1. जब आठ वर्ष के बालक को नुमाइश के लिए श्रीमान हादी के सम्मुख ले जाया गया।
2. जब बालक को सभी लोग घेरकर ऐसे प्रश्नों के उत्तर पूछते हैं, जो उसकी उम्र के बालकों के लिए समझना ही कठिन है।
3. बालक इस प्रकार के प्रश्नों को सुनकर असहज हो जाता था। वह प्रश्नों का उत्तर देते हुए आँखों में नहीं झाँकता बल्कि जमीन पर नज़रे गडाए रहता है। उसका चेहरा पीला हो गया है और आखें भय के मारे सफ़ेद पड़ गई हैं। उसके चहरे पर कृत्रिम और स्वाभाविक भाव आते हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि वह स्वयं से लड़ रहा है।
4. जब उससे इनाम माँगने के लिए कहा गया, तो उससे लड्डू की अपेक्षा किसी और ही तरह के इनाम माँगने की बात सोची गई थी। जब उसने बाल प्रवृत्ति के अनुरूप इनाम माँगा, तो सभी बड़ों की आँखें बुझ गई।