"और इस तरह लिखती है हर रोज़
एक कविता फ़र्श पर।"
कविता में फ़र्श परकाम करने को भी कविता लिखना बताया गया है। फ़र्श के अतिरिक्त अन्यत्र भी तुम कुछ लोगों को काम करते हुए पा सकते हो। उनमें से तुम जिन कामों को कविता लिखना बता सकते हो, बताओ और उसके कारण भी बताओ।
बर्तन मांजना, कपड़े धोना इस तरह के कामों में कविता जैसी तरंग और लय होती है। जब हम बर्तन धोते हैं, तो घिस-घिस और टन-टन-टनाटन (बर्तन गिरने) की आवाज़ें आती हैं। कपड़े धोते समय ब्रश के घिसने से भी आवाज़ें आती हैं और थापी की थप-थप में संगीत सुनाई देता है।