मञ्जूषात: क्रियापदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत-
निधेहि विधेहि जहीहि देहि भज चल कुरु |
यथा-त्वं पुरत: चरणं निधेहि।
(क) त्वं विद्यालयं --------------------।
(ख) राष्ट्रे अनुरक्तिं --------------------।
(ग) मह्यं जलं --------------------।
(घ) मूढ! -------------------- धनागमतृष्णाम्।
(ङ) -------------------- गोविन्दम्।
(च) सततं ध्येयस्मरणं -------------------- ।
(क) त्वं विद्यालयं चल।
(ख) राष्ट्रे अनुरक्तिं विधेहि।
(ग) मह्यं जलं देहि।
(घ) मूढ! जहीहि धनागमतृष्णाम्।
(ङ) भज गोविन्दम्।
(च) सततं ध्येयस्मरणं कुरु।