'बाज़ारूपन' से क्या तात्पर्य है? किस प्रकार के व्यक्ति बाज़ार को सार्थकता प्रदान करते हैं अथवा बाज़ार की सार्थकता किसमें है?
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Solution
बाज़ारूपन से लेखक का तात्पर्य है कि बाज़ार को अपनी आवश्यकता के अनुरूप नहीं बल्कि दिखाने के लिए प्रयोग में लाना। इस प्रकार हम अपने सामर्थ्य से अधिक खर्च करते हैं और अनावश्यक वस्तुएँ खरीद लाते हैं, तो हम बाज़ारूपन को बढ़ावा देते हैं। हमें वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती है, बस हम दिखाने का प्रयास करते हैं कि हम यह खरीद सकते हैं। हमारी यह आदत हमें बाज़ार का सही प्रयोग नहीं करने देती है। बाज़ार को सार्थकता वही व्यक्ति दे सकते हैं, जो जानते हैं कि हमें क्या और क्यों खरीदना है? बाज़ार का निर्माण ही इसलिए हुआ है कि हमारी आवश्यकताओं को हमें दे सके। अतः जो व्यक्ति अपनी आवश्यकताओं को जानकर ही वस्तु खरीदते हैं और बाज़ार से उसे ही लेकर चले आते हैं सही मायने में वही बाज़ार को सार्थकता देते हैं।