A wire of certain length ℓ carries current I. It is bent to form a circle of one turn and magnetic field at centre is B1. It is now bent to form a circular coil of four turns, then magnetic field at centre for same current is B2. The ratio of B1 and B2 is
निश्चित लम्बाई ℓ का एक तार धारा I ग्रहण किए हुए है। इसे एक घेरे वाले वृत्त की आकृति में मोड़ा जाता है तथा केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B1 है। अब इसे चार घेरों वाली वृत्तीय कुण्डली की आकृति में मोड़ा जाता है, तब समान धारा के लिए केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र B2 है। B1 तथा B2 का अनुपात है