The correct option is B 2 and 3
केवल 2 और 3
Statement 1 is incorrect Lok Sabha need approve it only with a simple majority
Statement 2 is correct Rajya Sabha has to approve it with a simple majority
Statement 3 is correct Unlike other emergencies, financial emergency can be extended indefinitely without the approval of the parliament
Extra Information:
A proclamation declaring financial emergency must be approved by both the Houses of Parliament within two months from the date of its issue. However, if the proclamation of Financial Emergency is issued at a time when the Lok Sabha has been dissolved or the dissolution of the Lok Sabha takes place during the period of two months without approving the proclamation, then the proclamation survives until 30 days from the first sitting of the Lok Sabha after its reconstitution, provided the Rajya Sabha has in the meantime approved it.
Once approved by both the Houses of Parliament, the Financial Emergency continues indefinitely till it is revoked. This implies two things:
1. There is no maximum period prescribed for its operation; and 2. Repeated parliamentary approval is not required for its continuation.
A resolution approving the proclamation of financial emergency can be passed by either House of Parliament only by a simple majority, that is, a majority of the members of that house present and voting.
A proclamation of Financial Emergency may be revoked by the president at any time by a subsequent proclamation. Such a proclamation does not require parliamentary approval.
कथन 1 गलत है लोकसभा द्वारा इसे साधारण बहुमत से अनुमोदित करने की आवश्यकता है
कथन 2 सही है राज्यसभा को भी इसे साधारण बहुमत से अनुमोदित करना होगा
कथन 3 सही है अन्य आपात स्थितियों के विपरीत संसद की मंजूरी के बिना वित्तीय आपातकाल को अनिश्चित काल तक बढ़ाया जा सकता है
अतिरिक्त जानकारी:
वित्तीय आपातकाल की घोषणा करने वाली उद्घोषणा को संसद के दोनों सदनों द्वारा इसके जारी होने की तिथि से दो महीने के भीतर अनुमोदित किया जाना चाहिए। हालाँकि यदि वित्तीय आपातकाल की घोषणा ऐसे समय में जारी की जाती है जब लोकसभा को भंग कर दिया गया हो या लोकसभा का विघटन दो महीने की अवधि के दौरान उद्घोषणा को मंजूरी दिए बिना होता है तो उद्घोषणा पुनर्गठन के बाद लोकसभा के सत्ता सँभालने के अगले 30 दिनों तक बनी रहती है, बशर्ते राज्यसभा ने इस बीच इसे मंजूरी दे दी हो। एक बार संसद के दोनों सदनों द्वारा अनुमोदित होने के बाद वित्तीय आपातकाल अनिश्चित काल तक जारी रहता है। इसके दो अर्थ है :
1. इसके संचालन के लिए कोई अधिकतम अवधि निर्धारित नहीं है
2. इसके जारी रहने के लिए बार-बार संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
वित्तीय आपातकाल की घोषणा को मंजूरी देने वाले प्रस्ताव को संसद के किसी भी सदन द्वारा केवल एक साधारण बहुमत द्वारा पारित किया जा सकता है, अर्थात उस सदन के अधिकांश सदस्य उपस्थित होकर मतदान करते हैं।
वित्तीय आपातकाल की घोषणा बाद में किसी भी समय राष्ट्रपति द्वारा रद्द की जा सकती है। इस तरह की उद्घोषणा के लिए संसदीय स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है।