बिंब/मुहावरा | विशेषता |
(क) बात की चूड़ी मर जाना | कथ्य और भाषा सही सामंजस्य बनना |
(ख) बात की पेंच खोलना | बात का पकड़ में न आना |
(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना | बात का प्रभावहीन हो जाना |
(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना | बात में कसावट का न होना |
(ङ) बात का बन जाना | बात को सहज और स्पष्ट करना |
बिंब/मुहावरा | विशेषता |
(क) बात की चूड़ी मर जाना | बात का प्रभावहीन हो जाना |
(ख) बात की पेंच खोलना | बात को सहज और स्पष्ट करना |
(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना | बात का पकड़ में न आना |
(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना | बात में कसावट का न होना |
(ङ) बात का बन जाना | कथ्य और भाषा सही सामंजस्य बनना |