'आज से यह खाना तुम्हारी अपनी किताबों का। यह तुम्हारी लाइब्रेरी है' − पिता के इस कथन से लेखक को क्या प्रेरणा मिली?
पिताजी के इस कथन ने लेखक को पुस्तकें जमा करने की प्रेरणा दी तथा किताबों के प्रति उसका लगाव बढ़ाया। अभी तक लेखक मनोरंजन के लिए किताबें पढ़ता था परन्तु पिताजी के इस कथन ने उसके ज्ञान प्राप्ति के मार्ग को बढ़ावा दिया। आगे चलकर उसने अनगिनत पुस्तकें जमा करके अपना स्वयं का पुस्तकालय बना डाला। अब उसके पास ज्ञान का अतुलनीय भंडार था।