अपने आस-पास के क्षेत्र में जाकर ईंटों के भट्ठे को देखिए तथा ईंटें बनाने एवं उन्हें पकाने की प्रकिया का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
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Solution
सबसे पहले गीली मिट्टी की सहायता से ईटें बनाई तथा सुखाई जाती हैं। जब यह सुख जाती हैं, तो इन्हें ताप में पकाने के लिए हर थोड़ी दूरी पर कच्ची ईंट के समूह को पंक्ति में लगाया जाता है। एक आयताकार स्थान पर फर्श एक या दो फुट गहरा खोदा जाता है। उसके ऊपर जमीन को पाट दिया जाता है। उसके नीचे लकड़ी, कोयले, फूस तथा ज्वलनशील पदार्थ से आग लगा दी जाती है। इसके ऊपर ही सुखाई गई ईटों को छह-सात पंक्तियों में रख दिया जाता है। इसके बाद इन्हें इस प्रकार जोड़ा जाता है कि वह चारों तरफ से दीवार के समान हो जाती हैं। उनके ऊपर गीली मिट्टी का लेप लगा दिया जाता है। इस प्रकार ऊष्मा के बाहर जाने का रास्ता बंद कर दिया जाता है। आखिर में ज्वलनशील पदार्थ में आग लगा दी जाती है। इन ईंटों के पकने में कम से कम छह सप्ताह का समय लगता है। इसके बाद इन्हें ठंडा किया जाता है। ठंडा करने का समय भी ईंटों के पकने के समय के बराबर ही होता है।