यूपीएससी, मैथिली को सिविल सेवा परीक्षा के लिए वैकल्पिक साहित्य विषयों में से एक के रूप में अनुमति देता है। मैथिली भाषा, भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारत की 22 आधिकारिक भाषाओं में से एक है। मैथिली साहित्य का एक समृद्ध और लंबा इतिहास रहा है। इस भाषा का उपयोग उत्तरी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पश्चिम बंगाल और असम के कुछ जिलों में किया जाता है। यह नेपाल में भी बोली जाती है। यूपीएससी मेन्स 2023 में मैथिली साहित्य वैकल्पिक विषयों में से एक के रूप में शामिल है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 तीन चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में आयोजित की जाएगी। यूपीएससी आईएएस मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को एक वैकल्पिक विषय चुनने की आवश्यकता है। यह IAS परीक्षा में उम्मीदवारों की रैंकिंग तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हाल के रुझान बताते हैं कि साहित्य विषयों की सफलता दर वर्षों से बढ़ रही है।
आईएएस परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार यूपीएससी मैथिलि लिटरेचर सिलेबस के बारे में अधिक जानने के लिए इस लेख को ध्यान से पढ़ें। इस लेख में हम आपको मैथिलि लिटरेचर सिलेबस की विस्तृत जानकारी दे रहे हैं। मैथिलि लिटरेचर सिलेबस के बारे में अंग्रेजी में पढ़ने के लिए UPSC Maithili Literature Syllabus पर क्लिक करें।
यूपीएससी 2023 परीक्षा की तैयारी करने वाले उम्मीदवार UPSC Current Affairs in Hindi के से जुड़ी महत्पूर्ण जानकारी के लिए BYJU’S को फॉलो करें।
मैथिली भाषा
मैथिली भाषा का संबंध मिथिला क्षैत्र से है। भारतीय साहित्य में ‘मिथिला’ शब्द बहुत पहले से प्रचलित है। यह, हिन्दी प्रदेश की उपभाषा और ‘बिहारी’ में एक बोली के रुप में प्रचलित है। मैथिली भाषा, मुख्य रूप से उत्तरी बिहार और नेपाल के तराई के ईलाक़ों में बोली जाती है। यह भाषा, प्राचीन हिन्द आर्य परिवार की सदस्य भाषा है। इसकी करीब 65 प्रतिशत शब्दावली हिंदी से आती है। हालांकि उड़िया, बांग्ला, असमिया और नेपाली भाषा से भी इसका बेहद निकट का संबंध है। |
यूपीएससी परीक्षा 2023 के उम्मीदवारों को एक बार मैथिली साहित्य पाठ्यक्रम से परिचित होने के बाद अनुशंसित यूपीएससी मैथिली साहित्य पुस्तकों का अनुुसरण करना चाहिए।
यूपीएससी के लिए मैथिली साहित्य पाठ्यक्रम
जैसा कि यह एक भाषा से संबंधित विषय है, जिन उम्मीदवारों ने औपचारिक रुप से मैथिली भाषा का अध्ययन किया है या मैथिली को अपनी मूल भाषा के रूप में सीखा है, उन्हें इस वैकल्पिक विषय को चुनना चाहिए। मैथिली भाषा के पेपर को देवनागरी लिपि में लिखना होता है।
यूपीएससी मेन्स में मैथिली में दो पेपर (पेपर I और पेपर II) होते हैं। प्रत्येक पेपर 250 अंकों का होता है जिसमें कुल 500 अंक होते हैं। सिविल सेवा परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए मैथिली साहित्य का विस्तृत पाठ्यक्रम नीचे दिया जा रहा है –
यूपीएससी मैथिली साहित्य वैकल्पिक पेपर- I पाठ्यक्रम:
सिविल सेवा परीक्षा 2023 के लिए मैथिली साहित्य पेपर- I का पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है –
मैथिली भाषा और साहित्य का इतिहास
- मैथिली भाषा का इतिहास
- इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार में मैथिली का स्थान।
- मैथिली भाषा की उत्पत्ति और विकास (संस्कृत, प्राकृत, अवहट्टा, मैथिली।
- मैथिली भाषा का अस्थायी विभाजन (आदिम, मध्य, आधुनिक)।
- मैथिली और इसकी विभिन्न बोलियां।
- मैथिली और अन्य पूर्वी भाषाओं (बंगाली, असमिया, उड़िया) में संबंध।
- तिरहुत लिपि की उत्पत्ति और विकास।
- मैथिली में सर्वनाम और क्रिया।
मैथिली भाषा का इतिहास –
- मैथिली साहित्य की पृष्ठभूमि (धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक)।
- मैथिली साहित्य का कालक्रम।
- पूर्व विद्यापति साहित्य।
- विद्यापति और उनकी परंपरा।
- मध्यकालीन मैथिली नाटक (कीर्तनिया नाटक, अंकिया नाटक, मैथिली नाटक नेपाल में लिखा गया)।
- मैथिली लोक साहित्य (लोकसाहित्य, लोकगीत, लोकनाट्य, लोक कथाएं)।
- मैथिली समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का विकास।
आधुनिक युग में विभिन्न साहित्यिक विधाओं का विकास जो निम्न है –
- निबंध
- कविता कविता
- उपन्यास
- कहानी
- नाटक
- निबंध
- समीक्षा
- संस्मरण
- अनुवाद
यूपीएससी या आईएएस परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार, आगामी परीक्षा के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने और बेहतर रणनीति बनाने के लिए इस लेख को ध्यान से पढ़े हैं।
नोट: उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा 2023 की तैयारी शुरू करने से पहले नवीनतम UPSC Prelims Syllabus in Hindi का ठीक से अध्ययन कर लें। इसके बाद ही अपनी आईएएस परीक्षा की तैयारी की रणनीति बनाएं।
मैथिली भाषा से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
मैथिली की आधिकारिक स्थिति यूपीएससी परीक्षा में मैथिली भाषा को वैकल्पिक पेपर के रूप में शामिल किया गया है। इसे साल 2003 में भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त भारतीय भाषा के रूप में सम्मिलित किया गया था। इससे मैथिली भाषा के भारत में शिक्षा, सरकार और अन्य आधिकारिक संदर्भों में उपयोग किया जा सकता है। साल 2018 में झारखंड में मैथिली भाषा को दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया था। मैथिली का भौगोलिक वितरण मैथिली भाषा मुख्य रूप से बिहार और झारखंड में बोली जाती है। यह बिहार के मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, सहरसा, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, शेहर, भागलपुर, मधेपुरा, अररिया, आदि जगहों पर बोली जाती है। इससे अलावा इसे झारखंड के रांची, बोकारो, जमशेदपुर, धनबाद और देवघर आदि में भी बोला जाता है। मैथिली नेपाल के बाहरी तराई जिलों में मुख्य रूप से बोली जाती है, जिनमें सरलाही, महतारी, धनुसा, सुनसरी, सिरहा, मोरंग और सप्तरी आदि जिले शामिल हैं। नेपाल का जनकपुर मैथिली का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। |
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यूपीएससी मैथिली साहित्य वैकल्पिक पेपर- II पाठ्यक्रम –
सिविल सेवा परीक्षा के लिए मैथिली साहित्य पेपर- II का पाठ्यक्रम नीचे दिया गया है:
- विद्यापति गीतशती-प्रकाशक-साहित्य अकादमी, नई दिल्ली (गीतसंख्या 1 से 50 तक)।
- गोविन्ददास भजनावली-प्रकाशक-मैथिली अकादमी, पटना (गीतसंख्या 1 से 50 तक) ।
- कृष्णजन्म-मनबोध।
- मिथिलाभाषा रामायण-चन्द्रा झा (सुन्दरकाण्ड मात्र)।
- रमेश्वरचरित मिथिला रामायण-लालदास (बालकाण्ड मात्र)।
- कीचकवध-तंत्रनाथ झा।
- दत्त-वती सुरेश झा ‘सुमन’ (प्रथम और द्वितीय संग मात्र)।
- चित्रा-यात्री।
- समकालीन मैथिली कविता-प्रकाशक-साहित्य अकादमी, नई दिल्ली।
दूसरा भाग –
- वर्णरत्नाकार-ज्योतिरीश्वर (द्वितीय कल्लोल मात्र)।
- खट्टर ककाक तरंग-हरिमोहन झा।
- लोरिक-विजय-मणिपद्म।
- पृथ्वीपुत्र-ललित।
- भफाइत चाहक जिनगी-सुधांशु शेखर’ चौधरी।
- कृति राजकमल प्रकाशक- मैथिली अकादमी, पटना (आरम्भ से दस कथा तक)।
- कथा-संग्रह-प्रकाशक-मैथिली अकादमी, पटना।
मैथिली के बोलने वालों की संख्या बेहद कम है और इसलिए इसकी अध्ययन सामग्री मिलना मुश्किल है। यह पठन सामग्री, मैथिली विश्वविद्यालय व उनके स्नातक पाठ्यक्रमों के एक भाग के रूप में पूर्वी भारत के शहरों में और अन्य राज्यों में कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्थित हैं। यूपीएससी 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार वहां से अध्ययन सामग्री प्राप्त कर सकते हैं। उम्मीदवारों को मैथिली में यूपीएससी परीक्षा 2023 में सफलता हासिल करने के लिए पिछले वर्षों के यूपीएससी प्रश्न पत्रों के साथ-साथ मॉक टेस्ट से अधिक प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना चाहिए।
IAS परीक्षा 2023 की तैयारी करने वाले उम्मीदवार लिंक किए गए लेख के माध्यम से पूरा UPSC Syllabus in Hindi प्राप्त कर सकते हैं। परीक्षा से संबंधित अधिक तैयारी सामग्री नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से मिलेगी।
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