बकरी अपनी कहानी में क्या-क्या बताती?
बकरी ने कहानी सुनाई कि वह एक रात गाय के पास ही बंधी थी। अचानक बाघ आया और गाय पर झपटा। देखते-ही-देखते उसने गाय की गर्दन दबा डाली। यह देखकर मैं इतना डर गई कि मुझे होश ही नहीं रहा। थोड़ी देर बाद जब होश आया, तो देखा बाघ गाय को खा रहा था। मैं तो डरकर एक कोने में छिप गई। सुबह सारे लोग इकट्ठा हो गए। वे ये सब देखकर परेशान हो उठे। सब मिलकर मीरा बहन के पास आए। मीरा बहन ने बाघ को पकड़ने के लिए ऐसा पिंजड़ा बनवाया, जिसमें घुसते ही पिंजड़ा बंद हो जाता था। बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे में मुझे बांध दिया गया। मैं तो बहुत ही डर गई और ज़ोर-ज़ोर से मिमियाने लगी। डर के मारे में काँपने लगी। मैं ठंड भरी रात में भी पसीने से भीग गई थी। इतने में आधी रात में मीरा बहन ने पिंजड़े का दरवाजा बंद कर दिया। तब मेरी जान में जान आई और मैं बच गई। वह एक देवी की तरह मेरी सहायता के लिए आयी थीं।