(क) मन खाली न- जब मुझे पता होता है कि मुझे कुछ नहीं खरीदना होता है, तो मैं बाज़ार से खाली हाथ ही आता हूँ। माँ ने एक बार मुझे काली मिर्च लाने भेजा। उसके लिए हमारे यहाँ शनि बाज़ार लगता है। मैं अपने लोकल बाज़ार में गया मगर वहाँ काली मिर्च नहीं मिली। उसके बाद में शनि बाज़ार भी गया। वहां जाकर मुझे काली मिर्च मिली। जब मैं घर पहुँचा, तो भाई से पता चला कि वहाँ पर बड़े मज़ेदार खाने के स्टॉल लगे थे। लेकिन मुझे पता ही नहीं चला।
(ख) मन खाली न हो- तो मैं कुछ न कुछ बाज़ार से जाकर ले आता हूँ। एक बार मैं बाज़ार में चॉकलेट खरीदने गया था। लेकिन जब वापस आया तो अपने साथ चॉकलेट, टॉफी, आइसक्रीम, रोल, चाउमीन इत्यादि उठा लाया। इसका परिणाम यह हुआ कि मैं सब खा नहीं पाया और माँ से मार पड़ी अलग।
(ग) मन बंद हो- मेरा मन बंद होता है, तो मैं किसी चीज़ की तरफ़ आकर्षित नहीं होता हूँ। ऐसा तब हुआ था, जब मैं माँ के साथ बाज़ार गया था। माँ मुझे जन्मदिन का उपहार दिलाना चाहती थी लेकिन मैंने लेने से इंकार कर दिया। मैं कुछ भी खरीद कर नहीं लाया।
(घ) मन में नकार हो- यह ऐसा समय होता है, जब मन उदास हो। तब किसी भी वस्तु के प्रति आकर्षण का भाव नहीं रहता है। ऐसा तब हुआ था, जब मेरा दोस्त प्रवीण लंदन रहने चला गया था। बहुत समय तक मुझे बाज़ार तथा उसमें विद्यमान वस्तुओं के लिए नकार भाव उत्पन्न हो गया था।