'अभिधार्थ एक होते हुए भी ध्वन्यार्थ और व्यंग्यार्थ अलग-अलग हो जाते हैं।' दूरियों के संदर्भ में इसका आशय स्पष्ट कीजिए।
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Solution
यदि हम अभिधार्थ का अर्थ देखें, तो इसका मतलब सामान्य अर्थ होता है। जब हम किसी शब्द का प्रयोग करते हैं, तो कई बार उस शब्द का अर्थ हमारे काम नहीं आता। उसका अर्थ हमारी खास सहायता भी नहीं करता है। यदि हम ध्वन्यार्थ के बारे में कहे, तो इसका अर्थ होता हैः ध्वनि द्वारा अर्थ का पता चलना और व्यंग्यार्थ का अर्थ होता हैः व्यंजना शक्ति के माध्यम से अर्थ मिलना। इसे हम सांकेतिक अर्थ कहते हैं। पाठ में दूरियों का अभिधार्थ फासले से है। लेकिन इसका सांकेतिक अर्थ अंतर है।