अस्थिर सुख पर दुख की छाया पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है और क्यों?
कवि ने समाज में पूँजीपतियों द्वारा किए गए अत्याचार तथा शोषण को दुख की छाया बताया है। इस शोषण का शिकार प्रायः मज़दूर तथा कमज़ोर वर्ग होते हैं। उनके पास सुख नाममात्र के हैं। इसलिए कवि ने उनके सुख को अस्थिर बताया है। यह सुख कुछ पल के लिए भी नहीं रूक पाता है क्योंकि शोषण तथा अत्याचार इन वर्ग के लोगों को जीने नहीं देते हैं। शोषण के कारण गरीब और गरीब होता जा रहा है।