wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

() प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?

() हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

() रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?

() एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?

() जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?

() अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?

() 'नट' किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?

() 'मोती, मानुष, चून' के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।

Open in App
Solution

() प्रेम को जब चटकाकर अर्थात बिना सोचे समझे झटके में तोड़ दिया जाता है तो उसे पुन: जोड़ने पर उसकी स्थिति पहले जैसी नहीं रहती है। प्रेम विश्वास की डोर से बँधा होता है। यह डोर टूटने पर पुन: नहीं जुड़ पाता। इसमें अविश्वास और संदेह की दरार पड़ जाती है, गाँठ पड़ जाती है और अतंर आ जाता है।

() कवि अपने मन की व्यथा छिपाकर रखने को कहता है क्योंकि इसके कहने या प्रकट करने का कोई लाभ नहीं है। इसे सुनकर वे प्रसन्न होते हैं पर बाँटने कोई नहीं आता। लोग दूसरे के दुख में मज़ा लेते हैं। वे किसी की सहायता नहीं करते।

() रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य इसलिए कहा है क्योंकि उससे न जाने कितने लघु जीवों की प्यास बुझती है। कवि यह कहना चाहता है कि यदि छोटे लोग भी किसी के काम आते हैं तो वे भी महिमावान हैं। सागर की बड़ाई इसलिए नहीं की क्योंकि उसमें अथाह जल होने पर भी प्यास नहीं बुझती, इसमें परोपकार की भावना नहीं होती।

() कवि की मान्यता है कि ईश्वर एक है। उसकी ही साधना करनी चाहिए। वह मूल है। उसे ही सींचना चाहिए। जैसे जड़ को सीचने से फल फूल मिल जाते हैं, उसी तरह एक ईश्वर को पूजने से सभी काम सफल हो जाते हैं। केवल एक ईश्वर की साधना पर ध्यान लगाना चाहिए।

(ड़) कमल जल में ही खिलता है, रहता है। लेकिन सूर्य निकलने पर कमल खिलता है। यदि कमल जल के बिना है तो सूर्य भी उसे नहीं बचा सकता। सूर्य कमल को जीवित रखने की बाहरी शक्ति है जबकि जल उसकी आन्तरिक शक्ति है। उसी तरह भीतरी शक्ति होना अत्यन्त आवश्यक है। दूसरे भी तभी मद्द करते हैं जब आपकी भीतरी शक्ति होती है।

() अवध नरेश को चित्रकूट इसलिए जाना पड़ा क्योंकि उन्हें 14 वर्ष तक वनवास में रहना था। चित्रकूट एक तपोवन था, जहाँ ऋषि-मुनियों द्वारा तपस्या की जाती थी। वहाँ विभिन्न मुनियों के आश्रम भी थे। श्रीराम को यह स्थान वनवास बिताने के लिए उपयुक्त लगा इसलिए वह यहाँ आकर निवास करने लगे।

() नट कुंडली मारने की कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है। वह कुंडली में सिमट जाता है। इसलिए छलांग मारकर ऊपर चढ़ जाता है।

() 'मोती' के संदर्भ में अर्थ है चमक या आब इसके बिना मोती का कोई मूल्य नहीं है। 'मानुष' के संदर्भ में पानी का अर्थ मान सम्मान है मनुष्य का पानी अर्थात सम्मान समाप्त हो जाए तो उसका जीवन व्यर्थ है। 'चून' के संदर्भ में पानी का अर्थ अस्तित्व से है। पानी के बिना आटा नहीं गूँथा जा सकता। आटे और चूना दोनों में पानी की आवश्यकता होती है।


flag
Suggest Corrections
thumbs-up
45
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
Precipitation
GEOGRAPHY
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon