(अ) लट्लकारपदेभ्यः लोट्-विधिलिङ्लकारपदानां निर्माणं कुरुत–
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लट्लकारे |
लोट्लकारे |
विधिलिङ्लकारे |
यथा |
–पठति |
पठतु |
पठेत् |
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खेलसि |
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खादन्ति |
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पिबामि |
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हसतः |
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नयामः |
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(आ) अधोलिखितानि पदानि निर्देशानुसारं परिवर्तयत–
यथा |
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गिरिशिखर (सप्तमी-एकवचने) |
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गिरिशिखरे |
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पथिन् (सप्तमी-एकवचने) |
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राष्ट्र (चतुर्थी-एकवचने) |
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पाषाण (सप्तमी-एकवचने) |
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यान (द्वितीया-बहुवचने) |
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शक्ति (प्रथमा-एकवचने) |
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पशु (सप्तमी-बहुवचने) |
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