12 फरवरी 2023 : समाचार विश्लेषण
A.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। B.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित: राजव्यवस्था और शासन:
स्वास्थ्य:
C.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित: भारतीय अर्थव्यवस्था:
D.सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 4 से संबंधित: आज इससे संबंधित कुछ नहीं है। E.सम्पादकीय: भूगोल
अंतरराष्ट्रीय संबंध:
F. प्रीलिम्स तथ्य:
G.महत्वपूर्ण तथ्य: 1. अगस्त्यरकुडम की खोई हुई वेधशाला H. UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न: I. UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न : |
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सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
प्रतिभू, जमानत बांड प्रस्तुत करने में असमर्थ विचाराधीन कैदियों के लिए SC ने कदम उठाए:
राजव्यवस्था और शासन:
विषय: महत्वपूर्ण न्यायिक मामले।
मुख्य परीक्षा: विचाराधीन कैदियों के मुद्दे।
प्रसंग :
- उच्चतम न्यायालय ने गरीब विचाराधीन कैदियों के लिए कई सिफारिशें कीं।
विवरण:
- भारत के उच्चतम न्यायालय ने उन गरीब विचाराधीन कैदियों के लिए कई निर्देश दिए जिन्हें जमानत दी गई है लेकिन जमानत और जमानत बांड भरने के लिए वे सक्षम नहीं हैं। इसने यह सुनिश्चित करने के प्रावधान किए हैं कि उन्हें जमानत के सात दिनों के भीतर रिहा कर दिया जाए।
- शीर्ष न्यायालय ने “अस्थायी जमानत” का भी सुझाव दिया है ताकि विचाराधीन कैदी बाहर जा सकें और जमानत बांड और जमानत की व्यवस्था कर सकें।
- राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) [National Legal Services Authority’s (NALSA)]की रिपोर्ट (जनवरी 2023) के अनुसार, लगभग 5000 विचाराधीन कैदी अदालतों द्वारा जमानत दिए जाने के बावजूद जेल में बंद थे। लगभग 2357 (5000 में से) को कानूनी सहायता प्रदान की गई और 1417 को रिहा कर दिया गया।
- हालाँकि, कैदियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन आज भी जारी है।
अन्य विवरण:
- NALSA और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (NIC) ई-जेल (e-prisons) सॉफ़्टवेयर (भारत में 1300 जेलों में उपयोग किया जाता है) में संशोधन करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं ताकि डिजिटल रूप से “जमानत-लेकिन-रिहाई नहीं” नामक एक विशिष्ट श्रेणी को पहचाना जा सके।
- NALSA की रिपोर्ट के आधार पर, उच्चतम न्यायालय ने सात निर्देश जारी किए ताकि कोई भी जमानत प्राप्त विचाराधीन कैदी गरीबी के कारण पीड़ित न हो। इनमें से कुछ प्रावधान इस प्रकार हैं:
- न्यायालयों को उसी दिन या अगले दिन जेल अधिकारियों को जमानत के आदेशों की सॉफ्ट कॉपी भेजनी चाहिए।
- जेल अधीक्षक को सलाह दी जाती है कि ई-जेल सॉफ्टवेयर में जमानत की तिथि दर्ज करें।
- यदि विचाराधीन कैदी को जमानत मिलने के सात दिनों के भीतर रिहा नहीं किया जाता है, तो यह जेल अधिकारियों का कर्तव्य है कि वह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) को सूचित करें।
- ई-जेल सॉफ्टवेयर में बदलाव की भी आवश्यकता होगी जैसे सचिव DLSA को एक स्वचालित मेल भेजना (यदि सात दिनों में रिहाई नहीं होती है)।
- पैरालीगल स्वयंसेवकों या परिवीक्षा अधिकारियों को कैदियों की आर्थिक स्थिति का आकलन करना चाहिए तथा जमानत की शर्तों में ढील देने के अनुरोध के साथ इसे न्यायालयों के सामने रखना चाहिए।
- यदि जमानत देने के एक महीने के भीतर जमानत बांड प्रस्तुत नहीं किया जाता है, तो न्यायालय स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले को ले सकती है और जमानत की शर्तों में संशोधन/छूट की समीक्षा कर सकती है।
- यह भी कहा गया कि न्यायालयों को स्थानीय जमानत पर जोर देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि उनकी उपलब्धता अक्सर ज़मानत बंदियों को रिहा करने में देरी का कारण रही है।
सारांश: NALSA की रिपोर्ट के आधार पर, उच्चतम न्यायालय ने उन गरीब अंडर ट्रायल कैदियों, जिन्हें जमानत मिल गई है, के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए। जमानत और जमानत बांड की व्यवस्था करने के लिए अस्थायी जमानत की सुविधा के लिए भी सुझाव दिए गए थे।
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2 से संबंधित:
H5N1 का स्तनधारियों में प्रसार तथा इसकी महामारी क्षमता:
स्वास्थ्य:
विषय: स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दे।
प्रारंभिक परीक्षा: H5N1
मुख्य परीक्षा: H5N1 का प्रकोप।
विवरण:
- एवियन इन्फ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) एक अत्यधिक संक्रामक विषाणुजनित संक्रमण है जो पक्षियों को प्रभावित करता है। हालांकि, शायद ही कभी यह स्पिलओवर नामक घटना के माध्यम से स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है और उनके बीच फैल सकता है।
- एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के विभिन्न उप-प्रकार हैं जो कम रोगजनक से लेकर अत्यधिक रोगजनक प्रकार के हैं। अत्यधिक रोगजनक उप-प्रकारों में से एक H5N1 है।
- पक्षियों में गंभीर बीमारी तथा मृत्यु का कारण बनने के अलावा, H5N1 संक्रमित पक्षियों या दूषित वातावरण के निकट संपर्क के माध्यम से मानव संक्रमण का भी कारण बना है। यह अक्सर घातक होता है।
- स्तनधारियों के बीच H5N1 के प्रसार के कई मामले सामने आए हैं। मनुष्यों के बीच इसके प्रसार और मानव महामारी के जोखिमों के बारे में चिंता व्यक्त की जाती है।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें Avian Influenza (Bird Flu) | Facts for UPSC Science and Technology
संबद्ध चिंताएं:
- संक्रमित पक्षियों या उनके मल के साथ संपर्क के दौरान या संक्रमित शवों का सेवन करते समय H5N1 संभावित रूप से स्तनधारियों जैसे फेरेट्स, मिंक, सील तथा घरेलू बिल्लियों को प्रभावित कर सकता है।
- वे आगे भंडार के रूप में काम कर सकते हैं। इसके अलावा, विषाणु नए होस्ट के अनुकूल होने के लिए विकसित हो सकता है और इससे आगे प्रकोप फ़ैल सकता है।
- रूस के कैस्पियन सागर तट पर, लगभग 700 सील की सामूहिक मृत्यु की घटना हुई । वैज्ञानिक संभावित स्तनधारी स्पिलओवर की जांच कर रहे हैं क्योंकि कुछ महीने पहले इस क्षेत्र के जंगली पक्षियों में H5N1 प्रकार का पता चला था।
- इसी तरह, फरवरी 2023 में, पेरू में समुद्री लियोन और एक डॉल्फिन में H5N1 के मामले दर्ज किए गए। इसके अतिरिक्त, एक चिड़ियाघर में एक शेर की भी मृत्यु H5N1 से हो गई।
- U.K ने H5N1 संक्रमण के कारण ऊदबिलाव और लोमड़ियों की मौत के मामलों की सूचना दी।
- विशेष रूप से, लोमड़ियों, कायोटीस और रैकून से लेकर वन्यजीव संक्रमित पक्षियों या पक्षियों के शवों का भक्षण करते हैं।
- यह पाया गया कि विषाणु के अन्तः- स्तनपायी संचरण की घटनाएं केवल स्पेन में एक खेत में (2022 में) मिंक के बीच दर्ज की गईं।
- H5N1 के प्रकोप के कारण गंभीर आर्थिक प्रभाव पड़ते हैं जैसे
- पोल्ट्री उद्योग को भारी नुकसान
- भोजन और टीके की सुरक्षा को खतरा (अंडे का उपयोग टीके के उत्पादन के लिए किया जाता है)
- पशु कल्याण के बारे में चिंता
विश्व भर में कुछ प्रकोपों का विवरण:
- H5N1 एवियन इन्फ्लूएंजा विषाणु का पहला मामला 1996 में चीन के एक बत्तख के फार्म में पाया गया था।
- इसके बाद 1997 में हांगकांग में पोल्ट्री में इसका वृहद प्रकोप देखा गया। यह मानव आबादी में भी फैल गया और 6 लोगों की मौत हो गई और 18 संक्रमित हो गए।
- वर्ष 2004 में, एशिया के कई देशों में इसका प्रकोप हुआ, जिसके परिणामस्वरूप वैश्विक प्रकोप हुआ।
- कई यूरोपीय और एशियाई देशों ने 2013 और 2014 में पोल्ट्री में H5N1 की सूचना दी।
- प्रमुख रूप से प्रवासी पक्षियों के कारण यह विषाणु अन्य देशों में फैला।
- मानव H5N1 संक्रमण के लगभग 800 मामले 53% की उच्च मृत्यु दर के साथ दर्ज किए गए हैं (फरवरी 2023 तक) ।
- 2020 में 2.3.4.4B नामक एक नया स्ट्रेन उभरा। यह एशिया, अफ्रीका और यूरोप और बाद में उत्तर (2021) तथा दक्षिण अमेरिका (2022) में फैल गया।
- यह पाया गया कि स्पेन में मिंक फार्म से अनुक्रमित H5N1 में T271A जैसे कई म्यूटेशन हुए जो स्तनधारी ऊतकों में विषाणु प्रतिकृति को बढ़ाते हैं।
भावी कदम:
- प्रकोप और स्पिलओवर को रोकने के लिए, निम्नलिखित उपायों की आवश्यकता है:
- पोल्ट्री का टीकाकरण
- मृत पक्षियों या शवों का सुरक्षित निपटान
- प्रभावित पशुओं को क्वारंटाइन करना और उन्हें मारना
- पक्षियों को संभालते समय व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण का उपयोग करना।
- पक्षियों और अन्य पशुओं का बेहतर पर्यवेक्षण और निगरानी
- प्रकोपों को समझने और प्रतिक्रिया देने के लिए H5N1 और इसके उप-प्रकारों की आणविक निगरानी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, उत्परिवर्तन और विषाणु कारकों पर कड़ी नजर रखने के लिए जीनोम अनुक्रमण का उपयोग किया जा सकता है।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें What is Genome – Brief Facts | UPSC | BYJU’S
सारांश:
दुनिया भर में H5N1 विषाणु के प्रसार की कई घटनाएं सामने आई हैं। एक एकीकृत दृष्टिकोण के रूप में रोग और जीनोमिक निगरानी के साथ भविष्य के प्रकोप पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है, क्योंकि यह संभावित महामारियों के लिए तैयारी करने में मदद कर सकता है।
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 3 से संबंधित:
स्वस्थ भविष्य के लिए मोटे अनाज
भारतीय अर्थव्यवस्था:
विषय: कृषि-मोटे अनाज।
मुख्य परीक्षा: मोटे अनाजों का महत्व।
विवरण:
- यह देखा गया कि मनुष्यों द्वारा उपभोग की जाने वाली कुल कैलोरी का आधा मक्का, चावल और गेहूं से प्राप्त होता है। मनुष्य अपनी पोषण संबंधी जरूरतों के 80% के लिए 13 फसलों पर निर्भर है।
- यह तर्क दिया जाता है कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित वर्षा और चरम मौसम के कारण ऐसी फसलों की सूची घट जाएगी।
- इस प्रकार सुदृढ़; प्रजातियों को विकसित करने की आवश्यकता है। इस संबंध में मोटे अनाज महत्वपूर्ण हैं।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें Yojana Magazine Gist for UPSC Exam: January 2023 Issue
मोटे अनाज का पृष्ठभूमि विवरण:
- एशिया और अफ्रीका में, मोटा अनाज 10000 से अधिक वर्षों से मुख्य भोजन रहा है।
- मोटा अनाज पौष्टिक रूप से बहुत समृद्ध होता है तथा इसमें प्रोटीन, आहार फाइबर, विटामिन बी, तथा कई धातु आयन होते हैं जिनकी अक्सर चावल जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों में कमी होती है।
- कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत हर साल लगभग 12 मिलियन मीट्रिक टन मोटे अनाज का उत्पादन करता है।
- भारत दुनिया में मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक है जिसके बाद चीन और नाइजर का स्थान है।
- खाद्य और कृषि संगठन (FAO/UNO) ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटे अनाज वर्ष ( international year of millets) घोषित किया है। भारत इस दिशा में कई पहलें कर रहा है।
इस लेख में उपर्युक्त विषय पर विस्तृत विवरण दिया गया है: 31 Jan 2023: UPSC Exam Comprehensive News Analysis
सारांश:
- जलवायु परिवर्तन से दुनिया के बड़े हिस्से में फसल की खेती में बाधा आएगी। इससे निपटने के लिए बाजरा की खेती को बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि यह अपने जलवायु लचीलापन और भारी पोषण मूल्य के कारण लाभदायक है।
संपादकीय-द हिन्दू
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 1
भूगोल
तुर्की के भूकंप इतने घातक क्यों थे?
विषय: भूकंप जैसी महत्वपूर्ण भूभौतिकीय घटनाएं।
प्रारंभिक परीक्षा: तुर्की और सीरिया में भूकंप।
मुख्य परीक्षा: भूकंप।
प्रसंग: 6 फरवरी, 2023 को तुर्की और सीरिया में आए भूकंप।
विवरण:
- तुर्की और सीरिया में 7.8 और 7.5 तीव्रता के दो बड़े भूकंप आए जिसमें 17000 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी।
- इसके बाद लगभग 200 झटके (Aftershocks) आए, यहां तक कि पहली घटना के तीन दिन बाद 6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
भूकंप:
- भूकंप की उत्पत्ति लगातार गतिमान विवर्तनिक प्लेटों की दरारों से ऊर्जा की निर्मुक्ति के कारण होती है।
- दाब में असंतुलन के कारण दरारों के दोनों ओर चट्टानें पुनः समायोजित हो जाती हैं और ऊर्जा मुक्त हो जाती है।
- निर्मुक्त ऊर्जा तरंगों के रूप में प्रवाहित होती है जिससे भूमि में कम्पन होता है।
- हर साल जमा होने वाले “स्लिप” या “स्ट्रेन” के आधार पर वैज्ञानिक दरार के साथ अव्यक्त दाब निर्माण का अनुमान लगा सकते हैं। हालाँकि, घटना के दिन की भविष्यवाणी करना ज्ञान से परे है।
भूकंप पर विस्तृत जानकारी के लिए लिंक को पढ़ें: NCERT Notes: Earthquake – Body Waves, Causes & Types [Geography Notes For UPSC]
तुर्की और सीरिया में भूकंप:
- विशेष रूप से, तुर्की और सीरिया तीन विवर्तनिक प्लेटों अरेबियन प्लेट, अनातोलियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के संगम पर स्थित है। यह इसे भूकंपीय रूप से अत्यधिक सक्रिय क्षेत्र बनाता है।
- तुर्की का एक बड़ा हिस्सा अनातोलियन प्लेट के दो प्रमुख भ्रंशों उत्तरी अनातोलियन भ्रंश और पूर्व अनातोलियन भ्रंश के बीच स्थित है ।
स्रोत :BBC
- यह देखा गया है कि अरेबियन प्लेट उत्तर में यूरोप की ओर बढ़ रही है, जिससे अनातोलियन प्लेट पश्चिम की ओर खिसक रही है।
- भू वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में भूकंप “स्ट्राइक-स्लिप फॉल्ट” से आते हैं।
- इस क्षेत्र में लगभग 190 किमी लंबा भ्रंश है। 6 फरवरी 2023 को आए भूकंप के इतने अधिक प्रभाव का यही कारण है।
- एक और भूकंप (7.5 परिमाण) आसन्न भ्रंश प्रणाली पर हुआ जिसे सर्गु भ्रंश कहा जाता है।
- दो भूकंपों (7.8 और 7.5) के विशाल परिमाण का अर्थ है कि व्यापक दायरे में कई झटके दर्ज किए जाएंगे। ये झटके काहिरा (950 किमी दूर) और इस्तांबुल (815 किमी दूर) में भी अनुभव किए गए हैं।
- एक विशेषज्ञ द्वारा इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि तुर्की-सीरिया के भूकंपों में, लगभग 300 वर्षों के संचित तनाव से ऊर्जा निकली थी।
अतिरिक्त जानकारी के लिए यह भी पढ़ें: Difference between Folding and Faulting in Tabular Format
भारत में भूकंप:
- भारत के हिमालय क्षेत्र में भूकंप प्रतिलोम भ्रंश के कारण आते हैं। यह भारतीय और यूरेशियाई प्लेटों के आपस में टकराने से उत्पन्न संपीडक बलों के कारण होता है।
- वैज्ञानिकों ने भारत के गढ़वाल-कुमाऊं श्रेणियों में बड़े पैमाने के भूकंप की चेतावनी दी है।
भूकंप की तैयारी:
- चिली में 9 से ऊपर की तीव्रता के विनाशकारी भूकंपों का एक लंबा इतिहास रहा है, इसको भूकंप की तैयारी के लिए सबसे अच्छा मॉडल माना जाता है।
- 2014 और 2015 में देश में हताहतों की संख्या न्यूनतम थी (8 से ऊपर परिमाण) क्योंकि यहाँ भवन निर्माण संहिता का सख्ती से पालन किया जाता है।
- जापान अपनी संरचनाओं को भूकंपरोधी बनाने के लिए भी जाना जाता है। उदाहरण के लिए, 2011 में जापान के फुकुशिमा प्रीफेक्चर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र में सुनामी और विकिरण रिसाव के कारण 9-तीव्रता का भूकंप, संरचनाओं की स्थिरता को नुकसान नहीं पहुंचा सका।
- तुर्की और लातूर, भारत (1993) में भवन निर्माण संहिता के प्रवर्तन की कमी और अपर्याप्त भूकंप-प्रूफिंग बड़े पैमाने पर मौत और तबाही के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं।
संबंधित लिंक:
सारांश:
तुर्की और सीरिया में भूकंप के कारण बड़े पैमाने पर मौतें और तबाही हुई है। यह रेखांकित किया गया है कि यह क्षेत्र तीन टेक्टोनिक प्लेटों (अरेबियन प्लेट, एनाटोलियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट) के संगम पर स्थित है। ऐसी अपेक्षा की जाती है कि इस तरह के विवर्तनिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों को सख्त भवन निर्माण संहिता और भूकंप रोधी उपायों का पालन करना चाहिए।
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
सरकार किस प्रकार सीमा अवसंरचना का तेजी से विकास कर रही है?
विषय:भारत और पड़ोसी संबंध।
मुख्य परीक्षा: पड़ोसी देशों के साथ सीमा अवसंरचना और अवसंरचना परियोजनाएं।
प्रसंग : विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा सीमा अवसंरचना परियोजनाओं का विवरण साझा किया गया था।
विवरण:
- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर द्वारा सीमा अवसंरचना के विकास और कनेक्टिविटी का विवरण साझा किया गया।
- यह उत्तर और पूर्व में चीन के साथ भारत की 3488 किलोमीटर लंबी सीमा (वास्तविक नियंत्रण रेखा या LAC) के साथ विभिन्न पहलों पर केंद्रित है। इसमें भारत को बांग्लादेश, भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे “मित्रवत” पड़ोसी देशों से जोड़ने वाली परियोजनाओं के बारे में विवरण शामिल है।
- इस विवरण को साझा करने का उद्देश्य संसदीय सत्र के दौरान भारत-चीन स्थिति पर विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देना था।
- यह भी कहा जाता है कि रिपोर्ट को एक आधिकारिक सुरक्षा सम्मेलन की रिपोर्ट की प्रतिक्रिया के रूप में जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि भारतीय सेना ने 2020 से LAC के साथ 65 में से 26 गश्त बिंदुओं तक पहुंच खो दी है।
- प्रिंट मीडिया में यह भी बताया गया कि PLA के सैनिकों ने कुछ बिंदुओं पर अतिक्रमण किया है। जबकि अन्य जगहों पर आपसी समझौते के चलते विवाद को टालने के लिए पेट्रोलिंग रोक दी गई है।
अतिरिक्त जानकारी के लिए यह भी पढ़े: India-China Conflict – Galwan Valley Clash. Detailed Analysis & Summary for IAS
वार्ता के दौरान प्रमुख पहलें:
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि एक बहुआयामी दृष्टिकोण का पालन किया जा रहा है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- सड़कों, पुलों और सुरंगों के माध्यम से कनेक्टिविटी बढ़ाना,
- राजमार्गों, अंतर्देशीय जलमार्गों, रेलमार्गों, बिजली लाइनों और ईंधन पाइप लाइन के माध्यम से पड़ोसी देशों के लिए सीमा पार संपर्क बढ़ाना
- सभी सीमाओं पर एकीकृत चेक पोस्ट (ICPs) विकसित करना
- सरकार ने दावा किया कि उसने कई परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी लाई है और उन्हें पूरा किया है। उदाहरण के लिए, 2014 से 2022 तक भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में लगभग 6806 किमी सड़कों का निर्माण किया गया है।
- रिपोर्ट में पड़ोसी देशों में विभिन्न परियोजनाओं को भी सूचीबद्ध किया गया है जैसे:
- नेपाल और बांग्लादेश को जोड़ने वाली रेलवे।
- महाकाली मोटर योग्य पुल
- त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच मैत्री सेतु
- कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (KMTTP)
- सितवे बंदरगाह परियोजना
- मोतिहारी (भारत) और अमलेखगंज (नेपाल) के बीच दक्षिण एशिया की पहली क्रॉस-बॉर्डर पेट्रोलियम उत्पाद पाइपलाइन
- पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे पसाखा में एक भूटानी शुष्क बंदरगाह भी भारत सरकार के अनुदान से विकसित किया जा रहा है
संबद्ध चिंताएँ:
- यह तर्क दिया जा रहा है कि इस तरह के विवरण को साझा करने का समय विशेष रूप से चिंता का विषय है क्योंकि चीन के विदेश मंत्री किन गैंग की जी -20 विदेश मंत्री की बैठक (मार्च 2023 को) तथा चीनी प्रधानमंत्री की SCO शिखर सम्मेलन (जून 2023) और जी-20 शिखर सम्मेलन (सितंबर 2023) के लिए बैठक हेतु चीन के राजनयिकों की एक के बाद एक भारत की यात्राएं निर्धारित हैं।
संबंधित लिंक:
India – China Relations: Updates about the Recent Clashes at the LAC and other Events
सारांश:
पड़ोसी देशों और सीमावर्ती क्षेत्रों (विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा) में विभिन्न परियोजनाओं का विवरण, जिनकी योजना, वित्त पोषण या निर्माण किया गया है, भारत सरकार द्वारा साझा किया गया था। हालाँकि, इस विवरण के साझा करने के समय को लेकर चिंताएँ जताई गई हैं क्योंकि इससे भारत-चीन संबंधों में बाधा आ सकती है।
प्रीलिम्स तथ्य:
1. विशेषज्ञों का कहना है कि विशाखापत्तनम में समुद्र तट अब आपदा की ओर बढ़ रहे हैं
विषय- पर्यावरण क्षरण और संरक्षण:
प्रारंभिक परीक्षा: तटीय अपरदन।
विवरण:
- राज्यसभा में बताया गया था कि विशाखापत्तनम में लगभग 28.81 किलोमीटर की तटरेखा अपरदन की चपेट में है।
- 1930 में बंदरगाह के मुहाने पर (विशाखापत्तनम बंदरगाह के निर्माण के दौरान) अवसाद को नियंत्रित करने के लिए एक ब्रेकवाटर बनाने के लिए विशाखापत्तनम में डॉल्फिन की नाक के पास दो जहाज डूब गए थे।
- बाह्य बंदरगाह (1970 के दशक में) के निर्माण के दौरान दो ब्रेकवाटर के निर्माण से अपरदन और बढ़ गया था।
- समुद्र तट एक गतिशील भू-आकृतियाँ हैं और रेत का कटाव व रेत का जमाव मुख्य रूप से उच्च लहर क्रिया और उच्च लहर ऊर्जा के कारण होता है।
- विशेषज्ञ बताते हैं कि समुद्र तट समुद्र और भूभाग की उच्च लहर क्रिया के बीच कुशन का काम करते हैं।
- प्राकृतिक प्रक्रिया के माध्यम से समुद्र तटों का निरंतर पोषण आवश्यक है तथा यदि इसमें विघ्न आता है तो इसका परिणाम गंभीर क्षरण हो सकता है। दक्षिण में बांधों के निर्माण के कारण रेत उत्तरी भागों तक नहीं पहुंच पाती है जिससे समुद्र तटों के प्राकृतिक पोषण में बाधा उत्पन्न होती है।
- समुद्र तटों को भूमि के बजाय समुद्र का हिस्सा माना जाना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए इस लिंक को क्लिक करें Coastal Plains in India- Types & Significance (UPSC Notes)
2. प्रशांत महासागर क्षेत्र के साथ संबंधों को उजागर करने के लिए फिजी में विश्व हिंदी सम्मेलन: विदेश मंत्रालय
अंतर्राष्ट्रीय संबंध:
प्रारंभिक परीक्षा: विश्व हिंदी सम्मेलन।
विवरण:
- 12वां विश्व हिंदी सम्मेलन 15 से 17 फरवरी 2023 तक फिजी में आयोजित किया जाएगा।
- भारत सरकार हिंदी को बढ़ावा देने और विश्व भाषाओं के बीच इसका दर्जा बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है।
- यह संयुक्त राष्ट्र में और 19वीं शताब्दी में भारतीय गिरमिटिया मजदूरों की मेजबानी करने वाले स्थानों पर हिंदी के लिए एक उचित स्थान सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास कर रहा है।
- वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र हिंदी में सभी महत्वपूर्ण संदेश और प्रेस विज्ञप्तियां प्रदान करता है। यह सुविधा बांग्ला और उर्दू के लिए भी उपलब्ध है।
- इस बात पर प्रकाश डाला गया कि फिजी में विश्व हिंदी सम्मेलन भारत और प्रशांत महासागर क्षेत्र के बीच संबंधों को भी रेखांकित करने का अवसर प्रदान करेगा।
- आगामी सम्मेलन में लगभग 270 शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और हिंदी लेखकों का एक प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा।
- प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 1975 में नागपुर में आयोजित किया गया था।
- फिजी की आधिकारिक भाषा हिंदी है।
महत्वपूर्ण तथ्य:
1. अगस्त्यरकुडम की खोई हुई वेधशाला
- किसी समय (उन्नीसवीं सदी में) पश्चिमी घाट पर अगस्त्यरकुडम में एक वेधशाला थी जिसे स्कॉटिश मौसम विज्ञानी जॉन एलन ब्राउन ने स्थापित किया था।
- ब्राउन ने इसका उपयोग तिरुवनंतपुरम खगोलीय वेधशाला के साथ मिलकर चुंबकीय और मौसम संबंधी टिप्पणियों को रिकॉर्ड करने के लिए किया।
- 1849 में इसके पहले निदेशक जॉन कैलडकोट की मृत्यु के बाद तिरुवनंतपुरम (तत्कालीन त्रिवेंद्रम) वेधशाला के संचालन के लिए तत्कालीन त्रावणकोर उथरम तिरुनल मार्तंड वर्मा के शासक द्वारा आमंत्रित किए जाने के बाद भारत में ब्राउन का खगोलीय अनुसंधान शुरू हुआ।
- चूंकि स्थलीय चुंबकत्व अनुसंधान के लिए दो अलग-अलग स्थानों से एक साथ माप की आवश्यकता होती है, इसलिए उन्होंने समुद्र तल से 6,200 फीट की ऊंचाई पर अगस्त्यार पर्वत पर अपनी दूसरी वेधशाला स्थापित की।
- वेधशाला ने जुलाई 1855 में प्रेक्षणों को दर्ज करना शुरू किया। हालांकि, इसे 1881 में मद्रास के तत्कालीन गवर्नर सर विलियम डेनिसन द्वारा बंद कर दिया गया था।
- विशेष रूप से, ब्राउन को रॉयल सोसाइटी ऑफ़ एडिनबर्ग से कीथ मेडल और रॉयल सोसाइटी ऑफ़ लंदन से रॉयल मेडल से सम्मानित किया गया था।
UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:
प्रश्न 1. केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- यह सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड द्वारा प्रमाणित होने के बाद ही फिल्मों को जनता के सामने प्रदर्शित किया जा सकता है।
- भारत में फिल्मों को चार श्रेणियों में प्रमाणित किया जाता है।
- केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के फैसले से असंतुष्ट आवेदक फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (FCAT) में अपील दायर कर सकता है।
विकल्प:
- केवल 1 और 3
- केवल 1, 2 और 3
- केवल 2
- केवल 1, 2 और 4
उत्तर: b
व्याख्या:
कथन 1 सही है: CBFC सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय है।
कथन 2 सही है: CBFC का कार्य सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 के प्रावधानों के तहत फिल्मों के सार्वजनिक प्रदर्शन को विनियमित करना है।
कथन 3 सही है: भारत में फिल्मों को 4 श्रेणियों के तहत प्रमाणित किया जाता है, अर्थात् U (अप्रतिबंधित), UA (अप्रतिबंधित सार्वजनिक प्रदर्शनी, 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए माता-पिता के मार्गदर्शन के साथ), A (वयस्क), S (विशिष्ट दर्शकों तक सीमित, जैसे डॉक्टर या वैज्ञानिक)
कथन 4 गलत है: FCAT को 2021 में समाप्त कर दिया गया था तथा अपील केवल उच्च न्यायालय में की जा सकती है।
प्रश्न 2. अगस्त्यारकुडम (Agasthyarkoodam) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- यह पश्चिमी घाट के नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है।
- अगस्त्यारकुडम अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है जो केरल और तमिलनाडु के बीच की सीमा पर स्थित है।
- थमिरबरानी नदी का उद्गम अगस्त्यरकूदम चोटी से होता है
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- केवल 1 और 2
- केवल 2 और 3
- केवल 1 और 3
- 1, 2 और 3
उत्तर: d
व्याख्या:
कथन 1 सही है: अगस्त्यर्कुडम केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी घाटों की चोटियों में से एक है। यह नेय्यर वन्यजीव अभयारण्य में स्थित है।
कथन 2 सही है: यह चोटी अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है।
कथन 3 सही है: बारहमासी थामिराबरानी नदी सीमा के पूर्वी हिस्से से निकलती है।
प्रश्न 3. क्वासिक क्रिस्टल (quasicrystals) के संबंध में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
- क्वासिक क्रिस्टल का उपयोग सर्जिकल उपकरणों, LED लाइट्स और नॉन स्टिक फ्राइंग पैन में किया गया है।
- इनकी तापीय चालकता ख़राब होती है, जो इन्हें बेहतर इन्सुलेटर बनाती है।
विकल्प:
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
कथन 1 सही है: क्वासिक्रिस्टल या अर्ध-आवधिक क्रिस्टल का उपयोग सर्जिकल उपकरणों, एलईडी लाइट्स और नॉन-स्टिक फ्राइंग पैन में किया जाता है। उनका उपयोग चुनिंदा सौर अवशोषक, व्यापक-तरंगदैर्ध्य परावर्तक, तथा हड्डी की मरम्मत एवं कृत्रिम अंग अनुप्रयोगों में भी किया जाता है।
कथन 2 सही है: उनमें ऊष्मा चालकता कम होती है, जिससे वे अच्छे कुचालक बनते हैं।
प्रश्न 4. सत्यार्थ प्रकाश’ के रचयिता कौन थे ?
- दयानंद सरस्वती
- गोपाल कृष्ण गोखले
- महात्मा गांधी
- राजा राम मोहन रॉय
उत्तर: a
व्याख्या:
- सत्यार्थ प्रकाश को मूल रूप से दयानंद सरस्वती द्वारा 1875 में हिंदी में लिखा गया था।
प्रश्न 5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
- रेपो दर वह दर होती है जिस पर अन्य बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से ऋण लेते हैं।
- किसी देश में गिनी गुणांक के 1 मान का अभिप्राय है कि उस देश की जनता में प्रत्येक की आय पूर्णतः समान है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1, न ही 2
उत्तर: a
व्याख्या:
कथन 1 सही है: रेपो दर उस दर को संदर्भित करती है जिस पर अन्य बैंक आरबीआई से उधार लेते हैं।
कथन 2 सही नहीं है: गिनी गुणांक क 0 मान पूर्ण समानता को दर्शाता है (जहां सभी आय या धन मूल्य समान हैं), जबकि 1 (या 100%) मान गिनी गुणांक मूल्यों के बीच अधिकतम असमानता को दर्शाता है।
UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :
प्रश्न 1. विभिन्न सरकारी पहलों के बावजूद, मोटा अनाज भारतीय मुख्यधारा के आहार का हिस्सा नहीं बन पाया है। इस अंतराल के पीछे के कारणों का अन्वेषण कीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) [GS 3- कृषि]
प्रश्न 2. कोई भी सफल समाज लोगों को सिर्फ इसलिए जेल में नहीं रख सकता क्योंकि वे जमानत नहीं दे सकते। विस्तृत विवरण दीजिए। (250 शब्द; 15 अंक) [GS 2- शासन]