अपनी मातृभाषा में 'किसान' पर लिखी गई कविता को अपने मित्रों व शिक्षक को सुनाओ।
है जीत चुका दुख को किसान
आता है भीषण ग्रीष्मकाल
है भूमि उगलती ज्वाल-माल
है उष्ण वायु बहती कराल
पर कृष्यक घूमता है निर्भय,
हो कड़ी धूप से भी न भलान
नीचे दिए गए शब्दों को अपनी मातृभाषा में लिखो और उन पर अपने मित्रों से चर्चा करो–
(क)
नमस्ते
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(ख)
घर
(ग)
सड़क
(घ)
समाचार-पत्र
(ङ)
पानी
(च)
साबुन
(छ)
धरती
(ज)
जंगल
(झ)
सुबह
कविता में दी गई इन बातों के आधार पर अपनी परिचित नदी के बारे में बताओ –
यह मालवा (मध्यप्रदेश) की एक लोककथा है। तुम्हारे प्रांत की भाषा/बोली में भी कुछ लोककथाएँ होंगी जिसे लोग सुनते-सुनाते होंगे। उनमें से तुम अपनी पसंद की किसी लोक कथा को अपनी कॉपी में लिखो और अपने मित्रों को सुनाओ।
"पढ़क्कू की सूझ" कविता में एक कहानी कही गई है। इस कहानी को तुम अपने शब्दों में लिखो।
जंगल, पेड़-पौधों और प्रकृति से संबंधित कुछ कविताओं के बारे में जानकारी प्राप्त करो। "जंगल" शीर्षक से दी गई कविता को पढ़ो और अपने दोस्तों को सुनाओ।