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Question

'अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती घर में नहीं, घर के बाहर दी गई।' – इससे लेखक का क्या अभिप्राय है?

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Solution

इससे लेखक का तात्पर्य है कि अन्याय दोनों जगह हो सकता है। वह घर के बाहर भी हो सकता है और घर के अंदर भी हो सकता है। जब अन्याय को चुनौती देने की बात आती है, तो मनुष्य घर के अंदर के अन्याय को चुपचाप सह जाता है। कारण परिवारजन उसके अपने होते हैं। अपनों को चुनौती देने का प्रश्न ही नहीं उठता। उनको चुनौती देने का मतलब है अपने को चुनौती देना। अतः लोग चुप्पी साध लेते हैं। घर के बाहर अन्यायपूर्ण व्यवस्था को चुनौती देना सरल होता है। पूंजीपतियों के विरुद्ध विद्रोह, शासन के विरुद्ध विद्रोह आदि विद्रोह सरलता से खड़े हो जाते हैं।

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