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Question

भारत में न्यायिक सक्रियता के विषय में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही है/हैं?

A
केवल 1 और 2
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B
केवल 1 और 4
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C
केवल 1, 2 और 4
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D
1, 3 और 4
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Solution

The correct option is B केवल 1 और 4
उपर्युक्त में से कथन (2) और (3) सही नहीं हैं।
  • भारत में न्यायिक सक्रियता की नींव 1970 के दशक में न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्णा अय्यर, न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती, न्यायमूर्ति ओ. चिन्नप्पा रेड्डी तथा न्यायमूर्ति डी.ए. देसाई ने रखी।
  • न्यायिक सक्रियता की अवधारणा का विकास अमेरिका में हुआ और इस शब्दावली का प्रयोग वर्ष 1947 में अमेरिकी इतिहासकार आर्थर शलेसिंगर जूनियर ने किया।
  • न्यायिक सक्रियतावाद में न्यायालय विचार के दौरान जनहित याचिका की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग करता है और जाँच अभिकरणों को आवश्यक निर्देश देता है।
  • जब जनसाधारण अपनी गरीबी, निरक्षरता और अज्ञानता की वज़ह से अपने अधिकारों एवं हितों की रक्षा नहीं कर पाता और न ही न्यायालय तक पहुँच पाता है, तो ऐसी स्थिति में कोई तीसरा पक्ष एक पोस्टकार्ड या तार के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर सकता है। अतः यह गलत है कि न्यायिक सक्रियता के अधिकांश मामले निचली अदालतों के निर्णय के विरुद्ध अपील के माध्यम से अस्तित्व में आये हैं।

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