'बदलू' कहानी में दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात (व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भेदों में बाँटा गया है (क) व्यक्तिवाचक संज्ञा, जैसे-शहर, गाँव, पतली-मोटी, गोल, चिकना इत्यादि (ख) जातिवाचक संज्ञा, जैसे-चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। (ग) भाववाचक संज्ञा, जैसे-सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार, वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाएँ चुनकर लिखिए।
(क) |
व्यक्तिवाचक संज्ञा |
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जमींदार, मामा, बदलू। |
(ख) |
जातिवाचक संज्ञा |
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स्त्रियाँ, चारपाई, बेटी, बच्चे, चूड़ियाँ। |
(ग) |
भाववाचक संज्ञा |
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बीमार, बेरोजगार, प्रसन्नता, व्यक्तित्व, शांति, पढ़ाई। |