1707 में मुअज्जम बहादुरशाह प्रथम की उपाधि के साथ दिल्ली के तख़्त पर बैठा I
'प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया' −का आश्य स्पष्ट कीजिए।