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Question

भ्रातृशोक में हुई राम की दशा को कवि ने प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। क्या आप इससे सहमत हैं? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।

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Solution

हम इस कथन से बिलकुल सहमत है कि प्रभु की नर लीला की अपेक्षा सच्ची मानवीय अनुभूति के रूप में रचा है। राम अपने भाई की दशा देखकर एक साधारण मनुष्य की भांति विलाप करते हैं। वे प्रभु की तरह लीला नहीं रचते बल्कि एक बड़े भाई की तरह छोटे भाई के प्रेम में विहल हो उठते हैं। उनकी महानता, आदर्श तथा गुण भाई के विलाप में कहीं खो जाते हैं। वे भाई के प्रेम को याद कर करके रोते हैं। उनकी विवशता उनके मुँह से स्पष्ट रूप से अभिलक्षित होती है।

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