बिसनाथ अभी छोटे थे। माँ के दूध का सेवन ही कर रहे थे कि उनके छोटे भाई का जन्म हो गया। छोटे भाई के जन्म के कारण उन्हें माँ का दूध पिलाना बंद कर दिया गया। अब माँ का दूध छोटा भाई पीता था। बिसनाथ इसे स्वयं पर अत्याचार कहते हैं। माँ का दूध कट जाना उनके लिए अत्याचार के समान ही है। छोटा भाई माँ का दूध पिता और बिसनाथ को गाय के दूध पर निर्भर रहना पड़ा।