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Question

कविता में मेघ को 'पाहुन' के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नज़र आते हैं, लिखिए।

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Solution

हमारी संस्कृति में अतिथि को देव तुल्य माना जाता रहा है - 'अतिथि देवो भव:'। परन्तु आज के समाज में इस विषय को लेकर बहुत परिवर्तन आए हैं। इसका प्रमुख कारण भारत में पाश्चात्य संस्कृति का आगमन है। पाश्चात्य संस्कृति का अनुकरण करते-करते आज का मनुष्य इतना आत्मकेन्द्रित होता जा रहा है कि उसके पास दूसरों के लिए समय का अभाव हो गया है। इसी कारण आज संयुक्त परिवार की संख्या धीरे-धीरे घटती जा रही है। ऐसी अवस्था में अतिथि का सत्कार करने की परम्परा प्राय: लुप्त होती जा रही है।


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