'अपने देश में अपनी भाषा में उन्नति करो' से लेखक का क्या तात्पर्य है? वर्तमान संदर्भों में इसकी प्रासंगिता पर अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।
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Solution
हर देश की अपनी राष्ट्रभाषा होती है। सारा सरकारी तथा अर्ध-सरकारी काम उसी भाषा में किया जाता है। वही शिक्षा का माध्यम भी है। कोई भी देश अपनी राष्ट्रभाषा के माध्यम से ही विकास पथ पर अग्रसर होता है। संसार के सभी देशों ने अपने देश की भाषा के माध्यम से ही अनेक आविष्कार किए हैं। अतः उन्नति से तात्पर्य भाषा के माध्यम से विकास को लेकर है। यह सही है कि जो देश अपनी भाषा में कामकाज करता है, उसका सम्मान करता है, वह आगे बढ़ता है। जापान तथा चीन जैसे देश अपनी भाषा का ही प्रयोग करते हैं। यही कारण है, आज ये देश सबसे सफल कहलाए जा सकते हैं। लेकिन विडबंना देखिए कि हिन्दी आज़ादी के 63 साल गुज़र जाने के पश्चात भी अपना सम्मानजनक स्थान नहीं पा सकी है। आज़ादी के समय हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने के प्रयास का भरसक विरोध किया गया और तर्क दिया गया कि इससे प्रांतीय भाषाएँ पिछड़ जाएँगी। हमारे देश के बड़े-बड़े प्रतिष्ठित नेता व अभिनेतागण अपनी भाषा में वक्तव्य देने से शर्माते हैं, तो वह कैसे स्वयं को भारत में प्रतिष्ठित कर पाऐगी। भारतीयों द्वारा ही हिन्दी अपमानित हो रही है। पिछले कुछ समय से अखिल भारतीय भाषा संरक्षण सगंठन हिंदी तथा अन्य भाषाओं को परीक्षणों का माध्यम बनाने के लिए संघर्ष कर रहा है। उसे अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। एक दिन ऐसा अवश्य आएगा, जब जनता सरकार को बाध्य कर देगी और हिंदी अपना स्थान अवश्य प्राप्त करेगी।