जितेन नार्गे ने लेखिका को सिक्किम की प्रकृति,वहाँ की भौगोलिक स्थिति एवं जन-जीवन के बारे में क्या महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं,लिखिए।
(क) नार्गे के अनुसार सिक्किम में घाटियों के सारे रास्ते हिमालय की गहनतम घाटियों और फूलों से लदी वादियाँ मिलेंगी।
(ख) नार्गे के अनुसार पहाड़ी रास्तों पर फहराई गई ध्वजा बुद्धिस्ट की मृत्यु व नए कार्य की शुरूआत पर फहराए जाते हैं। ध्वजा का रंग श्वेत व रंग-बिरंगा होता है।
(ग) सिक्किम में भी भारत की ही तरह घूमते चक्र के रूप मे आस्थाएँ, विश्वास, अंधविश्वास पाप-पुण्य की अवधारणाएँ व कल्पनाएँ एक जैसी थीं।
(घ) वहाँ की युवतियाँ बोकु नाम का सिक्किम परिधान डालती हैं। जिसमें उनके सौंदर्य की छटा निराली होती है। वहाँ के घर, घाटियों में ताश के घरों की तरह पेड़ के बीच छोटे-छोटे होते हैं। वहाँ के लोग मेहनतकश लोग हैं व जीवन काफी मुश्किलों भरा है। बच्चों को बहुत ऊँचाई पर पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है क्योंकि दूर-दूर तक कोई स्कूल नहीं है। इन सब के विषय में नार्गे लेखिका को बताता चला गया।
(ङ) नार्गे के अनुसार सिक्किम के कटाओ शहर की खुबसूरती, स्विट्ज़रलैंड की खूबसूरती को मात देती हुई दिखाई देती है।