अनादि काल में रेखांकित शब्द का अर्थ है जिसकी कोई शुरुआत या आदि न हो। नीचे दिए गए शब्द भी मूल शब्द के शुरू में कुछ जोड़ने से बने हैं। इसे उपसर्ग कहते हैं। इन उपसर्गों को अलग करके लिखो और मूल शब्दों को लिखकर उनका अर्थ समझो---
असफल |
...................... |
अदृश्य |
...................... |
अनुचित |
...................... |
अनावश्यक |
...................... |
अपरिचित |
...................... |
अनिच्छा |
...................... |
(क) अब बताओ कि ये उपसर्ग जिन शब्दों के साथ जुड़ रहे हैं क्या उनमें कोई अंतर है?
(ख) उपर्युक्त शब्दों से वाक्य बनाओ और समझो कि ये संज्ञा हैं या विशेषण। वैसे तो संख्याएँ संज्ञा होती हैं पर कभी-कभी ये विशेषण का काम भी करती हैं, जैसे- नीचे लिखे वाक्य में
हमारी धरती लगभग पाँच अरब साल पुरानी है।
कोई दस हजार साल पहले आदमी ने गाँवों को बसाना शुरू किया।
इन वाक्यों में रेखांकित अंश 'साल' संज्ञा के बारे में विशेष जानकारी दे रहे हैं, इसलिए संख्यावाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण का इस्तेमाल उन्हीं चीज़ों के लिए होता है जिन्हें गिना जा सके। जैसे - चार संतरे, पाँच बच्चे, तीन शहर आदि। पर यदि किसी चीज़ को गिना नहीं जा सकता तो उसके साथ संख्या वाले शब्दों के अलावा माप-तौल आदि के शब्दों का इस्तेमाल भी किया जाता है—
• तीन जग पानी
• एक किलो जीरा
यहा रेखांकित हिस्से परिमाणवाचक विशेषण हैं क्योंकि इनका संबंध माप-तौल से है। अब नीचे लिखे हुए को पढ़ो। खाली स्थानों में बॉक्स में दिए गए माप-तौल के उचित शब्द छाँटकर लिखो।
प्याला कटोरी एकड़ मीटर लीटर किलो ट्रक चम्मच |
तीन |
................. |
खीर |
दो |
.................. |
ज़मीन |
छह |
.................. |
कपड़ा |
एक |
.................. |
रेत |
दो |
.................. |
कॉफ़ी |
पाँच |
.................. |
बाजरा |
एक |
.................. |
दूध |
तीन |
.................. |
तेल |
(क)हाँउनके अर्थो मेंअंतरआ जाता है। अउप्सर्ग लगादेने से प्राय:शब्दोंके अर्थ विपरीतहो जाते हैं।जैसे-
असफल | : | सफल |
अनुचित | : | उचित |
अपरिचित | : | परिचित |
अदृश्य | : | दृश्य |
अनावश्यक | : | आवश्यक |
अनिच्छा | : | इच्छा |
(ख)
(1)तीनकटोरीखीर
(2)छहमीटरकपड़ा
(3)दोप्यालाकॉफ़ी
(4)एकलीटरदूध
(5)दोएकड़ज़मीन
(6)एकट्रकरेत
(7)पाँचकिलो बाजरा
(8)तीनचम्मचतेल