ठाकुर बाड़ी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृत्ति का पता चलता है?
कहा जाता है गाँव के लोग भोले होते हैं। असल में गाँव के लोग अंधविश्वासी धर्मभीरू होते हैं। मंदिर जैसे स्थान को पवित्र, निश्कलंक, ज्ञान का प्रतीक मानते हैं। पुजारी, पुरोहित मंहत जैसे जितने भी धर्म के ठेकेदार हैं उनपर अगाध श्रद्धा रखते हैं। वे चाहे कितने भी पतित, स्वार्थी और नीच हों पर उनका विरोध करते वे डरते हैं। इसी कारण ठाकुर बाड़ी के प्रति गाँव वालों की अपार श्रद्धा थी। उनका हर सुख-दुख उससे जुड़ा था।