गाँव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी मेंबदलू वक्त(समय) को बखत,उम्र(वय/आयु) को उमर कहताहै। इस तरह केअन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो,अर्थ में नहीं।
उम्र-उमर
मर्द-मरद
भैया-भइया
ग्राम-गाँव
अंबा-अम्मा
दुर्बल-दुबला
1.लाख की चूड़ियाँ पहने,तो मोच आ जाए।
अर्थ−लाख की चूड़ियाँ काँच की चूड़ियों से भारी होती है। शायद अब औरतें लाख की चूड़ियों का भार न सह सके।
2.मशीनी युग है न,लला! आजकल सब काम मशीन से होता है।
अर्थ−अब मशीन का युग है। हर काम मशीन से होता है।इससे किसके जीवन पर क्या असर पड़ता है इसकी किसी को कोई चिंता नहीं है।
3.गाय कहाँ है लला! दोसाल हुए बेच दी।कहाँ से खिलाता?
अर्थ−अब काँच को चूड़िया बनने के बाद कोई भी लाख की चूड़िया खरीदना पंसद नहीं करता था क्योंकि वे काँच से महँगी थी। इससे बदलू की आर्थिक स्थिति खराब हो गई| उसे खुद के खाने के लिए नहीं था गाय को कैसे खिलाता।