में चिह्नित किया गया है।
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम), 2000 की धारा 79 के तहत अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा पोस्ट की गई सामग्री के लिए प्लेटफ़ॉर्म को कानूनी उन्मुक्ति का लाभ नहीं मिलेगा।
- उन्हें अब अदालती कार्यवाही में एक पक्ष के रूप में बुलाया जा सकता है।
चिंताएं:
- सरकार द्वारा अधिसूचित इन नए आईटी नियमों का मुक्त भाषण और सूचना पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
- इससे मध्यस्थों पर प्रावधानों का पालन करने और दंड से बचने का बोझ बढ़ गया है।
- यदि सामग्री की सत्यता की जांच करने के लिए मध्यस्थों की तथ्यान्वेषी इकाई तथ्यों की जांच करती है तो इससे सच्ची घटनाओं या आलोचनाओं का भी प्रकाशन होने में समस्या आ सकती है।
- यह प्रस्ताव सरकार को सच्चाई का एकमात्र मध्यस्थ बनाता है जिसके परिणामस्वरूप प्रेस की सेंसरशिप हो सकती है।
- संशोधन में PIB की तथ्य-जांच इकाई के दुरुपयोग को रोकने, “तथ्य-जांच” के दौरान पारदर्शिता को बढ़ावा देने या इसके दायरे को सीमित करने के लिए किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपायों का अभाव है।
सारांश:
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
जापान द्वारा रूसी तेल प्रतिबंधों को दरकिनार करना:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत को शामिल करने वाले और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
मुख्य परीक्षा: रूसी तेल पर मूल्य सीमा नियंत्रण का वैश्विक तेल आपूर्ति पर प्रभाव।
विवरण:
- जापान पश्चिमी सहयोगियों द्वारा लगाए गए 60 डॉलर प्रति बैरल मूल्य सीमा से ऊपर की कीमत पर रूस से तेल खरीदता रहा है। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि जापान रूसी तेल की कीमत को सीमित करने के लिए पिछले साल हुए एक समझौते का उल्लंघन कर सकता है।
- G-7 देशों, यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया ने दिसंबर 2022 की शुरुआत से रूस से ख़रीदे गए तेल पर $60 प्रति बैरल मूल्य सीमा लगा दी है।
- यह कदम यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस को दंडित करने के लिए पश्चिम द्वारा लगाए गए व्यापक आर्थिक प्रतिबंधों का हिस्सा था।
- यह वैश्विक तेल आपूर्ति को गंभीर रूप से प्रभावित किए बिना उस राशि को प्रतिबंधित करने के लिए था जो रूस अपना तेल बेचकर अर्जित कर सकता है।
- रूसी तेल पर मूल्य सीमा के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:Price cap on Russian Oil
जापान पश्चिम के साथ एकजुटता क्यों तोड़ रहा है?
- जबकि कई यूरोपीय देशों ने रूसी ऊर्जा आपूर्ति पर अपनी निर्भरता कम कर दी है, वहीं जापान ने पिछले एक साल में रूसी प्राकृतिक गैस की खरीद बढ़ा दी है। जापान एकमात्र G-7 राष्ट्र है जो यूक्रेन को घातक हथियारों की आपूर्ति नहीं करता है, और प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा रूस के आक्रमण के बाद यूक्रेन का दौरा करने वाले अंतिम G-7 नेता थे।
- जापान ने यू.एस. को उसे अपवाद के रूप में मानने हेतु सहमत होने के लिए मजबूर किया है क्योंकि उसे रूसी ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए इसकी आवश्यकता थी। यह रियायत जीवाश्म ईंधन के लिए रूस पर जापान की निर्भरता को दर्शाता है।
- जापान के पास अपने खुद के जीवाश्म ईंधन के भंडार लगभग न के बराबर हैं और वह अपनी अधिकांश बिजली के लिए आयातित प्राकृतिक गैस और कोयले पर निर्भर है।
- जापान के प्राकृतिक गैस आयात में लगभग दसवां हिस्सा रूस का है।
- जापान के तेल आयात का रूस के कुल तेल उत्पादन में बहुत कम योगदान है, जो 2022 में लगभग 10.7 मिलियन बैरल प्रति दिन था, और इस प्रकार यह क्रेमलिन के तेल राजस्व को प्रतिबंधित करने के पश्चिम के प्रयासों को महत्वपूर्ण रूप से कमज़ोर नहीं करता है।
- जापान को रूस के सुदूर पूर्व में सखालिन-2 परियोजना से खरीदे गए तेल की सीमा में छूट दी गई थी।
मूल्य सीमा (price cap) का भविष्य:
- माना जाता है कि भारत सहित कई देश रूस से तेल खरीदने के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल से अधिक का भुगतान कर रहे हैं।
- जैसे-जैसे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तेल मूल्य सीमा (CAP) व्यवस्था के हस्ताक्षरकर्ताओं के बीच भी दरार विकसित होने की संभावना अधिक होती जा रही है।
- तेल के व्यापारी लगाए गए प्रतिबंधों को तोड़ रहे हैं और उन खरीदारों के लिए रूस से आपूर्ति कर रहे हैं जो प्रति बैरल 60 डॉलर से अधिक का भुगतान करने को तैयार हैं।
- मूल्य सीमा (price cap) को जारी रखना मुश्किल हो सकता है क्योंकि यह मजबूत आर्थिक प्रोत्साहन के खिलाफ काम करता है और इतने बड़े, अपारदर्शी तेल बाजार में सभी शिपमेंट्स पर नज़र रखना असंभव है।
- हाल ही में, ओपेक और रूस ने अपने तेल उत्पादन में प्रति दिन 3.66 मिलियन बैरल की कटौती करने का फैसला किया, जिससे तेल की कीमतें 6% बढ़ गईं हैं।
- रूसी यूराल, रूस द्वारा बेचा जाने वाला प्रमुख कच्चा तेल भी 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर चढ़ गया, इस प्रकार पश्चिम की मूल्य सीमा को पार कर गया।
- इस प्रकार पश्चिम के लिए मूल्य सीमा को लागू करना कठिन है जो तेल की बढ़ती कीमतों के बावजूद रूस के तेल राजस्व को नियंत्रण में रखेगा।
सारांश:
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- रूस-यूक्रेन संघर्ष पर अधिक जानकारी के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:Russia-Ukraine Conflict
संपादकीय-द हिन्दू
संपादकीय:
भारत-भूटान संबंध:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
विषय: भारत और उसके पड़ोसी – संबंध
मुख्य परीक्षा:भारत पर भूटान-चीन गठजोड़ के प्रभाव।
प्रसंग:
- भूटान नरेश की भारत यात्रा।
भूमिका:
- भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने तीन दिवसीय यात्रा पर भारत का दौरा किया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत की।
- दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कई क्षेत्रों में सहयोग का विवरण प्रस्तुत किया।
मुख्य बातें:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने भारत-भूटान सीमा पर नवीनतम स्थिति के साथ-साथ चीन और भूटान के बीच सीमा वार्ता में प्रगति पर चर्चा की।
- भारत भूटान की अगली विकास योजनाओं का समर्थन करने और क्रेडिट की अतिरिक्त स्टैंडबाय लाइनों का विस्तार करने पर सहमत हो गया है।
- भूटान 2023 में सबसे कम विकसित देशों की सूची से बाहर निकलने के लिए तैयार है, और इसके 21वीं सदी के आर्थिक रोडमैप का लक्ष्य इसे अगले 10 वर्षों में 12,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ एक विकसित देश में बदलना है।
- भविष्य की साझेदारी में भूटान के राजा के नए “ट्रांसफॉर्म इनिशिएटिव” को ध्यान में रखते हुए अंतरिक्ष अनुसंधान, स्किलिंग, स्टार्टअप और STEM शिक्षा तथा भूटान के लिए एक नया इंटरनेट गेटवे शामिल हो सकते हैं।
अवसंरचना परियोजनाओं को प्रोत्साहन:
- लंबे समय से विलंबित परियोजनाओं (संकोश और पुनातसान्ग्छू) में तेजी लाने, सबसे पुरानी परियोजना, चुखा पर टैरिफ को संशोधित करने और बसोछू विद्युत परियोजना से बिजली खरीदने के लिए सरकार द्वारा भूटानी अनुरोधों पर विचार करने पर सहमत होने से जलविद्युत को बढ़ावा मिला।
- नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में जयगांव में ट्रकों के लिए एक एकीकृत चेकपॉइंट, तीसरे देश के नागरिकों के लिए एक चेकपॉइंट और कोकराझार से गेलेफू तक एक क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक शामिल है।
भूटान-चीन गठजोड़:
- भूटान-चीन गठजोड़ भारत के लिए चिंता का विषय रहा है, चीन के भूटान के साथ घनिष्ठ ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंध हैं।
- चीन भूटान के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, जो परंपरागत रूप से अपने आर्थिक और रणनीतिक समर्थन के लिए भारत पर निर्भर रहा है।
- भूटान में चीन का बढ़ता प्रभाव क्षेत्र में भारत की सामरिक उपस्थिति को कमजोर कर सकता है और भूटान पर भारत के प्रभाव को कमजोर कर सकता है। यह देखते हुए कि भूटान चीन के साथ सीमा साझा करता है, इसका भारत की सुरक्षा पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
- यह शक्ति के क्षेत्रीय संतुलन में बदलाव का कारण भी बन सकता है। भूटान में चीन के बढ़ते प्रभाव से इस क्षेत्र में चीन अधिक मुखर हो सकता है, जिसका अन्य पड़ोसी देशों के साथ भारत के संबंधों पर प्रभाव पड़ सकता है।
- भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग की इस टिप्पणी की पृष्ठभूमि में कि डोकलाम में सीमा विवाद को हल करने में चीन का बराबर का अधिकार है, भारत स्थिति की सूक्षमता से निगरानी कर रहा है।
- भारत के लिए इसके आर्थिक निहितार्थ भी हैं। जलविद्युत क्षेत्र में भूटान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार है, और चीन द्वारा भूटान में अपनी आर्थिक उपस्थिति बढ़ाने के किसी भी कदम का इस क्षेत्र में भारत के आर्थिक हितों पर प्रभाव पड़ सकता है।
डोकलाम गतिरोध के बाद से भारत-भूटान संबंध:
- 2017 में डोकलाम गतिरोध भारत और चीन के बीच एक तनावपूर्ण सैन्य गतिरोध था, जिसमें भूटान भी शामिल था, क्योंकि विवादित क्षेत्र पर भूटान और चीन दोनों द्वारा दावा किया गया था।
- गतिरोध ने भारत के लिए भूटान के सामरिक महत्व और क्षेत्र में चीन की बढ़ती मुखरता पर प्रकाश डाला।
- डोकलाम गतिरोध के बाद से, चीन के साथ सीमा मुद्दे पर चर्चा करने की भूटान की इच्छा में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है। भूटान ने परंपरागत रूप से अपनी विदेश नीति में एक सतर्क दृष्टिकोण का पालन किया है और अपने आर्थिक और रणनीतिक समर्थन के लिए भारत पर भरोसा किया है।
- भूटान ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से चीन के साथ सीमा मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की अपनी स्थिति को बनाए रखा है। भूटान ने सीमा मुद्दे से संबंधित किसी भी चर्चा में अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व पर भी जोर दिया है।
भावी कदम:
- भारत और भूटान के बीच एक मजबूत और स्थायी साझेदारी बनाए रखने के लिए विश्वास का निर्माण आवश्यक है।
- दोनों देशों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पर्यटन जैसे अधिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने से भारत और भूटान के लोगों के बीच समझ और विश्वास निर्माण करने में मदद मिल सकती है।
- व्यापार और निवेश को बढ़ाकर दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंधों का निर्माण आपसी लाभ को बढ़ावा दे सकता है और विश्वास का निर्माण कर सकता है।
- भारत आधारभूत संरचना, स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास सहित अपने विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में भूटान को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करना जारी रख सकता है।
- आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग करके भारत और भूटान इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
भारत-भूटान संबंधों के बारे में और पढ़ें: India-Bhutan Relations
सारांश:
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प्रीलिम्स तथ्य:
1. भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:
विषय: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी,विकास एवं अनुप्रयोग।
प्रारंभिक परीक्षा: इसरो; इन-स्पेस (IN-SPACe)
प्रसंग:
- केंद्र सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी।
मुख्य विवरण:
- सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने 06 अप्रैल, 2023 को भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को संस्थागत बनाना है, जिसमें इसरो (ISRO) उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
- नीति इसरो, अंतरिक्ष क्षेत्र के PSU न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को चित्रित करती है।
- यह निजी क्षेत्र को एंड-टू-एंड अंतरिक्ष गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देगा जिसमें उपग्रहों, रॉकेटों और प्रक्षेपण यानों का निर्माण और डेटा संग्रह शामिल है।
- भारत ने 2020 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) की स्थापना के साथ ही निजी भागीदारों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया, जो मामले के आधार पर सभी अनुमोदन और संसाधन साझा करने के लिए एकल खिड़की प्रदान करता है।
2.पीडीएस के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल:
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
कृषि:
विषय: जन वितरण प्रणाली।
प्रारंभिक परीक्षा: चावल का फोर्टीफिकेशन; सिकल-सेल एनीमिया; सार्वजनिक वितरण प्रणाली।
प्रसंग:
- PDS के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण।
मुख्य विवरण:
- भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण सरकार द्वारा समाज के गरीब और कमजोर वर्गों के बीच कुपोषण के मुद्दे को दूर करने के लिए कि गई एक सतत पहल है।
- आयरन, जिंक और विटामिन A जैसे आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों से युक्त फोर्टिफाइड चावल भारत के कई राज्यों में PDS के माध्यम से वितरित किया जा रहा है।
- PDS के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल का वितरण पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। सरकार ने 2024 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को PDS के माध्यम से फोर्टीफाइड चावल वितरित करने का लक्ष्य रखा है।
- 27 राज्यों में कुल 269 जिलों ने लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (TPDS) के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर दिया है, जिससे चावल फोर्टिफिकेशन कार्यक्रम में मार्च 2023 तक द्वितीय चरण के लिए निर्धारित 100% लक्ष्य प्राप्त हो गया है।
- TPDS के माध्यम से फोर्टिफाइड चावल के वितरण से कुपोषण को कम करने और समाज के गरीब और कमजोर वर्गों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- ऑनलाइन गेमिंग का विनियमन:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने “ऑनलाइन रियल मनी गेम”, जिसमें उपयोगकर्ताओं को खेलने के लिए मौद्रिक जोखिम उठाना पड़ता है, को विनियमित करने के लिए आईटी नियम, 2021 में संशोधन किया हैं।
- संशोधित नियम सट्टेबाजी और दांव लगाने वाले किसी भी खेल पर रोक लगाते हैं, और वास्तविक धन के खेल की अनुमति है या नहीं यह निर्धारित करने के लिए यह कई स्व-नियामक संगठनों (SROs) के एक ढांचे को शामिल करता है जिसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधि, शिक्षाविद और अन्य विशेषज्ञ जैसे बाल विशेषज्ञ, मनोविज्ञान विशेषज्ञ आदि शामिल हैं।
- सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 रियल मनी गेमिंग प्लेटफार्मों के लिए एक स्व-नियामक निकाय (SRB) के समक्ष स्वयं का पंजीकरण कराना आवश्यकता करता है जो यह निर्धारित करेगा कि खेल “अनुमत” है या नहीं।
- नियमों के तहत, SROs को अपनी वेबसाइट पर गेमिंग की लत, वित्तीय नुकसान और वित्तीय धोखाधड़ी के जोखिम के खिलाफ उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एक रूपरेखा प्रकाशित करनी होगी।
- फ्रेमवर्क में एक गेमिंग सत्र के लिए एक उचित अवधि से परे उच्च आवृत्ति पर बार-बार चेतावनी संदेश शामिल होना चाहिए और समय या खर्च किए गए धन के लिए उपयोगकर्ता द्वारा निर्धारित सीमा तक पहुंचने पर उपयोगकर्ता को खुद को बाहर करने में सक्षम बनाने का प्रावधान होना चाहिए।
- सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सट्टेबाजी और जुआ प्लेटफार्मों के विज्ञापनों को प्रसारित करने के खिलाफ एक नई सलाहकारी चेतावनी मीडिया संस्थाओं, प्लेटफार्मों और ऑनलाइन मध्यस्थों के लिए जारी की है।
- पुराने (सेकेंड हैंड) सामान का आयात:
- विदेश व्यापार नीति 2023 ( Foreign Trade Policy 2023) में पुराने सामानों के लिए आयात नीति मरम्मत, नवीनीकरण, री-कंडीशनिंग या री-इंजीनियरिंग और उन्हें फिर से निर्यात करने के इरादे से देश में लाए गए सामानों के लिए अप्रतिबंधित आयात की एक नई श्रेणी की रूपरेखा तैयार करती है।
- यह कुछ प्रतिबंधों के साथ प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सामानों के आयात का मार्ग भी प्रशस्त करती है।
- इस तरह के आयात आयातकों के लिए सशर्त होंगे, यह सुनिश्चित करने के लिए कि मरम्मत या नवीनीकरण प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न किसी भी कचरे के साथ घरेलू कानूनों और पर्यावरण, सुरक्षा और स्वास्थ्य मानदंडों के अनुसार व्यवहार किया जाएगा।
- इस कदम से पुन: निर्यात के लिए मरम्मत और नवीनीकरण गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. आरबीआई की मौद्रिक नीति के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – सरल)
- मई 2015 में, देश के मौद्रिक नीति ढांचे को संचालित करने के लिए केंद्रीय बैंक को एक विधायी अधिदेश प्रदान करने के लिए RBI अधिनियम में संशोधन किया गया था।
- मौद्रिक नीति समिति का निर्णय बैंक पर बाध्यकारी होगा।
- अधिनियम की धारा 45ZB कहती है कि MPC में 5 सदस्य होंगे।
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) केवल एक कथन गलत है
(b) केवल दो कथन गलत हैं
(c) सभी कथन गलत हैं
(d) कोई भी कथन गलत नहीं है
उत्तर: b
व्याख्या:
- कथन 01 गलत है: भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (आरबीआई अधिनियम) को मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) के लिए एक वैधानिक और संस्थागत ढांचा प्रदान करने के लिए वित्त अधिनियम, 2016 द्वारा संशोधित किया गया है।
- कथन 02 सही है: धारा 45ZB कहती है कि “मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक नीति दर निर्धारित करेगी”। मौद्रिक नीति समिति का निर्णय बैंक पर बाध्यकारी होगा।
- कथन 03 गलत है: संशोधित आरबीआई अधिनियम, 1934 की धारा 45ZB आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा केंद्र सरकार द्वारा गठित छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) के लिए अधिकार प्रदान करती है। इस तरह की पहली MPC का गठन 29 सितंबर, 2016 को किया गया था।
प्रश्न 2. विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – मध्यम)
- यह अधिनियम चुनावों के उम्मीदवारों, पत्रकारों या अखबारों और मीडिया प्रसारण कंपनियों, न्यायाधीशों और सरकारी कर्मचारियों, विधायिका और राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके पदाधिकारियों, और राजनीतिक प्रकृति के संगठनों द्वारा विदेशी धन की प्राप्ति पर रोक लगाता है।
- एक बार किसी NGO का पंजीकरण रद्द हो जाने के बाद, वह पांच साल के लिए पुनः पंजीकरण के लिए पात्र नहीं होता है।
- आवेदक पर साम्प्रदायिक तनाव या वैमनस्य पैदा करने के लिए अभियोजित नहीं होना चाहिए या उसे दोषी नहीं ठहराया गया हो।
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: a
व्याख्या:
- कथन 01 सही है: विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (Foreign Contribution Regulation Act ) चुनावों के लिए उम्मीदवारों, पत्रकारों या समाचार पत्रों और मीडिया प्रसारण कंपनियों, न्यायाधीशों और सरकारी कर्मचारियों, विधायिका और राजनीतिक दलों के सदस्यों या उनके पदाधिकारियों, और एक राजनीतिक प्रकृति के संगठनों द्वारा विदेशी धन की प्राप्ति पर रोक लगाता है।
- कथन 02 गलत है: केंद्र सरकार किसी भी NGO का FCRA पंजीकरण रद्द कर सकती है यदि यह पाया जाता है कि NGO अधिनियम का उल्लंघन कर रहा है, यदि यह लगातार दो वर्षों तक समाज के लाभ के लिए अपने चुने हुए क्षेत्र में किसी भी उचित गतिविधि में शामिल नहीं हुआ है, या यदि यह निष्क्रिय हो गया है।
- एक बार किसी NGO का पंजीकरण रद्द हो जाने के बाद, वह तीन साल के लिए फिर से पंजीकरण के लिए पात्र नहीं होता है।
- कथन 03 सही है: FCRA के अनुसार, आवेदक एक वास्तविक व्यक्ति होना चाहिए और किसी को एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तित करने के लिए प्रलोभन या बल का उपयोग करने के लिए उस पर मुकदमा नहीं चलाया गया हो या उसे दोषी नहीं ठहराया गया हो। इसके अतिरिक्त, उन्हें सांप्रदायिक तनाव या वैमनस्य पैदा करने में शामिल नहीं होना चाहिए और देशद्रोह के प्रचार में शामिल नहीं होना चाहिए या उनके शामिल होने की संभावना नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 3. निम्नलिखित में से कौन-सा / कौन-से स्थान पर्यटन मंत्रालय की ‘सप्त मोक्ष पुरी’ पहल में शामिल है / हैं? (स्तर – कठिन)
- अयोध्या
- मथुरा
- माया (हरिद्वार)
- काशी (वाराणसी)
- कांची अवंतिका (उज्जैन)
- पुरी
- केदारनाथ
सही कूट का चयन कीजिए:
(a) केवल 1, 4 और 5
(b) केवल 1, 2, 3, 4, 5 और 6
(c) केवल 2, 4, 5, 6 और 7
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर: b
व्याख्या:
- पर्यटन मंत्रालय भारत के पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दे रहा है, जिसमें सप्त मोक्ष पुरी (सात मुक्ति स्थल), अर्थात अयोध्या, मथुरा, माया (हरिद्वार), काशी (वाराणसी), कांची अवंतिका (उज्जैन), पुरी (ओडिशा) और द्वारावती (द्वारका, गुजरात), समग्र रूप से शामिल हैं।
- यह देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और डिजिटल मीडिया के माध्यम से घरेलू और वैश्विक बाजारों में प्रचार अभियान चलाता है।
प्रश्न 4. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने का मानदंड नहीं है? (स्तर – सरल)
(a) वह दल चार या अधिक राज्यों में ‘मान्यता प्राप्त’ हो।
(b) यदि दल के उम्मीदवारों ने कम से कम 4 राज्यों (नवीनतम लोकसभा या विधानसभा चुनावों में) में कुल वैध मतों का कम से कम 6% प्राप्त किया है और दल के पिछले लोकसभा चुनावों में कम से कम 4 सांसद हैं।
(c) यदि दल ने कम से कम 3 राज्यों से लोकसभा की कुल सीटों में से कम से कम 2% सीटें जीती हों।
(d) यदि वह दल लोकसभा के आम चुनाव में देश में डाले गए कुल वैध मतों का 8% प्राप्त करता है।
उत्तर: d
व्याख्या:
भारत के चुनाव आयोग के अनुसार, एक राजनीतिक दल एक राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने के योग्य होगा यदि: –
- यह लोकसभा या राज्य विधानसभा के आम चुनाव में किन्हीं चार या अधिक राज्यों में डाले गए वैध मतों का कम से कम 06 प्रतिशत प्राप्त कर लेता है; और
- इसके अलावा, वह किसी भी राज्य या राज्यों से लोकसभा में कम से कम चार सीटें जीतता है। या,
- वह लोकसभा में कम से कम दो प्रतिशत (2%) सीटें जीतता है और ये सदस्य कम से कम तीन अलग-अलग राज्यों से चुने जाते हैं।
- एक दल को चार या अधिक राज्यों में राज्य दल के रूप में मान्यता प्राप्त होती है।
प्रश्न 5. स्वतंत्र भारत में भूमि सुधारों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (स्तर – मध्यम) (PYQ-CSE-2019)
(a) हदबंदी कानून पारिवारिक जोत पर केन्द्रित थे, न कि व्यक्तिगत जोत पर।
(b) भूमि सुधारों का प्रमुख उद्देश्य सभी भूमिहीनों को कृषि भूमि प्रदान करना था।
(c) इसके परिणामस्वरूप नकदी फसलों की खेती, कृषि का प्रमुख रूप बन गई।
(d) भूमि सुधारों ने हदबंदी सीमाओं को किसी भी प्रकार की छूट की अनुमति नहीं दी।
उत्तर: b
व्याख्या:
- अधिकांश राज्यों में, शुरू में, हदबंदी व्यक्तिगत जोतों पर लगाई गई थीं न कि पारिवारिक जोतों पर, जिससे भूस्वामियों को हदबंदी से बचने के लिए रिश्तेदारों के नाम पर अपनी जोतों को ‘काल्पनिक’ रूप से विभाजित करने का अवसर मिल गया। अत: विकल्प a गलत है।
- दूसरी योजना द्वारा भूमि की कुछ श्रेणियों को हदबंदी से छूट दिए जाने की अनुशंसा के बाद अधिकांश राज्यों द्वारा हदबंदी में बड़ी संख्या में छूट की अनुमति दी गई थी। ये चाय, कॉफी और रबर के बागान, बाग, विशेष खेत आदि थे। इसलिए, विकल्प d गलत है।
- C एक ‘अतिशयोक्ति’पूर्ण गलत कथन है। भारत में नकदी फसल की खेती के प्रमुख फसल होने के लिए भूमि सुधार जिम्मेदार नहीं है। इसके अलावा, भारत के अधिकांश क्षेत्रों में खाद्यान्न और अनाज की फसलें उगाई जाती हैं (न कि नकदी फसलें) – आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 की तालिका 3, पृष्ठ 101 के अनुसार। इस प्रकार, b सबसे उपयुक्त उत्तर है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. फ़र्ज़ी ख़बरों और ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग को विनियमित करने के संबंध में आईटी नियमों में हाल ही में किए गए संशोधन का परीक्षण कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-3, सुरक्षा]
प्रश्न 2. भारत और भूटान एक अनुकरणीय संबंध साझा करते हैं लेकिन चीन के साथ भूटान की सीमा वार्ता ने भारतीय पक्ष के लिए चिंता बढ़ा दी है। मूल्यांकन कीजिए। (15 अंक, 250 शब्द) [जीएस-2, अंतर्राष्ट्रीय संबंध]