बाह्याडंबरों की अपेक्षा स्वयं (आत्म) को पहचानने की बात किन पंक्तियों में कही गई है? उन्हें अपने शब्दों में लिखो।
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Solution
कबीर ने दूसरे पद की पंक्तियों में बाह्याडंबरों की अपेक्षा स्वयं को पहचानने की बात कही है। वे इसमें कहते हैं कि पत्थरों को पूजना, कुरान का पाठ करना, गुरु-शिष्य बनना, तीर्थ करना, व्रत करना, टोपी पहनना, माला फेरना, माथे पर छाप लगाना, तिलक लगाना इत्यादि बातें आडंबर हैं। इनसे ईश्वर प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं। ईश्वर प्राप्त करने के लिए मनुष्य को इस सबसे दूर रहना चाहिए। वे कहते हैं कि स्वयं को पहचानो। उनके अनुसार जिसने स्वयं को पहचान लिया है, उसने ही सच्चा ज्ञान प्राप्त कर लिया है।